टीओआई व द शुद्रा नें चलाई सहारनपुर पर फर्जी दलित उत्पीड़न की खबर, भीम आर्मी नियोजित साजिश ठाकुर समुदाय पर मुकदमा।
सहारनपुर (उत्तर प्रदेश , भारत): सोशल मीडिया पर विकृत मानसिकता से ग्रसित दलित समुदाय के ठेकेदार संगठन भीम आर्मी द्वारा तथ्यों की वास्तविकता से अलग करके जातिगत नफरत वाली एक खबर वायरल हो रही थी। कई मीडिया संस्थानों द्वारा कवर की गई खबर को इस तरह से प्रकाशित किया गया है कि यह दोनों समुदायों के बीच जातिगत नफरत को बढ़ावा देता है।
अंग्रेजी मीडिया संस्थान टाइम्स ऑफ इंडिया ने दावा किया है कि ‘सहारनपुर गांव में एक दलित युवक को प्रताड़ित किया गया, गाली दी गई, चाकू की नोंक पर रखा गया और उसकी दाढ़ी को ठाकुर समुदाय के समूह ने मुंडवा दिया।
UP के सहारनपुर जिले में दलित बिरादरी के रजत की दाढ़ी-मूंछ जबरन दूसरे पक्ष ने कटवाई। भीम आर्मी का थाने पर हंगामा। राजपूत बिरादरी के 7 युवकों पर मुकदमा दर्ज। #Saharanpur pic.twitter.com/WaRJ6ZUg3X
— Sachin Gupta | सचिन गुप्ता (@sachingupta787) July 22, 2021
दावा केवल एक प्राथमिकी पर आधारित था कि टीओआई और अन्य मीडिया संस्थान केवल जाति-आधारित एकतरफा समाचारों का प्रसार करते थे। इन मुख्यधारा के मीडिया संस्थानों द्वारा स्वघोषित पीड़ित को छोड़कर पूरे गांव से अन्य किसी समुदाय, ग्रामीणों या कथित आरोपी पक्ष का एक भी बयान नहीं लिया गया।
हालांकि, जमीनी हकीकत की जांच करने के लिए हम उस गांव पहुंचे जहां कथित घटना हुई थी। गांव के ग्राम प्रधान पति ने बताया कि कथित आरोपी और दलित युवक दोस्त थे।
वे एक साथ खाते और बैठते थे। इन लोगों ने एक ऐसे मुद्दे पर दांव लगाया था जिसे दूसरे पक्ष ने जीत लिया था। किसी ने दलित युवक पर दाढ़ी मुंडवाने का दबाव नहीं डाला।
“रजत ने मुझसे कहा कि उसे परीक्षा के लिए अपनी दाढ़ी साफ करनी है। हालाँकि, जब नाई अपनी दाढ़ी और मूंछें मुंडवा रहा था, तो उन्होंने वीडियो फिल्माया और इसे अपने दोस्तों के साथ साझा किया। सिर्फ यह दिखाने के लिए कि उन्होंने बाजी जीत ली है”, ग्राम प्रधान के पति सतीश कुमार ने आखिरी सच समाचार पोर्टल को बताया।
सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद रजत के परिवार वाले नाराज हो गए और शिकायत करने प्रधान के घर पहुंच गए। परिवार ने प्रधान पति से मांग की थी कि रजत के दोस्त भी अपनी दाढ़ी मुंडवा लें ताकि हम उनके साथ भी ऐसा ही कर सकें।
प्रधान पति नें हमें बताया “हालांकि, मैंने रजत के परिवार के प्रस्ताव को खारिज कर दिया और कहा कि इसकी अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। वे पुलिस स्टेशन गए और दलित पर ठाकुर समुदाय द्वारा नाई के साथ मिलकर अत्याचार करनें का झूठा मामला दर्ज करवा दिया।”
भीम आर्मी ने बदली कहानी।
घटना स्थल पर मौजूद ग्रामीणों में से एक ने हमें बताया कि घटना के बाद भी मोंटी राणा और रजत एक साथ घूमते थे। लेकिन जब मोंटी ने वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड किया तो स्थानीय भीम आर्मी के सदस्य सक्रिय हो गए और रजत के परिवार को मोंटी पर मामला दर्ज करने के लिए दबाव दिया व सरकारी व्यवस्था का हवाला देते हुए मोटी रकम दिलाने का आश्वासन देते हुए मामला दर्ज करने के लिए उकसाया। व मामला दर्ज करवा दिया।
