बिहार थाने में 4 घंटे खड़े रहे IAS सुधीर कुमार, नहीं दर्ज हुई FIR, तेजस्वी ने सीएम नीतीश को घेरा।

बिहार की राजनीति में उस समय हड़कंप मच गया जब एक IAS अधिकारी सीएम नीतीश कुमार के खिलाफ FIR दर्ज करवाने पहुंच गए। IAS अधिकारी का नाम सुधीर कुमार है जो 2017 में बीपीएससी पेपर लीक मामले में जेल जा चुके हैं। शुक्रवार को वे पटना के एससीएसटी थाना में बिहार के मुख्यमंत्री के खिलाफ FIR दर्ज करवाने पहुंच गए थे। लेकिन उनकी तरफ से बताया गया कि वे ये FIR दर्ज नहीं करवा पाए हैं।
राजधानी पटना में शनिवार को अपने मामले को दर्ज कराने सचिव स्तर के अधिकारी सुधीर कुमार घंटों थाने में बैठे रहे। पर थाने में किसी ने FIR दर्ज नहीं किया। पटना के गर्दनीबाग स्थित SC-ST थाने में आज दोपहर कागजातों के साथ सचिव सुधीर कुमार पहुचे थे। घंटों खड़े रहने के बाद भी प्रभारी मामला दर्ज करने नहीं पहुंचे। काफी देर के बाद थाने पहुंचे थानेदार ने यह कहते हुए FIR दर्ज करने से मना कर दिया की FIR कि कॉपी अंग्रेजी में लिखी गई है। बाद में निराश होकर सुधीर कुमार को वापस लौटना पड़ा। थानेदार में सीनियर अधिकारी का थाने में मामला दर्ज नहीं होने पर मामला ने राजनीतिक रंग ले लिया और विपक्ष ने बड़े सवाल खड़े किये।
CM के खिलाफ FIR क्यों दर्ज करवाना चाहते हैं?
बताया जा रहा है कि सुधीर कुमार थाने में चार घंटे तक बैठे रहे और किसी ने भी FIR दर्ज करने की जहमत नहीं दिखाई। इसके बजाय थानेदार थाना छोड़ चार घंटे के लिए गायब हो गए। अब वे क्यों गए और क्या करने गए, इसका कोई जवाब नहीं दिया गया। लेकिन FIR कॉपी को लेकर थानेदार ने बोला है कि कॉपी अंग्रेजी में दी गई थी और उन्हें अंग्रेजी समझने में दिक्कत होती है। सुधीर कुमार के मुताबिक वे मार्च में भी शास्त्रीनगर थाने में मामला दर्ज करवाने पहुंचे थे लेकिन वहां भी कुछ नहीं हुआ और सिर्फ एक मुहर लगाकर वापस भेज दिया गया। सुधीर कुमार द्वारा जानकारी दी गई है कि वे नीतीश कुमार के अलावा और भी कई सारे IAS अधिकारियों के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाने जा रहे हैं।
बता दें कि सुधीर कुमार बिहार कर्मचारी चयन आयोग के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं। उन पर आरोप था कि 2014 में अध्यक्ष पद पर रहने के दौरान इंटर स्तरीय संयुक्त परीक्षा का पेपर लीक हुआ था, जिसमें उन्हें दोषी बताया गया था। इसी मामले में 2017 में उनको निलंबित करते हुए गिरफ्तार किया गया था। अब चार साल बाद उनके अचानक SC/ST थाने पहुंचने के बाद एक बार फिर से विवाद चर्चा में आ गया है।
तेजस्वी ने बोल दिया हमला।
ये मामला बिहार की राजनीति को किस कदर गरमा सकता है, ये इसी बात से समझा जा सकता है कि आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कई सवाल खड़े करते हुए मामले को गंभीर बताया। तेजस्वी यादव ने कहा कि सुधीर कुमार मुख्यमंत्री और अधिकारियों पर FIR दर्ज करने पहुंचे थे। पर बिहार में FIR तक दर्ज नहीं होता। बिहार में सचिव स्तर के अधिकारी की भी नहीं सुनी जाती तो आम आदमी की कौन सुनेगा। तेजस्वी ने कहा कि किस बात से सीएम नीतीश कुमार डर रहे हैं। मुझ पर भी FIR दर्ज हुआ था तो मैंने खुलकर कहा था कि कानून जो भी करवाई करनी चाहे करे। तेजस्वी ने मामले को गंभीर बताते हुए कहा कि अगर FIR दर्ज होता है तो सीएम नीतीश कुमार और उनके प्रधान सचिव बुरे फसेंगे। आज बिहार में मंत्री, विधायक और अधिकारी सभी सवाल खड़े कर रहे है। बिना समय गंवाए सीएम नीतीश कुमार पर निशाना साध दिया है। उनकी तरफ से सवाल खड़े किए गए हैं कि नीतीश कुमार के खिलाफ FIR क्यों नहीं की जा रही। ट्वीट में लिखा है- शर्मनाक और निंदनीय। बिहार में एक अपर मुख्य सचिव स्तर के वरिष्ठ अधिकारी को FIR दर्ज कराने के लिए तरसना पड़ रहा है। बिहार में आप गवर्नेंस की बस कल्पना करिए। ऐसे ही थोड़े ना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भ्रष्टाचार के भीष्म पितामह कहलाए जाते हैं।
कांग्रेस ने भी मामले पर उठाया सवाल।
आईएएस अधिकारी की FIR दर्ज नहीं होने पर सवाल खड़ा करते हुए कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता राजेश राठौर ने कहा कि कौन सी राज को छुपाने की कोशिश की जा रही है। अगर मामला सामने आया तो कई प्रधान सचिव स्तर के अधिकारी जेल में जाएंगे।
इंटर प्रतियोगिता परीक्षा मामले में सुधीर कुमार गए थे जेल।
बिहार में 2017 में हुए इंटर स्तरीय पहले प्रतियोगिता परीक्षा में प्रश्नपत्र लीक होने के मामले में सुधीर कुमार का नाम आया था। जांच के बाद सुधीर कुमार को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद बिहार के आईएएस लॉबी में हड़कंप मच गया था।
इस मामले में एससीएसटी थानाध्यक्ष और गर्दनीबाग थाना अध्यक्ष ने मीडिया को बताया कि अधिकारी का आवेदन ले लिया गया है और जांच के बाद जो विधि संवत करवाई होगी वो की जाएगी।
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