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समय की मांग है, एसएमसी की ही तरह बनें हर पुरवे में एफएमसी व फैडरेशन करके बने स्तरानुसार समितियाँ- डा0 पाण्डेय

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MSP गारंटी का मतलब है कि उससे नीचे कोई नही खरीद सकता। MRP का मतलब है कि उससे ऊपर कोई नही बेच सकता। इसलिए दोनों के लिये कानून बनना चाहिए। डिमांड और सप्लाई के अनुसार दाम घटाना बढ़ाना सबसे बड़ा भ्रष्टाचार है। इसी के दम पर सारी काला बजारी होती है। यही करके व्यापारी अकूत सम्पति इकठ्ठा करते है। जरूरी नही की ये भ्रष्टाचार सिर्फ देश के अंदर हो देश के बाहर भी डंप करके किया जा सकता है। जैसे शरद पवार ने चीनी पहले सस्ते में निर्यात करके महँगे में उन देशों से आयत किया जहाँ गन्ने का उत्पादन ही नही होता।

 

दुनिया के सभी देशों के किसानों को मिलकर अपना एक संघटन बनाना चाहिए। जैसे WTO व्यपारियो ने किसानों को लूटने के लिये बनाया है उसी तरह किसानों को बचाने के लिये बनाना चाहिए WFA वर्ल्ड फार्मर एसोसिएशन। उतना ही उत्पादन करे जितना दुनिया को जरूरत है दुनिया मे कोई भूखा न मरे कोई किसान दुनिया मे आत्महत्या न करे। इसलिये इस संगठन की सख्त जरूरत हैं। वरना दुनिया में व्यापारी ऐसे ही किसानों को बर्बाद करते रहेंगे। वैसे किसानों के नाम पर तमाम फर्जी संघठन बने है। जो राजीनतिक दलों के पालतू संघटन है जिनका काम विपक्ष की सरकार के खिलाफ चिल्लाना है। लेकिन जहाँ अपनी पार्टी की सरकार हो वहाँ खामोश रहना। तमाम किसान संघटन एक दूसरे किसान नेता को चोर कहते है। उनकी चोरी से बचने के लिये नया संघटन बना लेते है। इसी तरह अभितक सैकड़ो संघटन बन चुके है। जिनका काम है फर्जी आंदोलन के दम पर फोटो खिंचवाने की, दुनिया मे नाम कमाने की। असल मे ये भी नही चाहते किसान मजबूत हो और समस्या का समाधान हो।

70 साल से ऐसे तमाम फर्जी किसान नेता मंत्री विधायक सांसद भी बन चुके है। लेकिन कहते है हम कुछ नही कर सकते है। हमारे नेता जी ने WTO से एग्रीमेंट कर रखा है अरे भाई आपने किसान से एग्रीमेंट नही कर रहे है कि आपकी फसल MSP से नीचे नही बिकने देंगे। क्यों भाई आपने अडाणी के गोदाम में माल रखने का गोदाम तैयार होने से पहले ही कर लिया। विदेशी और स्वदेशी कंपनियों से एग्रीमेंट कर लिया। करोड़ो रुपये विज्ञापन पर खर्चा कर दिया बताने के लिये की इतनी कंपनिया भारत मे आ रही है। देश की जनता को लूटने के लिये। क्योंकि ये कंपनियां रोजगार देगी अरे भाई जिन देशों से ये कंपनियां आ रही है क्या उन देशों की बेरोजगारी खत्म कर दी। जो यहाँ बेरोजगारी खत्म करने का ठेका आपने इनको दे दिया है। अरे भाई इन्ही स्वदेशी और विदेशी कंपनियों ने हमारे देश के करोड़ों लोगों को बेरोजगार बना दिया है। बड़े बड़े मशीन लगाकर।

कपड़े के सेक्टर में लाखों बुनकर आत्महत्या कर चुके है और करोड़ो आत्महत्या करने के रास्ते पर चल रहे है। इसी तरह हर सेक्टर का हाल है हमारे परम्परागत रोजगार पर स्वदेशी और विदेशी कंपनियां कब्जे करने पर लगी हुई है। जैसे खाद्य तेल का कारोबार। दूध का कारोबार, ऐसे तमाम सेक्टर है जिसके कारण गाँव बर्बाद हो रहे है और शहरों में पैर रखने की जगह नही है। स्वदेशी और विदेशी कंपनियों ने ही देश के सारे संसाधनों को बर्बाद कर दिया है।

हवा पानी भोजन सबमें जहर घोल दिया है। नदी जंगल पहाड़ सब अपने अस्तित्व बचाने की लड़ाई लड़ रहे है। फिर भी किसी नेता व्यापारी अधिकारी की आँख नही खुल रही है। ये सच इस देश मे बुद्धिमान सिर्फ पैसा बनाने के लिये पैदा हुए है। दुनिया बचाने के लिये नही। लेकिन हमारे पूर्वज दुनिया बचाने वाले थे। वसुधैव कुटुम्बकम् की बात करने वाले न धरती माता को बचा रहे है। न जल देवता को बचा पा रहे है। न वायु देवता को बचा पा रहे है। न वृक्ष देवता को बचा पा रहे है न गौमाता को बचा पा रहे है। न किसी इंसान को बचा पा रहे है। करोड़ो जीव विलुप्त हो चुके है और करोड़ो विलुप्त होने की कगार पर खड़े हर। अगर इसी तरह प्रकृति का दोहन चलता चलता रहा। तो एक दिन मनुष्य भी इस धरती पर दिखाई नही पड़ेगा ।

ये मेरी अपनी स्वतंत्र अभिव्यक्ति है ।

Dr. A K Pandey
CMD AJagran Media Pvt.Ltd.
Director ICIJ
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