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30 लाख की चोरी की स्क्रिप्ट तैयार कर स्वयं के घर में की चोरी, नौकरानी से पूछताछ में हुआ रहस्योद्घाटन, पिता नें शिकायत वापस ली।

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नोएडा में पढ़ने वाले एक इंजीनियरिंग के छात्र ने अपने ही घर में तीस लाख रुपये की चोरी की वारदात की स्क्रिप्ट लिखी थी। घटना की राजदार नौकरानी से कोतवाली पुलिस ने जब पूछताछ की तो पूरी कहानी साफ हो गई। बेटे के कारनामे की जानकारी होने पर व्यापारी ने पुलिस को लिखित रूप से दे दिया कि घर में चोरी नहीं हुई है। इस पर पुलिस ने भी राहत की सांस ली है।

देवरिया शहर के भुजौली कालोनी निवासी श्रवण मद्धेशिया लोहे के स्क्रैप के कारोबारी हैं। मंगलवार को पत्नी इंदु देवी और बीटेक अंतिम का छात्र बेटा दीपक कुमार कोरोनारोधी टीके की दूसरे डोज लगवाने के लिए करीब दस बजे गौरी बाजार सीएचसी गए थे। भीड़ देखकर पुत्र ने व्यापारी को फोन पर बताया कि शाम होने पर नंबर आएगा। इस पर श्रवण ने घर आकर भोजन करने को कहा। मां-बेटे घर पहुंचे तो यहां मकान का ताला टूटा मिला। बेटे ने पुलिस को सूचना देकर बुलाया और पिता ने बताया कि 14 लाख रुपये नगद और सोने के करीब 16 लाख रुपये के सोने के जेवर चोरी हो गए हैं।

सीओ सिटी श्रीयश त्रिपाठी ने एसएसआई विपिन मलिक को घटना के पर्दाफाश की जिम्मेदारी दी। बुधवार को कोतवाल राजू सिंह ने घटना का पर्दाफाश करते हुए बताया कि  पुलिस ने शक के आधार पर घर में काम करने वाली नौकरानी को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने सच उगल दिया।

नौकरानी से कई बार करता था बात।

उसने घटना का मास्टर मांइड व्यापारी के पुत्र को बताया। इस पर पुलिस ने व्यापारी पुत्र को भी हिरासत में ले लिया। पुलिस को नौकरानी ने बताया कि उसके सामने तिजोरी में रखे रुपये और जेवर व्यापारी के पुत्र ने सुबह निकाले थे। दोनों एक दूसरे से मोबाइल पर अक्सर बात भी होती थी।

पुलिस ने पुत्र से जब कड़ाई से पूछताछ की तो उसने बताया कि रुपये और जेवर की चोरी दूसरे ने नहीं किया है, हमने ही जेवर, नगदी दूसरी जगह रख दिए हैं। कुछ दिन बाद नोएडा जाने वाले थे। ऐेसे में मकान का ताला तोड़कर चोरी की घटना का रूप दे दिया गया।

एसएसआई विपिन  मलिक ने बताया कि नौकरानी से युवक के अच्छे रिश्ते थे। दोनों की अक्सर मोबाइल पर देर तक बात भी होती थी। एक साल से काम  करने के वजह से पूरे परिवार के साथ घुलमिल चुकी थी। नौकरानी  के बारे में चर्चा है कि वह एक जगह और काम करती है, वहां पर भी गलती करने उसको भगा दिया गया था। व्यापारी ने मामले में मुकदमा दर्ज करने की जगह पुलिस को लिखित रूप से बताया है कि उसके घर चोरी की वारदात नहीं हुई है।

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