विवेक मिश्र राष्ट्रीय खिलाड़ी, संविदा की नौकरी छूटी, दायित्व निर्वाहन के लिए मज़दूरी एक मात्र विकल्प।
8 साल तक यूपी के लिए नेटबॉल खेलने वाले विवेक मिश्र का परिवार आर्थिक तंगी का शिकार हो गया। उत्तर प्रदेश को खेल के मैदान में कई मेडल दिलाने वाले विवेक मिश्र का परिवार आर्थिक तंगी से जूझ रहा है। हालात यह हो गए हैं कि एक राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी को दिहाड़ी मजदूरी कर अपने परिवार का जीविकोपार्जन करना पड़ रहा है। विवेक का कहना है कि एक खिलाड़ी को ऐसे ही भुला दिया जाएगा हमने कभी सपने में भी नहीं सोचा था।
हाइलाइट्स
उत्तर प्रदेश को खेल के मैदान में कई मेडल दिलाने वाले विवेक मिश्रा का परिवार आर्थिक तंगी से जूझ रहा है।
हालात यह हो गए हैं कि एक राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी को दिहाड़ी मजदूरी कर अपने परिवार का जीविकोपार्जन करना पड़ रहा है।
विवेक का कहना है कि एक खिलाड़ी को ऐसा ही भुला दिया जाएगा हमने सपने में नहीं सोचा था।
यूपी के लिए खेलते थे नेटबॉल।
जिले के पहाड़ी ब्लॉक के चदेलवा गांव निवासी विवेक मिश्र नेट बॉल के राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी हैं। विवेक नेटबॉल की यूपी टीम के लिए खेलते हुए कई पदक भी हासिल कर चुके हैं और आज भी यूपी सीनियर टीम के सदस्य हैं। विवेक की नौकरी संविदा के पद पर मिर्जापुर के स्टेडियम में लगी थी, लेकिन मार्च 2020 में कोरोना काल में वह भी छिन गई। ऐसे में विवेक अब बेरोजगार है और परिवार का जीविकोपार्जन करने के लिए दिहाड़ी मजदूरी करने को मजबूर हो गए।
हमने 8 साल तक नेटबॉल को खेला है, कई पदक भी दिलाए हैं। उसके बाद भी कोई सुनने वाला नहीं है। हालात यह है कि भुखमरी की नौबत आ गई है, ऐसे में हमें सहारा की जरूरत है। जिससे हमारा खेल और परिवार भी चल सके और हमारी डिग्री के अनुसार हमे नौकरी दिलाने में मदद की जाए।
मंत्री ने दिया मदद करने का आश्वासन
विवेक के बारे में जब आखिरी सच टीम नें फोन वार्ता की तब माननीय ऊर्जा राज्यमंत्री रामशंकर पटेल नें कहा कि हमे पता नहीं है । लेकिन अगर उन्होंने यूपी का नाम बढ़ाया है, तो जरूर हम उनकी मदद करेंगे। और जरूरी हुआ तो सरकार तक विवेक की बात ले जाएंगे।
लेकिन मदद के नाम पर सरकारी एक धेला भी नही मिला है विवेक मिश्र जी को। वहीं एक तरफ पारिवारिक सदस्यों के जीवन यापन के लिए धनोपार्जन प्रमुख आवश्यकता है, जबकि राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी होने के कारण मर्यादा बाधक पड़ रही थी, लेकिन कर्जदारों के कर्ज की भरपाई व पारिवारिक दायित्वों के कारण मुझे दिहाड़ी मजदूरी के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
आखिरी सच समाचार पोर्टल की सभी सनातन धर्मी लोगों से अनुरोध है इस परिवार को हर परिवार से कम से कम 1 रूपया अनुदान जरूर भेजें।
मिश्रा के परिवार का दर्द पर कुछ तथ्य।
खाता विवरण।
नाम -विवेक कुमार मिश्रा
बैंक – भारतीय स्टेट बैंक
खाता संख्या – 36180867457
IFSC – SBIN0011239
शाखा – पंडरी जिला मिर्जापुर
फोन नम्बर/ पेटियम नम्बर 8707817644

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