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बच्चा चोरी गैंग का खुलासा भाजपा पार्षद की सुतवधू निकली सरगना – अलीगढ़

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बच्चों के माता-पिता एसएसपी कलानिधि नैथानी का आभार प्रकट करते हुए।
बच्चों के ​माता-पिता एसएसपी कलानिधि नैथानी का आभार प्रकट करते हुए।

चोरी किए गए बच्चों की बरामदगी और रैकेट की गिरफ्तारी का यह ऑपरेशन रविवार शाम से शुरू होकर करीब 20 घंटे तक चला। इस दौरान कई घंटे रात में एसएसपी धनीपुर चौकी पर बैठकर टीम को मॉनीटर करते रहे और जब तक सभी पांचों बच्चे और 16 गिरफ्तारियां नहीं हो गईं। ऑपरेशन को रोका नहीं गया। खास बात यह रही कि जिस दिन सरोज नगर की बच्ची चोरी का प्रकरण सुर्खियों में आया, उसी दिन एसएसपी कलानिधि नैथानी यह भांप गए थे कि यह रैकेट या तो स्थानीय है या गाजियाबाद से जुड़ा है, क्योंकि ठीक इसी तरह गाजियाबाद में उनकी तैनाती के दौरान हज हाउस से दो बच्चे चोरी हुए थे और उन्होंने वहां मुकदमे दर्ज कराए थे। जब सरोज नगर कांड में सीसीटीवी से चोरों का सुराग लग गया तो उन्होंने गाजियाबाद से चोरी बच्चों की बरामदगी का लक्ष्य भी तय किया और वह पूरा भी हुआ।

इस वजह से साफ्ट टारगेट से ये बच्चे।

एसएसपी कलानिधि नैथानी के अनुसार पूछताछ में आरोपियों ने स्वीकारा है, कि सड़क की पटरियों पर रहने वाले घुमंतू जाति के बच्चे इस गैंग के सॉफ्ट टारगेट थे। इसके पीछे की वजह थी कि एक तो बच्चा चोरी हो जाएगा तो इनकी इतनी पहुंच नहीं कि आसानी से मुकदमा भी दर्ज हो जाए। दूसरा ये लोग ज्यादा हायतौबा भी नहीं मचा पाएंगे। इसलिए इन परिवारों को निशाना बनाया गया और गाजियाबाद के हज हाउस से जो बच्चे चोरी किए गए, वहां खाली मैदान में काफी संख्या में इसी तरह के परिवार डेरा डाले रहते हैं। वहां इनके लक्ष्य आसानी से पूरे हुए।

2 से 3 साल तक के बच्चे टारगेट।

पूछताछ में स्वीकारा कि गैंग ने यह भी लक्ष्य बना रखा था कि दो से तीन साल तक के बच्चे ही चोरी करने हैं। इसके पीछे की वजह यह थी कि यह बच्चे इतने छोटे होने के कारण दूसरे परिवार में जाने पर आसानी से घुल मिल जाएंगे। किसी तरह की दिक्कत नहीं होगी।

इस तरह तय किए गए छह बच्चों के सौदे।

पूछताछ में गैंग ने स्वीकारा कि सरगना बबली दुर्योधन और धोनी की बड़ी बहन है। वैसे वह मूल रूप से एटा के रहने वाले हैं। मगर यहां लंबे समय से धनीपुर क्षेत्र में किराये पर रहते हैं और चाट व मोमोज का ठेला लगाते हैं। उसने सबसे पहले निहाल उर्फ नेहा और रेखा को गैंग में शामिल किया। नेहा और रेखा ग्राहक फंसाने लगीं। इसी बीच हज हाउस से दिसंबर 2020 में चोरी किया गया बच्चा दादरी की महिला के जरिये मुंबई भेजा।

दूसरा बच्चा नेहा ने गुल्लू उर्फ गुलफ्शा के जरिये एक लाख में जाहिद को बेचा गया। गाजियाबाद रेलवे स्टेशन से चोरी नवजात अभी तक बबली की पड़ोसन अनीता के पास था। उसके माता पिता की जानकारी गाजियाबाद पुलिस के सहयोग से की जा रही है। गांधीपार्क से चोरी बच्चा पड़ोसी आकाश को 45 हजार में बेचा। वहीं, यहां से दूसरा बच्चा चोरी कर रेखा व नेहा को 80 हजार में दिया। नेहा ने उसे गभाना की चांदनी को दिया और चांदनी ने उसे खैर के सर्राफ संजय गोयल को पांच लाख में बेचा। सरोज नगर से चोरी बच्ची का अभी सौदा तय हुआ था। इससे पहले गैंग पकड़ा गया।

भाजपा पार्षद की पुत्रवधू गैंग में।

इस गैंग में पकड़ी गई हरदुआगंज की नेहा नगर पंचायत हरदुआगंज के नामित पार्षद की पुत्रवधू है। लोगों के अनुसार वह पोलियो टीकाकरण में काम करती थी। मगर रविवार रात जब पुलिस उसके घर पहुंची तो पता चला कि वह इस धंधे में शामिल है।

फर्जी गोदनामा करता है ये गैंग।

इस गैंग द्वारा जिस तरह से बच्चों को गोद देने के नाम पर बेचा गया है। उसमें गोदनामा कानून की लोगों को जानकारी न होने का यह गैंग लाभ उठाता रहा है। कहने को गोदनामा कानून में इतनी बारीकियां हैं, जिन तक लोग पहुंच नहीं पाते। मगर ये लोग फर्जी मां-बाप बनाकर फर्जी शपथ पत्र पर ही गोदनामा करा देते थे।

आकाश को खुद का बेटा बताकर बेचा बच्चा।

बाबा कालोनी के ही आकाश को बबली ने जो बच्चा बेचा, उसे गोदनामे में खुद का बेटा बताया है। सोमवार को जब आकाश के घर आखिरी सच समाचार पोर्टल की टीम पहुंची तो पता चला कि आकाश एक निजी स्कूल में ड्राइवर की नौकरी करता था। उस पर चार बेटियां हैं। आकाश की पत्नी मनीषा किसी तरह बबली के संपर्क में आई और दो माह पहले बबली ने उसे अपना बेटा गोद देना तय किया।

इस ऐवज में रुपये लिए। गोदनामा देखकर आकाश व मनीषा ने ऐतराज भी जताया। मगर बबली ने उन्हें तसल्ली दी कि लॉकडाउन खुलने पर उसे कानूनन पक्का करा दिया जाएगा। आप परेशान न हों, मैं अपना बेटा ही तो दे रही हूं। रविवार रात जब पुलिस उनके घर पहुंची तो सभी हक्के बक्के रह गए। बच्चा वापस जाने पर मां व चारों बेटियों का तो हाल बेहाल था।
महंगे शौक, पूरा घर लेते थे किराये पर
बबली, उसके भाई धोनी व दुर्योधन कहने को मोमोज व चाट की ठेले लगाते थे। मगर उनके शौक महंगे थे। महंगी बाइक पर चलना। किराये पर सभी सुख सुविधाओं वाला पूरा मकान लेकर रहना। मोहल्ले में रॉब गालिब करना और आए दिन का काम है।

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