GA4

कन्नौज पुलिस को मिली बड़ी कामयाबी , विकास व नौकर को बरामद किया।

Spread the love
पिता से मिलकर फफक कर रोया विकास
आराेपी भूपेंद्र और राममिस्टर यादव
कन्नौज के गुरसहायगंज के खाद व्यापारी विकास गुप्ता और नौकर असलम का अपहरण फतेहगढ़ के हिस्ट्रीशीटर राम मिस्टर यादव ने किया था। चौबीस घंटे के भीतर दोनों को सकुशल ढूंढ लिया गया। हिस्ट्रीशीटर समेत तीन को गिरफ्तार किया गया है। अन्य की तलाश की जा रही है। आईजी ने टीम को 50 हजार रुपये इनाम देने की घोषणा की है।

गुरसहायगंज कस्बे के मोहल्ला पटेल नगर के विकास गुप्ता की मुरादगंज में खाद की दुकान है। गुरुवार देर रात चचेरे भाई रजनीश गुप्ता के पास आए फोन के बाद विकास मुरादगंज के अपनें नौकर असलम के साथ खाद की बोरी देने दुकान पर गए थे। यहां बोलेरो सवार बदमाशों ने दोनों का अपहरण कर लिया था। शुक्रवार को एसपी प्रशांत वर्मा ने बताया कि एएसपी अरविंद कुमार की अगुवाई में एसओजी व पुलिस टीम ने 24 घंटे में सफलता प्राप्त कर ली।

व्यापारी और पल्लेदार को ढूंढ लिया गया। तीन लोग गिरफ्तार किए गए हैं। इनमें फतेहगढ़ का हिस्ट्रीशीटर राम मिस्टर, भूपेंद्र और धनसुआ का पंकज है। फतेहगढ़ सिविल लाइन के रंजीत यादव और रमपुरा के समित कुमार की तलाश की जा रही है। बोलेरो को कब्जे में ले लिया गया है। राम मिस्टर पर लूट, हत्या समेत 36 मुकदमे हैं।

नीली बत्ती व पर्दे लगी बोलेरो में घूमते थे बदमाश।

नीली बत्ती व सफेद पर्दे लगी बोलेरो जिले में कई दिन से देखी जा रही थी। यह किसी ईएमओ (आकस्मिक चिकित्साधिकारी) की बताई जा रही है। इसी बोलेरो को कुछ दिन पहले तिर्वा क्रासिंग के पास रात में घूमते देखा गया था। तब भी इसमें चार-पांच लोग सवार थे। इसी बोलेरो से व्यापारी विकास गुप्ता और असलम का अपहरण किया गया था। नीली बत्ती के चलते इन्हें पुलिस से भी बच निकलने में आसानी होती थी। राममिस्टर के एक रिश्तेदार का भी नाम सामने आ रहा है।
पिता से मिलकर फफक कर रोया विकास
पिता से मिलकर फफक कर रोया विकास फोटो
दोनों को दुर्गपुर गांव की कटरी में रखा था।
फर्रुखाबाद जिले के दुर्गपुर गांव की कटरी की झोपड़ी में दोनों को रखा गया था। यहीं से लगातार परिवार से संपर्क कर फिरौती मांगी जा रही थी। फिरौती की रकम 30 से शुरू होकर 10 लाख पर आ गई थी। यह बार-बार सिम बदलकर फिरौती की मांग कर रहे थे।

तनाव में दिखे विकास, पिता से लिपट कर रो पड़े।

पुलिस ऑफिस में मीडिया से बातचीत करने के लिए एसपी प्रशांत वर्मा ने पत्रकारों को बुलाया। इसी बीच वहां अपने अपहृत बेटे विकास को देख पिता रवींद्र चंद्र गुप्ता लिपटकर रो पड़े। विकास तनाव में दिखे। वह कुछ भी बोल पाने में असमर्थ महसूस कर रहे थे। असलम साथ में था। असलम ने बताया कि दिन में केवल एक बार खाना खाने को दिया था, वह भी आधे पेट। रास्ते भर मारपीट करते हुए ले गए थे। विकास के सिर पर चोट लगी है। मुझे नहीं मारा, विकास को ज्यादा परेशान कर रहे थे।

भैंस व्यापारी को अगवा कर हत्या में भी हो सकता हाथ।

मामला साल 2020 का है। कुसुमखोर गांव के भैंस व्यापारी को गुगरापुर ब्लाक के पास से रात में अगवा कर लिया गया था। तीन से चार दिन बाद फर्रुखाबाद की कटरी में भैंस व्यापारी का शव मिला था। अभी खुलासा नहीं हो पाया था। अब इनके उसी जगह पकड़े जाने के बाद इस गैंग पर इसकी भी संभावना जताई जा रही है।
क्या हुआ था पूरा मामला।

और उनके नौकर को पुलिस ने फर्रुखाबाद गंगा कटरी से सकुशल बरामद कर लिया है। अपहरणकर्ता हिस्ट्रीशीटर और उसके दो साथी को भी गिरफ्तार कर लिए गए, जबकि दो बदमाश भाग गए। पुलिस ने वह बोलेरो भी बरामद की है, जिससे व्यापारी का अपहरण किया गया था।

