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इंद्रकांत त्रिपाठी प्रकरण, फरार आइपीएस मणिलाल पाटीदार के साथ आरोपित बर्खास्त सिपाही अरुण यादव पर आय से अधिक संपत्ति का मुकदमा दर्ज।

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महोबा क्रशर कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी मौत प्रकरण में फरार आइपीएस मणिलाल पाटीदार के साथ आरोपित बर्खास्त सिपाही अरुण यादव पर आय से अधिक संपत्ति का मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोप है कि उसने 21 लाख रुपये की आय के सापेक्ष 76 लाख रुपये से अधिक का व्यय किया। अतिरिक्त 55 लाख रुपये के खर्च का ब्योरा भी वह नहीं दे सका।
    भ्रष्टाचार निवारण संगठन झांसी के निरीक्षक सुरेंद्र सिंह ने सदर कोतवाली में तहरीर देकर बताया कि बर्खास्त सिपाही अरुण निवासी ग्राम कुशगवां अहिरान निवाड़ी थाना बकेवर इटावा के विरुद्ध गांव के ही अमर सिंह ने 18 अप्रैल 2019 को आय से अधिक संपत्ति की शिकायत की थी। उस समय बर्खास्त सिपाही स्पेशल आपरेशन ग्रुप (एसओजी) में था। बकौल निरीक्षक मामले की जांच में पता चला कि बर्खास्त सिपाही ने आय के सभी ज्ञात व वैध स्रोतों से कुल 21,24,800 रुपये की आय अर्जित की।
इसी अवधि में उसका परिसंपत्तियों के अर्जन एवं भरण पोषण पर किया गया खर्च 76,26,967 रुपये पाया गया। उसने 55,02,167 का अधिक व्यय किया। इस संबंध में बर्खास्त सिपाही से पूछताछ की गई, लेकिन वह ब्योरा नहीं दे सका। इसके बाद सदर कोतवाली में आय से अधिक संपत्ति का मुकदमा दर्ज हुआ।
पूर्व में भी दर्ज हो चुके है कई मुकदमे, स्वजन भी आरोपित।
    अरुण पर आय से अधिक संपत्ति का यह कोई पहला मुकदमा नहीं है। सितंबर 2020 में कबरई के क्रशर कारोबारी इंद्रकांत की मौत और भ्रष्टाचार के मामले में फरार आइपीएस मणिलाल पाटीदार के साथ ही उसे भी आरोपित बनाकर मुकदमा दर्ज कराया गया था। इसी माह नौकरी दिलाने के एवज में पांच लाख की धोखाधड़ी का मुकदमा सदर कोतवाली में दर्ज हुआ था। ग्राम कराहता गढ़वाना जनपद औरैया निवासी विकास यादव ने बताया था कि अरुण के एक रिश्तेदार के जरिए कुछ साल पहले उससे जान-पहचान हुई थी। अरुण ने पुलिस विभाग में फालोवर की नौकरी दिलाने के नाम पर पांच लाख रुपये ले लिए थे लेकिन नौकरी नहीं लगी। पैसे वापस मांगे तो सिपाही व स्वजन ने धमकाया था। तहरीर पर आरोपित सिपाही अरुण, उसके चाचा रघुराज, छोटे भाई नीरज यादव, पिता
ध्यान सिंह व छोटे चाचा पर मुकदमा दर्ज हुआ था। इसी माह 10 लाख की धोखाधड़ी मामले में कबरई थाने और अब आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया गया है।
महोबा में अरुण यादव के पास थी कारोबारियों की कुंडली, वसूलता था रकम।
    महोबा सदर कोतवाली में करीब 14 साल तक तैनात रहा आरोपित बर्खास्त सिपाही अरुण यादव अपने पास कारोबारियों की पूरी कुंडली रखता था। जिले के साथ ही हमीरपुर, बांदा व चित्रकूट तक फैले नेटवर्क के माध्यम से मोटी रकम वसूलता था।
कबरई के विस्फोटक कारोबारियों के मुताबिक, क्रशर कारोबारी की मौत के मामले में अरुण यादव की अहम भूमिका रही है। खनन की गलत गतिविधियों से वाकिफ होने के कारण उसने अवैध धन वसूली के तमाम रास्ते निकाल रखे थे। यही रास्ते बताकर वो जिले के उच्चाधिकारियों का भी खास बन जाता था। बाद में उनकी सरपरस्ती में पहाड़ खनन क्षेत्रों, क्रशर प्लांटों व विस्फोटक कारोबारियों से वसूली शुरू कर देता था। सूत्रों के मुताबिक, कबरई थानाक्षेत्र के रिवई सुनैचा गांव में जुआ अड्डों से भी उसे मोटी रकम पहुंचती थी। क्रशर कारोबारियों के अनुसार, डेढ़ साल से पत्थर मंडी में मंदी के दौरान जब विस्फोटक कारोबारी घाटे में थे, तभी तत्कालीन एसपी मणिलाल ने सिपाही अरुण के माध्यम से ही एक कारोबारी को बुलाकर पांच-छह लाख रुपये महीने देने पर ही विस्फोटक बेच पाने की बात कही थी।
उसने रुपये देने शुरू भी कर दिए थे। इसी क्रम में दिवंगत इंद्रकांत से भी जुलाई व अगस्त 2020 में छह-छह लाख रुपये लिए गए थे। लगातार घाटे से परेशान होकर उन्होंने जब आगे रुपया देने से मना किया तो तत्कालीन एसपी ने झूठे आपराधिक मामलों में फंसाने की धमकी दी थी। इसी के बाद परेशान होकर बीते सात सितंबर 2020 को वीडियो वायरल करके दास्तां बताई थी। मुख्यमंत्री को भी पत्र भेजकर एसपी से अपनी जान का खतरा बताया था। एसआइटी के सामने विस्फोटक कारोबारी केशव सविता, अनंतराम शुक्ला ने भी आरोपित सिपाही के माध्यम से वसूली कराने का आरोप लगाया था।
    बर्खास्त सिपाही अरुण यादव के पास चार जिलों में मकान और 22 डंपर, संपत्ति जानकर दंग रह गये सभी।
    क्रशर कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी की मौत के मामले में आरोपी सिपाही अरुण यादव (बर्खास्त) के बारे ऐसी जानकारी सामने आई है, जिसे जानकर दंग रह जाएंगे लोग। बताया जा रहा है कि बर्खास्त सिपाही के पास कानपुर, लखनऊ और इटावा में कई मकान हैं। साथ ही वह 22 डंपरों का मालिक है। इंद्रकांत के भाई रविकांत ने अरुण यादव की चल और अचल संपत्ति का ब्योरा जुटाया है।
     इंद्रकांत के भाई रविकांत का कहना है कि आरोपी सिपाही अरुण यादव की संपत्ति के बारे में उन्होंने काफी जानकारी जुटा ली है। रविकांत के मुताबिक अरुण के पास करहता, औरैया, भरथना, इटावा के तालपार, लखनऊ के आशाराम रोड पर डुप्लेक्स फ्लैट, कानपुर के श्यामनगर रामपुरम में मकान, कृष्णा नगर, लखनऊ में फ्लैट है। भरथना इटावा में 35 बीघा जमीन भी है। इसके अलावा 22 डंपर होने की बात सामने आई हैं। कई डंपरों से नंबर भी उनके पास हैं।
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