कोयम्बटूर वायूसेना सीनियर नें जूनियर महिला कर्मी से किया बलात्कार, उच्चपदाधिकारी बनाते रहे दबाव, टू फिंगर टेस्ट भी किया गया।
कोयम्बटूर। टू फिंगर टेस्ट। एक बार फिर से ये मुद्दा चर्चा में है। वजह है कोयंबटूर की एक घटना। इंडियन एयरफोर्स की एक महिला अधिकारी ने अपने साथी पर ट्रेनिंग के दौरान बलात्कार करने का आरोप लगाया है। आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। पीड़िता ने पुलिस को बताया कि उसका टू-फिंगर रेप टेस्ट भी कराया गया, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा रखी है।
इंडिया टुडे ने इस केस से जुड़ी एफआईआर कॉपी के हवाले से एक रिपोर्ट पब्लिश की, जिसमें पीड़िता ने अपनी पूरी कहानी और दर्द बताया है। पीड़िता ने बताया कि कैसे उसे बलात्कार के बाद धमकाया गया। ब्लैकमेल किया गया। पीड़िता ने कुछ अधिकारियों के खिलाफ भी बात कही है।
लड़कियों के प्राइवेट पार्ट में दो उंगलियां डालकर किया जाने वाला टेस्ट….
पीड़िता की कहानी बताने से पहले जान लेते हैं कि टू फिंगर टेस्ट क्या होता है? सरल भाषा में बताए तो टू फिंगर टेस्ट के दौरान पीड़िता के प्राइवेट पार्ट में दो उंगली डालकर टेस्ट किया जाता है। ऐसा करने के पीछे ये पता लगाना होता है कि वहां हार्मोंस मौजूद है या नहीं। यानी ये जानने की कोशिश की जाती है कि महिला ने पहले शारीरिक संबंध बनाए थे या नहीं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने टू फिंगर टेस्ट पर आपत्ति जताते हुए कहा है कि ये प्रक्रिया वैज्ञानिक नहीं है। भारत में साल 2013 में ही टू फिंगर टेस्ट पर रोक लगा दी गई है। 2018 में बांग्लादेश में भी इस टेस्ट पर रोक लगा दी गई।
अब पीड़िता के दुख-दर्द और दर्दनाक कहानी का जिक्र करते हैं। FIR कॉपी के मुताबिक, पीड़िता को 10 सितंबर के दिन टखने में चोट लगी थी। उसने दर्द की दवा ली। इसके बाद उसने दोस्तों के साथ दो ड्रिंक्स पी थीं। इस दौरान आरोपी ने ही उसे ग्लास में सर्व किया था।
ड्रिंक लेने के बाद उसे उल्टी आने लगी। दोस्त उसे कमरे में ले गए। लेटा दिया। इसी दौरान आरोपी अमितेश (फ्लाइट लेफ्टिनेंट अमितेश हरमुख) भी उस कमरे में दाखिल हो गया था। अगले दिन पीड़िता की सहेली हाल चाल लेने के आई तो देखा कि वहां अमितेश मौजूद है। तब उसने अपनी दोस्त से पूछा कि क्या उसने इसे अंदर बुलाया। लड़की ने FIR में कहा कि उसके दोस्तों ने एक वीडियो बनाया है, जिसमें अमितेश ने अपनी करतूतों को कबूल किया था।
बात जब अधिकारियों तक पहुंची तो लड़की को असली दिक्कत का सामना करना पड़ा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अधिकारियों ने शिकायत वापस लेने तक का दबाव बनाया। लेकिन पीड़िता ने शिकायत वापस लेने से इनकार कर दिया। तब इंडियन एयरफोर्स के डॉक्टरों ने आरोपी की वीडियो रिकॉर्डिंग मांगी। यहां तक कि दो उंगली से बलात्कार का टेस्ट भी किया गया।
कोई कार्रवाई न होता देख पीड़िता ने 19 सितंबर को ऑनलाइन FIR दर्ज करा दी। कोयंबटूर पुलिस ने पीड़िता के खिलाफ बनाए गए वीडियो को मजिस्ट्रेट को सौंप दिया है। वायु सेना के जवानों ने कोर्ट में कहा कि सिर्फ वे ही वायु सेना अधिनियम के तहत फ्लाइट लेफ्टिनेंट अमितेश हरमस्क पर मुकदमा चला सकते हैं। अमितेश हरमुख फिलहाल हिरासत में है।
नोट- खबर में इस्तेमाल की गईं सभी तस्वीरें सांकेतिक हैं।
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