उपजिलाधिकारी कादीपुर की संरक्षण में पल रहे है। दोष सिद्ध पाए गये लेखपाल कार्यवाही से रहते है वंचित।
दोषी लेखपालों के खिलाफ दोष सिद्ध होने के बावजूद भी नही होती है कार्यवाही।
उपजिलाधिकारी कादीपुर की संरक्षण में पल रहे है। दोष सिद्ध पाए गये लेखपाल कार्यवाही से रहते है वंचित
अज़ीम अहमद खान (पत्रकार) कादीपुर सुल्तानपुर।
दिलीप श्रीवास्तव
कादीपुर/सुल्तानपुर:- कादीपुर में लेखपालों का बोल बाला चाहे वह दिलीप कुमार श्रीवास्तव हो या फिर सतीशचंद्र पाण्डेय सही करे या फिर गलत लेकिन उच्च अधिकारियों से शिकायत करने के बावजूद भी नहीं होती है इनके खिलाफ कोई कार्यवाही सतीशचंद्र लेखपाल का काम है। गलत तरीके से पैमाईश करना और आपस मे लड़ाई झगड़ा करवाना और गलत तरीके से धन उगाही करना। और दिलीप श्रीवास्तव का काम है। फ़र्ज़ी तरीके से रिपोर्ट लगाना और धन उगाही करना इन दोनों को नही है। उच्च अधिकारियों से डर ये दोनों सही करे या गलत सारे गुनाह होते हैं माफ, शिकायत कर्ताओ के हौसले इनके आगे होते है पस्त।
ऐसा ही एक मामला ग्राम पंचायत सरायरानी का प्रकाश में आया है। शिकायत कर्ता सुरेश कुमार सुत मग्घू की शिकायत पर लेखपाल द्वारा रिपोर्ट लगया गया कि उपरोक्त भूमि पर किसी प्रकार का अवैध कब्जा नही किया गया है।
वही पर दोबारा शिकायत करने पर हीरालाल सुत टीडी के द्वारा उक्त गाटे पर तालाब पर कब्जा कर मकान बनाना दर्षाया गया और (122 बी) की कार्यवाही भी की गयी।
एक मामला ग्राम पंचायत खंडौरा में भी प्रकाश में आया। जिसमें उक्त लेखपाल द्वारा एक रिपोर्ट दिनांक:19/1/21 लगाया गया कि वर्तमान समय मे कोई अवैध कब्जा व नया निर्माण कार्य नही किया जा रहा है।
दिनांक:12/8/2020 को जो रिपोर्ट प्रेषित किया गया है। उसमें यह दर्षाया गया है। कि प्रार्थना पत्र चुनावी गुटबाजी से प्रेषित है। जबकि तीसरी रिपोर्ट दिनांक:27/4/21 में उक्त लेखपाल द्वारा यह दर्षाया गया है। कि अय्यूब खाँ सुत अब्दुल रहमान के द्वारा ट्यूबेल,आदि बनाकर 10 वर्ष से कब्जा किया गया है।
अवैध कब्जे को न्यायालय से बेदखली पश्चात ही हटाया जाना संभव है। वहीं पर एक नया मोड़ और आ गया जहां पर उक्त ग्राम सभा के निवासी फरीद अहमद जोकि लगभग 20 बीघा के कास्तकार हैं। उन्होंने निवास प्रमाण पत्र बनाने के लिए आवेदन किया था। तो उक्त लेखपाल ने अपनी कुर्सी पर बैठकर रिपोर्ट लगाया कि फरीद अहमद दूसरी ग्राम सभा के निवासी हैं।
जब पीड़ित ने उनसे दोबारा शिकायत किया तो उक्त लेखपाल द्वारा पुनः रिपोर्ट लगयाकर उक्त ग्राम सभा का निवासी बताया गया।
और निवास प्रमाण पत्र भी जारी कर दिया गया। उक्त भ्रष्ट लेखपाल दिलीप श्रीवास्तव व लेखपाल सतीशचंद्र पाण्डेय के रहनुमा बने उप जिलाधिकारी कादीपुर हटाने का नाम ही नहीं ले रहे हैं। आखिरकार ऐसी कौन सी मजबूरी आ गई है। जो उपजिलाधिकारी महोदय, मामले को संज्ञान में लेने से कतराते दिखाई दे रहे हैं। मामले की जानकारी के लिए जब उपजिलाधिकारी कादीपुर से सम्पर्क करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने फोन तक रिसीव नही किया।
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