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ओमप्रकाश राजभर बनें, साईकिल के हमराही, जनभागीदारी मोर्चा के अन्य सात के विचार अलग- थलग।

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विज्ञापन द्वारा अजय प्रजापति 7518148156

उत्तर प्रदेश में चार महीने के बाद होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए शह-मात का खेल जारी है। बीजेपी से नाता तोड़कर अलग होने के बाद भारतीय सुहेलदेव समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने छोटे-छोटे दलों को साथ जोड़कर सूबे में बड़ी सियासी ताकत बनने के लिए भागीदारी संकल्प मोर्चा बनाया था। अब चुनाव से ठीक पहले ओम प्रकाश राजभर ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव के साथ हाथ मिला लिया है और 2022 में सपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे। ऐसे में भागीदारी संकल्प मोर्चा में शामिल अन्य दल क्या सियासी कदम उठाएंगे?भागीदारी संकल्प मोर्चा में शामिल दल।

भारतीय सुहेलदेव समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने छोटे दलों को मिलाकर भागीदारी संकल्प मोर्चा का गठन किया। राजभर के नेतृत्व में बने मोर्चा में पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा की जन अधिकार पार्टी, सांसद असदुद्दीन ओवैसी की ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन, कृष्णा पटेल की अपना दल, बाबू राम पाल की राष्ट्रीय उदय पार्टी, अनिल सिंह चौहान की जनता क्रांति पार्टी, प्रेमचन्द प्रजापति की राष्ट्रीय उपेक्षित समाज पार्टी और रामकरण कश्यप की भारतीय वंचित समाज पार्टी शामिल हैं।राजभर ने अखिलेश से मिलाया हाथ।

भागीदारी संकल्प मोर्चा के तहत ओम प्रकाश राजभर ने सूबे भर में घूम-घूमकर तमाम जनसभाएं की। बुधवार को अचानक ओम प्रकाश राजभर और उनके बेटे अरविंद राजभर ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव से मुलाकात की। इसके बाद सपा के साथ भारतीय सुहेलदेव पार्टी के गठबंधन का ऐलान कर दिया। लेकिन, औपचारिक रूप से अभी संकल्प भागीदारी मोर्चे के कौन कौन से दल सपा के साथ गठबंधन करेंगे, इस पर सहमति नहीं बन पाई है।हालांकि, ओप्रकाश राजभर ने स्पष्ट किया कि सपा से यह गठबंधन सुहेलदेव समाज पार्टी का नहीं बल्कि भागीदारी संकल्प मोर्चे का है। मोर्चे के सभी दलों की सहमति से ही उनकी अखिलेश यादव के साथ मीटिंग हुई है। भागीदारी मोर्चा में शामिल महज दो दल स्वीकार करते हैं कि सपा के साथ गठबंधन में जाएंगे जबकि मोर्चा में शामिल बाकी दलों ने आखिरी सच डाट काम से बातचीत में कहा कि उन्हें इस बारे में कोई बात साफ नहीं है।

राष्ट्रवादी शेर
राष्ट्रवादी शेर

बाबूराम पाल ने 5 सीटों की रखी डिमांड।

राष्ट्रीय उदय पार्टी के प्रमुख बाबू राम पाल ने बताया कि ओम प्रकाश राजभर ने सपा के साथ गठबंधन किया है, लेकिन अभी भागीदारी संकल्प मोर्चा के बाकी दलों की क्या भूमिका सपा के साथ रहेगी यह साफ नहीं की गई। उन्होंने कहा कि हम यूपी में करीब 25 से 30 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं, जहां पर पाल समाज को वोटर हैं। इसमें मिर्जापुर, फतेहपुर, कन्नौज, बदायूं, सीतापुर, फिरोजाबाद और औरैया जिले की हैं, क्योंकि मोर्चा में पहले यही बात कही गई थी। हालांकि, सपा के साथ गठबंधन किया तो कम से कम 4 से 5 सीटों पर लड़ेंगे और अपने चुनाव निशान पर लड़ेंगे।

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मोर्चा में शामिल दलों का होगा क्या?

