सुल्ली डील्स एप मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें डालने का मामला, दिल्ली पुलिस ने की कार्रवाई।
दिल्ली। एक ऐप पर मुस्लिम युवतियों की तस्वीरें अपलोड कर उनकी ‘नीलामी’ किए जाने का मामला सामने आया है। 80 से ज्यादा महिलाओं की ‘बोली’ लगाई गई। कुछ पीड़ित युवतियों ने दिल्ली पुलिस से शिकायत की जिसके बाद साइबर सेल ने एफआईआर दर्ज कर ली है। ट्विटर पर इस पूरे प्रकरण से हंगामा मचा हुआ है। मंगलवार को ‘रितेश झा’ नाम के शख्स के आसपास ट्रेंड्स चलते रहे। इस शख्स का नाम पहले भी ऑनलाइन यौन अपराधों में सामने आ चुका है।
क्या है यह मोबाइल ऐप?
ऐप का नाम एक एक भद्दा टर्म है जिसे मुस्लिम महिलाओं के लिए कुछ लोग इस्तेमाल करते हैं। गिटहब पर मौजूद इस ऐप को ओपन करने पर यूजर को मेसेज दिखेगा कि ‘Find your **** Deal of the Day’। आगे बढ़ने पर आपको रैंडमली किसी मुस्लिम महिला की फोटो दिखेगी जो उनके सोशल मीडिया अकाउंट से उठाई गई होगी। इस ऐप की चर्चा तब शुरू हुई जब ट्विटर पर इन लोगों ने ‘डील ऑफ द डे’ करके तस्वीरें शेयर करनी शुरू कीं। ऐप को GitHub ने हटा दिया है।

बिना परमिशन अपलोड की गई महिलाओं की तस्वीरें।
‘*** फॉर सेल’ नाम से एक ओपन सोर्स ऐप बनाई गई। इसमें महिलाओं के ट्विटर हैंडल से जानकारियां और पर्सनल फोटो चोरी कर डाली गईं। फिर इन्हें सार्वजनिक तौर पर नीलाम किया गया। इसी को ‘*** डील्स’ कहा गया। यह ऐप लोगों को नोटिफिकेशन भेजता था कि ‘फाइंड योर **** डील ऑफ द डे’। इस ऐप पर सैकड़ों महिलाओं की तस्वीरें बिना परमिशन के अपलोड की गई थीं।
मुस्लिम लड़कियों से जानिए आपबीती।
दिल्ली में रहने वाली नाबिया खान की तस्वीर भी ऐप पर शेयर हुई। उन्होंने हमारे सहयोगी इंडियाटाइम्स से बातचीत में कहा, “बेसिकली उस ऐप पर हमारी जानकारी के बिना हिंदू मर्दों ने हमें नीलाम किया।” खान ने कहा, “आप उन लोगों के जरिए नीलाम किए जा रहे हैं जिनके पीछे सत्ता का एक पूरा तंत्र है। आपको लगता है कि आपके पास कोई ताकत नहीं है और इससे बेहद तनाव होता है, रातों को नींद नहीं आती। ऐसा इसलिए क्योंकि आप जानते हैं कि कानून कभी आपकी रक्षा नहीं करेगा।”
GitHub ने शिकायत मिलने के बाद ऐप बनाने वाले यूजर को सस्पेंड कर दिया है। नाबिया ने कहा कि उन्हें उनके धर्म की वजह से निशाना बनाया गया। उन्होंने कहा, “आमतौर पर पुरुषों को ऐसी महिलाओं से डर लगता है जो आगे बढ़कर बात करती है। खुलकर बोलना ही महिलाओं पर हमला करने के लिए काफी है। और खुलकर बोलने वाली मुस्लिम औरत तो सबसे बड़ा खतरा है।”
रितेश झा कौन है? अरेस्ट करने की क्यों उठ रही डिमांड।
रितेश झा का नाम पिछले साल चर्चा में आया था जब कुछ कॉल रिकॉर्डिंग्स लीक हुईं थी। कथित रूप में इनमें उसने कबूला था कि उसने घर में काम करने वाली मुस्लिम महिला का यौन शोषण किया और उसका वीडियो इंटरनेट पर डाला। यूट्यूब पर Liberal Doge नाम के चैनल पर मुस्लिम महिलाओं की ईद वाली तस्वीरों को सेक्सुअलाइज किया गया। इसमें भी रितेश का नाम आया।
ट्विटर पर कुछ चैट के स्क्रीनशॉट्स भी शेयर किए जा रहे हैं जिनमें रितेश कथित रूप से हिंदू लड़कों को ‘मुस्लिम महिलाओं को टारगेट करने’ को कह रहा है। यह साफ नहीं है कि ‘*** डील्स’ प्रकरण से रितेश का लेना-देना है या नहीं, मगर उसे अरेस्ट करने और समर्थन में ट्रेंड जरूर चल रहे हैं।
क्या है मामला?
दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरे सुल्ली डील्स एप पर डालने के मामले में एक एफआईऱ दर्ज की है। दरअसल अलग अलग सोशल मीडिया साइट से मुस्लिम महिलाओं की फोटो लेकर होस्टिंग प्लेटफार्म गिटहब की मदद से सुल्ली डील नाम का एप बनाया गया था। आरोप है कि यहां मुस्लिम महिलाओं की फोटो लगाकर उनकी नीलामी की बात कही गई। दरअसल सुल्ली शब्द को मुस्लिम समाज में गलत माना जाता है। ये मामला महिला आयोग के संज्ञान में तब आया जब ट्विटर पर लोगों ने इसके बारे में लिखना शुरू किया।

गुरुवार को दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल इस मामले को लेकर खुद दिल्ली पुलिस के कमिश्नर बालाजी श्रीवास्तव से मिलीं। स्वाति मालीवाल ने प्रेष को बताया, “हमने नोटिस किया कि एक वेबसाइट है जिसका नाम है सुल्ली एप है। उस वेबसाइट के ऊपर मुसलमान लड़कियों को बेचा जा रहा था। उनकी फोटो को चुराकर एक अलग तरीके से गंदे तरीके से यह कहा जा रहा था कि डील ऑफ द डे कौन सी मुसलमान लड़की चाहिए। यह बहुत ही गलत है और इसको किसी भी तरीके से बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और इसलिए दिल्ली महिला आयोग ने कल दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया कि इस पर अभी तक एफआईआर क्यों नहीं की गई है, एक्शन क्यों नहीं लिया गया है? इस पर पूरा एक्शन होना चाहिए और आज बताया जा रहा है कि दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने एक एफ आई आर दर्ज की है, और इस पर एक्शन हो रहा है। मैं चाहती हूं कि ऐसे जो भी लोग हैं उन्हें अरेस्ट करके सख्त से सख्त सजा देने की जरूरत है, क्योंकि देश में यह बर्दाश्त नहीं होगा।”
पुलिस ने ये एफआईआर राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल पर मिली एक शिकायत पर की है। ये जानकारी दिल्ली पुलिस के पीआरओ चिन्मय बिस्वाल ने दी। उन्होंने बताया कि शिकायत पर FIR दर्ज की गई है। साइबर सेल ने 7 जुलाई को आईपीसी की धारा 354-ए के तहत मामला दर्ज कर लिया है और मामले की जांच की जा रही है। अभी तक ये साफ नहीं हो पाया है कि आखिरकार सुल्ली एप पर किसने इन तस्वीरों को किसने डाला। जब ट्विटर पर लोग इसपर प्रतिक्रिया देने लगे तब जाकर इस मामले के बारे में पता चला।

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