नशे के कारोबार की पोल खोलना पडा़ मँहगा, पुलिस अभिरक्षा में ब्राह्मण युवक की मौत।
राजस्थान के करौली जिला कारागृह में न्यायिक अभिरक्षा में चल रहे एक कैदी की संदिग्ध अवस्था में मौत हो गई। पुलिस ने मृतक का शव जिला अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया है। मामले में मृतक के परिजनों ने पुलिस पर मारपीट के आरोप लगाए हैं।
परिजनों ने दूसरे दिन भी शव लेने से किया इंकार,
मेडिकल बोर्ड से हुआ पोस्टमार्टम,
मृतक के पिता की ओर से पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या के आरोप की प्राथमिकी,
करौली। यहां जिला कारागृह में रविवार को न्यायिक अभिरक्षा के दौरान एक आरोपी युवक मुकेश उर्फ मोनू की संदिग्ध परिस्थिति में हुई मौत के मामले में परिजनों ने मौत की उच्चस्तरीय जांच सहित अन्य मांगों को लेकर दूसरे दिन भी शव लेने से इंकार कर दिया। पुलिस ने चिकित्सकीय बोर्ड से शव का दोपहर में पोस्टमार्टम करवा दिया।
जानकारी के अनुसार हिण्डौन निवासी मुकेश पुत्र भूदेव अवस्थी को हिण्डौन नई मंडी थाना पुलिस ने मारपीट और अनुसूचित जाति-जनजाति अधिनियम के तहत दर्ज मामले में 23 सितंबर को गिरफ्तार किया था। आरोपी को न्यायालय में पेश करने पर न्यायाधीश ने उसे न्यायिक अभिरक्षा में भेजने के आदेश जारी किए थे, जिसके बाद 24 सितंबर को मुकेश को करौली के जिला कारागृह भेजा गया। रविवार को उसकी जिला कारागृह में संदिग्ध अवस्था में उसकी मौत हो गई।
जिला कारागृह के जेलर राज महेंद्र ने जानकारी देते हुए बताया कि मुकेश की अचानक तबीयत खराब हो गई थी, जिसके बाद उसे अस्पताल ले आ जाया गया। जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया और शव अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया। वहीं मुकेश के परिजनों ने पुलिस पर मारपीट के आरोप लगाए हैं।
आपको बताते चलें कि हिण्डौन नई मंडी थाना अधिकारी दिनेश मीणा ने बताया कि मुकेश के भाई दीपक अवस्थी और उसकी पत्नी के पारिवारिक विवाद का न्यायालय में मुकदमा विचाराधीन है, जिसमें न्यायालय ने दीपक के खिलाफ वारंट जारी किए हुए हैं। पुलिस 23 सितंबर को दीपक को गिरफ्तार करने उसके घर पहुंची तो मुकेश ने पुलिस से मारपीट की और जातिसूचक शब्दों से अपमानित किया। जिसके बाद पुलिस ने दीपक के साथ मुकेश को भी गिरफ्तार कर लिया था। घटना की सूचना पर करौली अतिरिक्त न्यायिक मजिस्ट्रेट विभा आर्य जिला चिकित्सालय पहुंची और घटनाक्रम की जानकारी ली और शव को देखा।
जिला जेल चिकित्सक रवि कुमार मीणा का कहना है कि मुकेश की तबीयत खराब हुई थी, जिस पर उसे जिला चिकित्सालय के लिए रेफर किया गया। जिला चिकित्सालय में कैदी को देखने वाले चिकित्सक अभिषेक गुप्ता का कहना है कि कैदी को जांच में मृत पाया गया, जिसके बाद उसका शव मोर्चरी में रखवाया है। वहीं परिजनों द्वारा किए जा रहे हंगामे के बाद चिकित्सालय में बड़ी संख्या में कोतवाली और पुलिस लाइन से दस्ता तैनात किया गया है। इसके साथ ही थानाधिकारी रामेश्वर दयाल शहर चौकी प्रभारी बृजराज और अन्य पुलिस अधिकारी भी मौके पर तैनात हैं। वहीं विप्र फाउंडेशन जोन-1डी अध्यक्ष वेद प्रकाश उपाध्याय, कुलदीप पाठक, उत्तम सिंह जादौन भी चिकित्सालय पहुंचे और परिजनों को ढांढस बंधाया।
पोस्टमार्टम से नहीं खुलासा, बिसरा भेजा एफएसएल।
इधर जिला चिकित्सालय में न्यायिक अधिकारी विभा आर्य की उपस्थिति में तीन चिकित्सकों के बोर्ड ने मृतक के शव का पोस्टमार्टम किया। बोर्ड में शामिल चिकित्सक डॉ. गोविन्द गुप्ता तथा डॉ. शिशुपाल मीणा ने बताया कि पोस्टमार्टम से प्राथमिक तौर पर मौत के कारणों का पता नहीं चल सका है। गहनता से जांच की मंशा से मृतक का बिसरा जयपुर में एफएसएल को भेजा गया है। उन्होंने बताया कि जाहिरा तौर पर मृतक के शरीर पर किसी तरह के चोट के निशान या मौत के अन्य कोई लक्षण नहीं पाए गए।
ये है पूरा मामला।
हिण्डौन में मोहन नगर निवासी 21 वर्षीय मुकेश अवस्थी उर्फ मोनू को पुलिस से मारपीट, बदसलूकी और जातिसूचक शब्दों से अपमानित करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। उसे 24 को करौली न्यायालय में पेश किया, जहां से न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। 26 को तबीयत बिगडऩे पर पहले जेल में उसका चिकित्सक ने उपचार किया। स्थिति बिगडऩे पर उसे चिकित्सालय रैफर किया तो वहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।
परिजनों का आरोप जेल में जहर देकर मारा।
मृतक के पिता भूदेव अवस्थी ने प्राथमिकी में आरोप लगाया है कि हिण्डौन में नई मण्डी थानाधिकारी दिनेश मीणा की मिलीभगत से नशीली वस्तुओं का कारोबार थाने के पास चल रहा है। इसकी उसने वीडियो रिकॉर्डिग करके पुलिस उच्चाधिकारियों को शिकायत की थी। इसी से रंजिश रखते हुए थानाधिकारी ने बिना कारण के उसके पुत्र मुकेश को घर से उठाया और मारते-पीटते थाने ले गए। वहां भी उसे प्रताडित किया गया। भूदेव ने प्राथमिकी में नई मण्डी थानाधिकारी सहित अन्य पुलिस कर्मियों पर करौली जेल में खाने में जहर देकर मुकेश की हत्या करने का आरोप लगाया है। भूदेव के अनुसार मौत से एक दिन पहले वह जेल में मुकेश से मुलाकात करने गया था, तब वह सही स्थिति में था।
क्या कहतें हैं जिम्मेदार …?
पुलिस पर लगाए जा रहे आरोप मिथ्या और द्वेषतापूर्ण हैं क्योंकि इस परिवार के सदस्यों पर कई मामले दर्ज हैं। पुलिस ने शव को ले जाने के लिए समझाइश की थी। मृतक के परिजनों की मांग पर प्राथमिकी दर्ज की गई है। शव का बोर्ड से पोस्टमार्टम कराया है। मामले की न्यायिक जांच भी चल रही है।
पुलिस अधीक्षक करौली।
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