“घटना के दो-तीन दिनों के बाद भी वे एक साथ घूम रहे थे लेकिन भीम आर्मी ने मोंटी पर मामला दर्ज करने के लिए रजत के परिवार के दिमाग में सरकारी अनुदान में मोटी रकम का लालच देकर उक्त अभियोग लगाया। मोंटी के अलावा सभी आरोपियों को झूठा फंसाया गया। यहां तक कि नाई को भी राजनीतिक हिसाब चुकता करने के लिए फंसाया गया था”, मनोज ने कहा।
वीडियो एकमात्र कारण था।
उसी गांव के रहने वाले गगन ने कहा कि आरोपी द्वारा अपलोड किया गया वीडियो ही मामले को फंसाने का एकमात्र कारण है। “यह भीम आर्मी थी जिसने मामले को अपनी कथानक के अनुसार ठाकुरों को सबक सिखाने के लिए तैयार किया था। अगर लड़कों ने सोशल मीडिया पर वीडियो अपलोड नहीं किया होता तो यह कुछ भी नहीं होना था”, गगन ने आस को बताया।
“अब, जातीय जिम्मेदार व दलित ठेकेदार आकाओं के लिए दोस्ती की हत्या की जा रही है। भीम आर्मी ने हमारे गांव के सामाजिक ताने-बाने को नुकसान पहुंचाया है।
ग्राम प्रधान के पति सतीश कुमार ने आखिरी सच समाचार पोर्टल से कहा “यह एट्रोसिटी एक्ट समाज के तानें बानें को बर्बाद करने के लिए ईसाइयत नियोजित षडयंत्र है जो समाज में वर्ग भेद का कारण बन रहा है, जो भविष्य के भारत की तस्वीर को गंदा कर रहा है, यदि समय रहते गैर दलित समुदाय एकजुट होकर इस जातिवादी राजनीति के विरोध में एकजुट होकर विरोध नही करता है। तो आने वाली पीढ़ी बँधुवा गुलामी के लिये तैयार रहे।
Please Save
www.aakhirisach.com
आज एक मात्र ऐसा न्यूज़ पोर्टल है जोकि “जथा नामे तथा गुणे के साथ” पीड़ित के मुद्दों को पुरजोर तरीके से उठा कर उनकी आवाज मुख्य धारा तक ले जा रहा है।
हाथरस केस से लेकर विष्णु तिवारी के मामले पर निष्पक्ष पत्रकारिता से आखिरी सच टीम के दिशा निर्देशक ने अपना लोहा फलाना दिखाना समाचार पोर्टल पर मनवाया है। सवर्ण, पिछड़ी एवं अल्पसंख्यक जातियों का फर्जी SC-ST एक्ट के मामलों से हो रहे लगातार शोषण को ये कुछ जमीन के आखिरी व्यक्ति प्रकाश में लाए हैं।
यह पोर्टल प्रबुद्ध व समाज के प्रति स्वयंमेव जिम्मेदारों के द्वारा चलाया जा रहा है जिसमे आने वाले आर्थिक भार को सहने के लिए इन्हे आज समाज की आवश्यकता है। इस पोर्टल को चलाये रखने व गुणवत्ता को उत्तम रखने में हर माह टीम को लाखों रूपए की आवश्यकता पड़ती है। हमें मिलकर इनकी सहायता करनी है वर्ना हमारी आवाज उठाने वाला कल कोई मीडिया पोर्टल नहीं होगा। कुछ रूपए की सहायता अवश्य करे व इसे जरूर फॉरवर्ड करे अन्यथा सहायता के अभाव में यह पोर्टल अगस्त से काम करना बंद कर देगा। क्योंकि वेतन के अभाव में समाचार-दाता दूसरे मीडिया प्रतिष्ठानों में चले जाएंगे। व जरूरी खर्च के आभाव में हम अपना काम बेहतर तरीके से नही कर पायेंगे।
UPI : aakhirisach@postbank
Paytm : 8090511743