बैंकों के विलय से ग्राहकों को नयी परेशानी, एफडी के ब्याज में कटौती ग्राहक लगा रहे बैंक के चक्कर
फोटो सोर्स गूगल
कानपुर शहर में बैंक के विलय होने के पश्चात एफडी के ब्याज में कटौती का मामला संज्ञान में आया है।ऐसे कई ग्राहक हैं जिनके खाते से एफडी के ब्याज की रकम काट ली गई। ब्याज में मिलने वाले रुपये में हर माह दो-दो हजार रुपये कटते चले गए। ग्राहकों के साथ पिछले 1 साल से ऐसी समस्याएं चली आ रही है मगर बैंक की तरफ से अभी तक कोई निराकरण नहीं हुआ है।
विज्ञापन द्वारा अभयकान्त मिश्र
बैंकों के विलय का संकट सह रहे पीडि़तों की संख्या हजारों में हैं जो अपने ही पैसे के लिए परेशान हैैं। विलय का एक वर्ष बीतने के बाद भी मुश्किलें दूर नहीं हुई हैैं। एक अप्रैल 2020 को 10 बैंकों का विलय कर चार बैंक बनाए गए थे। जिन बैंकों का विलय हो गया था, उन बैंकों के खाताधारकों को तमाम समस्याएं हुईं। ये समस्याएं एक वर्ष बाद भी खत्म नहीं हुई हैं। नीचे दिए दो केस ग्राहकों की समस्या समझाने के लिए काफी हैं।
केस-1 : स्वरूप नगर निवासी यश ने 20 लाख रुपये की एफडी की थी। उसके हर माह मिलने वाले करीब 11 हजार रुपये ब्याज से उनके पिता मनीष शुक्ला का खर्च चलता था। उनका खाता घर के पास ही स्थित इलाहाबाद बैंक की स्वरूप नगर शाखा में था। इंडियन बैंक के विलय के समय पिछले वर्ष से उनके खाते में दो-दो हजार रुपये हर माह कम होते चले गए और फिर रुपये आने बंद हो गए। तमाम शिकायतों के बाद पता चला कि उनके काटे गए 52 हजार रुपये उनकी एफडी में जुड़ गए हैं। बड़ी मुश्किल से उन्हें फरवरी 2021 से फिर से पूरा ब्याज मिलना शुरू हुआ लेकिन जो रुपये कट गए, उसे पाने के लिए वे अब भी चक्कर लगा रहे हैं।
केस-2 : साकेत नगर निवासी कुसुम अवस्थी का बर्रा स्थित ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स में खाता था। उस खाते में 22 हजार रुपये थे। बैंक का विलय पंजाब नेशनल बैंक में होने के बाद उनके खाते का बैलेंस शून्य दिखाने लगा। इस पर वह बैंक मैनेजर से मिलीं और समस्या बताई। पहले तो बैंक ने साफ मना कर दिया कि उनके खाते में कोई धन नहीं है। इस पर उन्होंने बैंक से आए एक पत्र को उन्हें दिखाया जिसमें साफ था कि उनके खाते में 22 हजार रुपये थे। उसके बाद से अब तक बैंक का स्टाफ हर बार कुछ माह में रुपये वापस आने की बात कहता जा रहा है लेकिन हुआ कुछ भी नहीं जबकि उन्होंने केवाईसी तक दोबारा दे दी।
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