आखिर इस एससी महिला का दर्द क्यों नही सुन रहा थानाध्यक्ष जाफरगंज फतेहपुर, मासूम के हत्यारों पर क्या व कैसे होगी कार्यवाही? पर आखिरी सच की विस्तृत रिपोर्ट।
दिनांक : 20.12.2021
प्रार्थिनी छेद्दी देवी द्वारा प्रार्थनापत्र अंतर्गत धारा 156 (3) दं० प्र० सं० मय शपथपत्र विपक्षीगण धन्ना लाल आदि के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराये जाने हेतु प्रस्तुत किया गया है।
प्रार्थिनी के अधिवक्ता को सुना एवं उक्त संबंध में थाने से आहूत आख्या का अवलोकन किया। संबंधित थाने की आख्या के अनुसार उपरोक्त प्रार्थनापत्र से संबंधित कोई मुकदमा थाना जाफरगंज में पंजीकृत नहीं है। प्रार्थनापत्र में सारतः कथन है कि प्रार्थिनी की पुत्री प्रियंका देवी उम्र करीब 13 वर्ष डॉ० भीमराव अम्बेडकर जू० हा० स्कूल अंगदपुर जिला फतेहपुर में कक्षा -8 में पढ़ाई करती थी।
रोज की भांति प्रार्थिनी की पुत्री दिनांक 04.02.2020 को स्कूल गई थी जहाँ प्रार्थिनी की पुत्री पर 100 रुपये चोरी का इल्जाम लगाकर स्कूल के प्रधानाध्यापक धन्नालाल पुत्र प्रहलाद एवं अध्यापिका गोल्डन सिंह परिहार पुत्री रामसजीवन सिंह परिहार ने प्रियंका को सबके सामने मैदान में खड़ा करके बुरी नियत से प्रार्थिनी की पुत्री के सारे कपडे़ उतरवा दिये और ताली बजाकर सभी लोगों ने प्रार्थिनी की पुत्री की बहुत बेइज्जती किया, और धन्नालाल सोनकर ने यह कहते हुए कि ऐसी चोर को मर जाना चाहिए, स्कूल से भगा दिया, जिससे प्रार्थिनी की पुत्री घर आकर किसी से कोई बात नहीं की और रात भर अपने कमरे में रोती रही।
दिनांक 05.02.2020 को प्रार्थिनी की पुत्री ने जहर खा लिया और पूरी घटना प्रार्थिनी को बताई, जिस पर प्रार्थिनी का पति बाहर था, जिससे प्रार्थिनी अपनी पुत्री का इलाज डाक्टर श्रवण से कराया किन्तु प्रार्थिनी की हालत ज्यादा खराब होने पर प्रार्थिनी अपनी पुत्री को इलाज हेतु दिनांक 06.02.2020 को डॉ० श्रवण के कहने पर बसन्त हास्पिटल फतेहपुर में लाई किन्तु उन्होंने इलाज करने से मना कर दिया, तब प्रार्थिनी अपनी पुत्री को लेकर पी० जी० आर० हॉस्पिटल कानपुर लेकर गई जहाँ पर इलाज के दौरान प्रार्थिनी की पुत्री की मृत्यु हो गई।
प्रार्थिनी के गांव के प्रधानपति शिवसिंह व धन्ना लाल दोनों ने अस्पताल में मिलीभगत करके प्रार्थिनी की पुत्री का पोस्ट मार्टम भी नहीं कराने दिया और प्रार्थिनी की पुत्री की लाश को अपने साथ लेकर दिनांक 07.02.2020 को प्रधानपति शिवसिंह जबरन प्रार्थिनी की पुत्री का पंचनामा कराकर अंतिम संस्कार करवा दिया और धमकी दिया कि अगर पुलिस में जाकर शिकायत किया तो तुम्हारी भी लाश किसी को नहीं मिलेगी।
प्रार्थिनी गरीब महिला होने की वजह से डरती रही किन्तु दिनांक 09.02.2020 को प्रार्थिनी का पुत्र सूरत से आया तो वह पार्थिनी को लेकर थाना जाफरगंज जाकर पूरी घटना की सूचना दिया जिस पर पुलिस ने कहा जांच कर रिपोर्ट दर्ज की जायेगी किन्तु पुलिस धन्ना लाल से मिली होने के कारण कोई कार्यवाही नहीं हुई और लाक डाउन का बहाना बनाकर प्रार्थिनी को परेशान करती रही और आज तक प्रार्थिनी की रिपोर्ट दर्ज नहीं किया।
तब प्रार्थिनी हारकर यह प्रार्थनापत्र माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत कर उपरोक्त के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराने हेतु प्रार्थनापत्र दिया गया। प्रार्थनापत्र में वर्णित कथनों के अनुसार प्रस्तुत प्रकरण में संज्ञेय अपराध बनता प्रतीत होता है। अतः मामले में तथ्य एवं परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए इस प्रकरण की विवेचना कराया जाना उचित होगा।
