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वेदांता ने माइनरी की जान मजदूर की ज़िन्दगी व परिवारों के बर्बादी की कीमत पर लूटा खनिज।

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उपरोक्त पत्र साबित करता है कि वेदांत ने सभी नियमों का खुला उल्लंघन किया है व जन भावनाओं के साथ बर्बर बलात्कार भी सरकारी मशीनरी की हरामखोरी की भावना के कारण, होता चला आ रहा है।

जिसके क्रम में एक गोल्ड मेडलिस्ट इन्जीनियर श्री आरके सिंह जी द्वारा लगातार वेदान्ता प्रबन्धन के गलत के क्रम में उचित अथारिटीज़ के संज्ञान में दिया गया व उसका परिणाम ढा़क के तीन पात रहा। व श्री सिंह को लगातार प्रबन्धन द्वारा उलट प्रताड़ित किया जाता रहा।

29 जून को अगुचा जिंक माइंस में मजदूरों की हत्या।

श्री सिंह द्वारा एक नही बल्कि वेदान्ता के हर बर्बर बलात्कार की सूचना समय समय पर सक्षम जिम्मेदारों तक पहुँचाई गयी लेकिन सरकारी मशीनरी की हरामखोरी की भावना व पूँजीपतियों के चरण चाटन के कारण हमेशा ही हर जाँच की आख्या नवीन अग्रवाल के दम? कागज की गड्डियों में शिकायत निराधार है बता कर समस्या की इतिश्री जिम्मेदारों द्वारा की गई।

खनन सुरक्षा महानिदेशक को वेदांत की असुरक्षित संस्कृति के बारे में सूचित किया गया था, लेकिन उनके कठोर दृष्टिकोण ने वेदांत को प्रोत्साहित किया जिसके परिणामस्वरूप दो खनन मजदूरों के परिवारों का भविष्य अंधकारमय हो गया उनके परिवार का सूरज सदैव के लिये काल के गाल में समा गया। और 3 खनन कर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए।

राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में सोमवार को खनन गतिविधि में जिंक की खदान में लगे मजदूरों पर भारी पत्थर गिरने से उनकी मौत हो गई। बिना सरकारी अनुमति के विस्फोट किया जा रहा था।

खनन केंद्र क्रोमाइड के खनन उडी़सा राज्य के जाजपुर जनपद के सुकिण्डा खनन क्षेत्र में असुरक्षित खनन कार्य जारी है, जो निकट भविष्य में बड़ी दुर्घटना का कारक बनेगा इसकी सूचना डीजीएमएस को फरवरी माह में सुरेश पुत्र भोला शाह राँची द्वारा जिम्मेदारों को दी गयी, सूचना देने के चार महीने बाद 17 व 18 जून को खनन स्थल का निरीक्षण डीजी एम एस विभाग से टीम द्वारा निरिक्षण किया गया। निरिक्षण केवल दौरान स्थानीय पत्रकार भी मौजूद रहे। जिन्हें मौखिक रूप से बताया गया कि ठम्प व खनन की हालात अत्यन्त असुरक्षित हैं, उच्चस्तरीय अधिकारियों के आदेश प्राप्ति पर सभी को सीज किया जायेगा।

श्री सुरेश कुमार तथा स्थानीय पत्रकारों के आग्रह करें व भारत सरकार श्रम मंत्रालय के निर्देश के बाद भी रिपोर्ट आज तक उपलब्ध व कार्यवाही सिफर रही व खनन का असुरक्षित क्रियान्वयन जारी है।
क्या सरकार विभाग व वेदान्ता प्रबन्धन व प्रशासन भविष्य में होनें वाली दुर्घटना में जिम्मेदार होगा, जिम्मेदारी कौन लेगा।

राजस्थान में हाल ही की घटना।

जीवनराज जाट और खेम ​​बहादुर के रूप में पहचाने जाने वाले श्रमिकों के सिर में गंभीर चोटें आईं, जब वे रामपुरा अगुचा खदान में काम कर रहे थे।

इनमें से एक की मौके पर ही मौत हो गई जबकि दूसरे की इलाज के दौरान भीलवाड़ा के एक अस्पताल में मौत हो गई।


सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 के तहत आवेदन।

 

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