शुक्रवार रात पुलिस अधीक्षक प्रशांत वर्मा ने घटना का राजफाश करते हुए बताया कि गुुरसहायगंज के खाद व्यापारी विकास गुप्ता और उनके नौकर असलम का गुरुवार शाम को बोलेरो सवार बदमाशों ने अपहरण कर लिया था। उनकी बरामदगी के लिए एसओजी टीम और छिबरामऊ के प्रभारी निरीक्षक विनोद कुमार मिश्रा को लगाया गया था। इसके अलावा फर्रुखाबाद की एसओजी टीम भी लगी थी। गंगा कटरी में कांबिंग के दौरान पता चला कि फर्रुखाबाद की कोतवाली फतेहगढ़ के अंतर्गत नगला दुर्गू गांव के कुख्यात अपराधी राममिस्टर यादव ने अपहरण किया है। पुलिस ने उसके संभावित ठिकानों पर दबिश दी तो विकास और असलम मिल गए। पुलिस ने हिस्ट्रीशीटर राममिस्टर यादव व उसके साथी भूपेंद्र निवासी ग्राम कुढिऩा थाना नवाबगंज फर्रुखाबाद, पंकज राठौर निवासी धंसुआ फतेहगढ़ को दबोच लिया। बरामद बोलेरो में ईएमओ लिखा है। उसमें सफेद रंग के पर्दे भी लगाए गए हैं। एसपी ने बताया कि फरार बदमाशों रंजीत यादव निवासी सिविल लाइन फतेहगढ़ व समित कुमार निवासी रंपुरा थाना फतेहगढ़ की तलाश में एसओजी जुटी है। हिस्ट्रीशीटर राममिस्टर पर विभिन्न थानों में हत्या, लूट व अपहरण के 36 मुकदमे दर्ज हैं। कानपुर जोन के आइजी मोहित अग्रवाल ने व्यापारी व उनके नौकर को बरामद करने वाली टीम को 50 हजार रुपये का इनाम दिया है। अपहरण की साजिश जेल में रची गई।

विकास को देख स्वजन के छलके आंसू।

व्यापारी विकास गुप्ता व असलम को जब पुुलिस एसपी के सामने लाई तो वहां स्वजन पहले से ही मौजूद थे। उनके चचेरे भाई रजनीश की आंखें भर आईं। बदमाशों ने दोनों को पीटा था, जिससे उन्हें चोटें आईं थीं। इस पर दोनों को अस्पताल भेज दिया गया। स्वजन बार-बार पुलिस को धन्यवाद दे रहे थे। इनमें पूर्व चेयरमैन इंद्रकुमार गुप्ता व सभासद दिलीप गुप्ता भी थे। रजनीश ने बताया कि बदमाशों ने उन्हें तीन बार फोन किया, जिसमें पहले 30 लाख रुपये फिरौती मांगी, इसके बाद 20 और शुक्रवार को दोपहर फोन कर 10 लाख रुपये कन्नौज रेलवे स्टेशन पर देने की बात कही थी।

बदमाशों को सामने नहीं लाई पुलिस।

पुलिस कार्यालय में एसपी ने राजफाश तो किया, लेकिन बदमाशों को मीडिया के सामने नहीं लाई और न ही अपहृत व्यापारी विकास गुप्ता व नौकर असलम से बात करने दी। जिससे यह भी पता नहीं चला कि बोलेरो किसकी थी और अपहरणकर्ता किसकी सिम इस्तेमाल कर रहे थे। उन्होंने टारगेट कैसेे चुना। यह सभी सवाल लोगों के जेहन में कौंध रहे थे। पुलिस ने मीडिया को फोटो उपलब्ध कराए। एसपी ने बताया कि इन सब तथ्यों का पर्दाफाश बाद में किया जाएगा।

Please Save

www.aakhirisach.com

आज एक मात्र ऐसा न्यूज़ पोर्टल है जोकि “जथा नामे तथा गुणे के साथ” पीड़ित के मुद्दों को पुरजोर तरीके से उठा कर उनकी आवाज मुख्य धारा तक ले जा रहा है।

हाथरस केस से लेकर विष्णु तिवारी के मामले पर निष्पक्ष पत्रकारिता से आखिरी सच टीम के दिशा निर्देशक ने अपना लोहा फलाना दिखाना समाचार पोर्टल पर मनवाया है। सवर्ण, पिछड़ी एवं अल्पसंख्यक जातियों का फर्जी SC-ST एक्ट के मामलों से हो रहे लगातार शोषण को ये कुछ जमीन के आखिरी व्यक्ति प्रकाश में लाए हैं।

यह पोर्टल प्रबुद्ध व समाज के प्रति स्वयंमेव जिम्मेदारों के द्वारा चलाया जा रहा है जिसमे आने वाले आर्थिक भार को सहने के लिए इन्हे आज समाज की आवश्यकता है। इस पोर्टल को चलाये रखने व गुणवत्ता को उत्तम रखने में हर माह टीम को लाखों रूपए की आवश्यकता पड़ती है। हमें मिलकर इनकी सहायता करनी है वर्ना हमारी आवाज उठाने वाला कल कोई मीडिया पोर्टल नहीं होगा। कुछ रूपए की सहायता अवश्य करे व इसे जरूर फॉरवर्ड करे अन्यथा सहायता के अभाव में यह पोर्टल अगस्त से काम करना बंद कर देगा। क्योंकि वेतन के अभाव में समाचार-दाता दूसरे मीडिया प्रतिष्ठानों में चले जाएंगे। व जरूरी खर्च के आभाव में हम अपना काम बेहतर तरीके से नही कर पायेंगे।

UPI : aakhirisach@postbank

Paytm : 8090511743

Share
error: Content is protected !!