जन अधिकार पार्टी के प्रमुख पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा ने कहा कि सपा के साथ गठबंधन के बाद ओम प्रकाश राजभर से अभी उनकी बात नहीं हुई। सपा के साथ उन्होंने किस तरह का समझौता किया, कितनी सीटों पर खुद वो चुनाव लड़ेंगे और कितनी सीटों पर मोर्चा के बाकी दल लड़ेंगे यह बात अभी साफ नहीं की गई हैं। ऐसे में राजभर के साथ बातचीत के बाद ही हम बता पाएंगे कि हमारी पार्टी की गठबंधन में क्या भूमिका होगी। इसके बाद भी हम कोई निर्णय लेगें। इसी दौरान उनकी पार्टी के दूसरे अन्य नेता ने कहा कि यह राजभर का समझौता है, मोर्चा के गठबंधन होता तो सहयोगी दल के भी नेता उनके साथ अखिलेश यादव से मिलने जाते।राजभर भले ही न लें सीट हम लेंगे-कश्यप।

भारतीय वंचित समाज पार्टी के अध्यक्ष रामकरण कश्यप कहते हैं कि भागीदारी संकल्प मोर्चा में सिर्फ ओमप्रकाश राजभर ही नहीं बल्कि आठ और भी दल हैं। इन दलों का भी अपना सियासी आधार है। राजभर ने सपा के साथ किस तरह की डील की है, इसकी जानकारी हमें नहीं है। हां, एक बात जरूर है कि राजभर भले ही सपा के साथ गठबंधन कर एक भी सीट न लड़ें, लेकिन हम जरूर चुनाव लड़ेंगे। हम एक राजनीतिक पार्टी है और हम अपने वंचित समाज के अधिकारों की लड़ाई लड़ रहे हैं। ऐसे में 27 अक्टूबर को मऊ में होनी वाली रैली पर नजर है कि मोर्चा के बाकी दलों के लिए राजभर ने क्या समझौता किया है।

अपना दल (के) भी सपा के साथ जाने को तैयार।

कष्णा पटेल की अपना दल (के) भी भागीदारी संकल्प मोर्चा की अहम सहयोगी दल है। अपना दल (के) के राष्ट्रीय महासचिव पंकज निरंजन कहते हैं कि ओम प्रकाश राजभर ने सपा के साथ अपनी पार्टी का गठबंधन किया है। अपना दल भी बीजेपी को सत्ता में आने के रोकने के लिए प्रतिबद्ध है। ऐसे में अब सपा प्रमुख अखिलेश यादव को फैसला करना है कि अपना दल (के) को अपने साथ कैसे लेते हैं। हम न तो प्रेशर पॉलिटिक्स करते हैं और न ही ब्लेकमेलिंग। अपना दल (के) सिर्फ सम्मान और समाज का अधिकार चाहती है।

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वहीं, राष्ट्रीय उपेक्षित समाज पार्टी के अध्यक्ष प्रेमचन्द प्रजापति कहते हैं कि सपा के साथ भागीदारी संकल्प मोर्चा का गठबंधन हुआ है। ओमप्रकाश राजभर को इसके लिए मोर्चा ने अधिकृत किया था, जिसके लिए उन्होंने सपा के साथ तमाम सारे मुद्दों पर सहमति के बाद साथ मिलकर चुनाव लड़ने का फैसला किया है। मोर्चा के सभी दलों को पूरा सम्मान मिलेगा और किसी भी दल की कोई अनदेखी नहीं की जाएगी। ऐसे में सहयोगी दलों को अगर किसी तरह को कनफ्यूजन है तो वो 27 अक्टूबर की रैली में साफ हो जाएगा।

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