प्रार्थिनी के अनुरोध पत्र पर माननीय अदालत का आदेश।
आदेश प्रार्थिनी द्वारा धारा 156 (3) दं० प्र० सं० के अन्तर्गत प्रस्तुत प्रार्थनापत्र स्वीकृत करते हुए संबंधित थानाध्यक्ष को निर्देश दिया जाता है, कि वह प्रार्थिनी के प्रार्थनापत्र में अंकित कथनों के अनुसार विपक्षीगण के विरूद्ध उचित धाराओं में प्रथम सूचना रिपोर्ट अंकित करना सुनिश्चत करें व प्रकरण की विवेचना करें।
थानाध्यक्ष इस आदेश की अनुपालन आख्या आदेश प्राप्ति के अंदर 15 दिन में प्रेषित करना सुनिश्चित करें। कार्यालय लिपिक इस आदेश की एक प्रतिलिप प्रार्थिनी के प्रार्थनापत्र अंतर्गत धारा 156 (3) द० प्र० सं० की प्रतिलिपि सहित अनुपालन हेतु संबंधित थानाध्यक्ष को अविलम्ब प्रेषित करना सुनिश्चित करें।
दिनांक : 20.12.2021
(प्रीति यादव) अपर सिविल जज (जू० डि०)/ न्यायिक मजिस्ट्रेट , न्यायालय संख्या -7 , फतेहपुर।
अदालत के इस आदेश को पढ़कर आखिरी सच टीम की पड़ताल
जबकि आखिरी सच टीम की पड़ताल व ग्रामीणों से बात चीत में यह निकलकर आया है कि विद्यालय प्रबन्धन व स्टाफ द्वारा बच्ची को विद्यालय प्रांगण में समस्त स्टाफ व बच्चों के सामनें सार्वजनिक तौर पर वस्त्र विहीन कर निरवस्त्र कर दिया गया था, जिसके विक्षोभ में बालिका नें आत्महत्या हेतु जहर का सेवन कर लिया था।
पूर्व प्रधान सिंह का रोल सम्पूर्ण केस मे अहम रहा, जहर खाये केस में पंचनामा करवाया गया, जब आखिरी सच प्रतिनिध नें वर्तमान प्रधान पति वीरेन्द्र यादव से टेलीफोनिक वार्ता में यह बात जाननी चाही लेकिन यादव जी नें पंचनामा हेतु लड़की के बाप द्वारा ही पंचनामे के लिये कहा गया ऐसा बताया गया।
जबकि अन्य ग्रामीणों से बात किया तो चार लोंगों नें बच्ची के साथ सार्वजनिक तौर पर अमानवीय कृत्य किया गया व नियोजित षड़यंत्रान्तर्गत उसके इलाज में भी चारों नामजदों व पंचनामें में सत्यापन कर्ता समस्त लोग भी दोषी हैं व ये दबाव में निर्णय दिलवाया गया था।
वहीं कुछ अत्यन्त जर्जर जीवन यापित कर रहे लोगों द्वारा नाम व चेहरा सार्वजनिक न प्रकाशित करनें की शर्त पर बताया कि यह शिकायत सर्वथा जायज है। व परिवार को न्याय व दोषियो पर कार्यवाही होनी ही चाहिये।
दीपू सिंह (क्षत्रिय) नें बताया कि जो घटना है वह सार्वजनिक व प्राकृतिक सत्य है। कार्यवाही होनी ही चाहिए।
अरिमर्दन सिंह पुत्र भुजबल सिंह निवासी अंगदपुर, विद्यालय का गांव, उन्होंनें सार्वजनिक तौर पर खुलकर प्रसारण करनें का ऐलान करते हुए घटना की सत्यता पर मुहर लगाया।
अब प्रश्न यह उठता है कि तत्कालीन ग्राम प्रधान क्षत्रिय व वर्तमान ग्राम प्रधान यादव नें किस विद्वैश अथवा लालसा में आज भी घटना में दोषी, पीड़ित परिवार को लगातार गुमराह करते रहे। निरवस्त्र करनें सार्वजनिक तौर पर किसी भी कक्षा आठ य किसी भी आयु वर्ग की महिला को यदि ऐसे असहनीय दर्द से गुजरना पड़ेगा तो शायद उसका अपना भी निर्णय यही होगा।
अब जहर खा लेनें के बाद भी श्रवण कुमार सोनकर विद्यालय परिवार के ही सदस्य बच्ची का इलाज करते रहे, जब हालात ज्यादा खराब हुए तो कानपुर में आधे अधूरे तथ्यों को बता व दिखाकर इलाज करवाया गया, उसमें भी विद्यालय प्रबन्धन ग्राम प्रधान का नियोजन रहा। शासन प्रशासन अनजान बना रहा जबकि घटना की जानकारी घटना के दिन से ही लगातार सार्वजनिक तौर पर चर्चा का विषय रही लेकिन स्थानीय जिम्मेदारों का मूक समर्थन प्राप्त होनें के कारण सन् 2020 की घटना के मुकदमें को पंजीकरण का सौभाग्य भी 2022 की जनवरी माह में अदालत के हस्ताक्षेप के बाद मिला, तब से अभी तक जांच चल रही है, व आगे भी धीरे धीरे चलती ही रहेगी।
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