GA4

प्रेमी तहसीलदार नें करवाया कानेस्टेबल रूचि सिंह की हत्या, शादी का दबाव था हत्या का मुख्य कारण।

Spread the love


लखनऊ के पीजीआई क्षेत्र में तैनात महिला सिपाही रुचि सिंह की हत्या के आरोप में एक तहसीलदार को गिरफ्तार किया गया है। प्रतापगढ़ के रानीगंज में तैनात तहसीलदार ने हत्या की साजिश रची थी। पूछताछ किए जाने पर पद्मेश ने बताया कि फेसबुक के जरिए रुचि से उसकी दोस्ती हुई थी। दोनों के बीच गहरे संबंध थे। रुचि पहले से ही विवाहित थी। फिर वह लगातार तहसीलदार पर शादी करने का दबाव बना रही थी।

तहसीलदार पद्मेश श्रीवास्तव प्रतापगढ़ में 3 साल से तैनात है। इसे पहले वो कौशांबी में तैनात था। आरोपी प्रयागराज का रहने वाला है। पहले पद्मेश लालगंज में तैनात था। करीब चार महीने पहले उसको रानीगंज भेज दिया गया था, तब से वो यहीं पर तैनात है। पद्मेश और रुचि सिंह की मुलाकात फेसबुक पर हुई थी। वहीं, से दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ी थीं। रुचि बिजनौर की रहने वाली थी।

तहसीलदार ने कराया था तलाक

रुचि सिंह मूल रूप से बिजनौर के नजीबाबाद की रहने वाली थी। उसकी शादी जून 2019 में कांस्टेबल नीरज के साथ हुई थी। दिसंबर 2019 में रुचि भी बतौर सिपाही भर्ती हो गई। मगर, इसके पहले से ही प्रयागराज के पद्मेश श्रीवास्तव से उसका प्रेम प्रसंग चल रहा था। नौकरी पाने के बाद रुचि ने अपने पुराने प्रेम को उजागर कर दिया।

पत्नी बनकर तहसीलदार के सरकारी आवास पर जाती थी

पद्मेश की पोस्टिंग प्रतापगढ़ में थी, लेकिन उसका परिवार प्रयागराज में रहता था। पद्मेश पहले से शादीशुदा होने के बावजूद रुचि से रिलेशनशिप में था। वह अक्सर रुचि से मिलने उसके गोमतीनगर विस्तार के सुलभ आवास में किराए के फ्लैट पर आता था। यही नहीं रुचि भी उसकी पत्नी बनकर प्रतापगढ़ में उसके सरकारी आवास पर कई दिन तक रुकती थी। पद्मेश ने उसे भरोसा दिलाया था कि शादी करने के बाद लखनऊ में अपना फ्लैट लेकर दोनों यही रहेंगे।

परीक्षा देने आए भाई को बताई कहानी तो हुआ खुलासा

रुचि पिछले कुछ महीनों से पद्मेश पर शादी का दबाव बना रही थी। लेकिन पद्मेश आनाकानी कर रहा था। उधर उसके कहने में आकर पति से तलाक ले चुकी रुचि की जिंदगी मझधार में फंस चुकी थी। 28 अगस्त को रुचि का भाई शुभम लखनऊ में सब इंस्पेक्टर की परीक्षा देने आया तो उसने भाई को सारी कहानी बताई। मौत से कुछ घंटे पहले भी रुचि ने अपनी भाभी शालिनी को फोन करके बताया था कि पद्मेश उससे मिलने आया है।

बिजनौर निवासी रुचि सिंह की तैनाती पुलिस मुख्यालय में थी। 13 फरवरी को उसकी ड्यूटी थी। काम पर नहीं आने पर रुचि को उसके साथी तलाश रहे थे। उसकी सहेली ने सोशल मीडिया में पोस्ट डाल कर मदद मांगी थी। वहीं, रुचि का मोबाइल फोन भी लगातार बंद था। सिपाही के बारे में कोई जानकारी नहीं मिलने के बाद शनिवार को गुमशुदगी दर्ज कराई गई थी। वहीं, गुरुवार को माती स्थित नाले में एक महिला का शव मिला था। जिसका हुलिया लापता सिपाही से मेल खा रहा था। एसीपी कैंट अर्चना सिंह के मुताबिक शव की पहचान के लिए सिपाही के भाई शुभम और पिता योगेंद्र को सूचना दी गई थी। रविवार को शुभम लखनऊ पहुंचा था। जिसके बाद पुलिस उसे लेकर पोस्टमार्टम हाउस पहुंची थी। जहां शुभम ने शव की पहचान बहन रुचि के तौर पर की है।

लापता सिपाही के मोबाइल की डिटेल खंगालने पर पुलिस को एक संदिग्ध नम्बर मिला था। जो प्रतापगढ़ के रानीगंज में तैनात तहसीलदार पद्मेश श्रीवास्तव का था। इस सूचना पर तहसीलदार को हिरासत में लिया गया। पूछताछ किए जाने पर पद्मेश ने बताया कि फेसबुक के जरिए रुचि से उसकी दोस्ती हुई थी। दोनों के बीच गहरे संबंध थे। रुचि पहले से ही विवाहित थी। फिर वह लगातार तहसीलदार पर शादी करने का दबाव बना रही थी। इंस्पेक्टर पीजीआई धर्मपाल सिंह के मुताबिक पद्मेश श्रीवास्तव से हत्या किस तरह और कब की गई। शव को कैसे ठिकाने लगाया। इन सवालों के जवाब मिलना बाकी है। उनसे पूछताछ की जा रही है।

रात भर साथ बिताया, दूसरे दिन हत्या करके हुआ फरार

पुलिस के मुताबिक 13 फरवरी से लापता रुचि की कॉल डिटेल खंगाली गई, तो आखिरी बातचीत पद्मेश के नंबर पर मिली। घरवालों से संपर्क करने पर पता चला कि 12 फरवरी को पद्मेश रुचि से मिलने आया था। संदेह के आधार पर पद्मेश को हिरासत में लेकर पूछताछ हुई तो पता चला कि 12 फरवरी की रात उसके साथ रुका था। रात भर उसने समझाने का प्रयास किया कि दोनों की शादी के लिए उसकी पत्नी राजी नही हो रही। रुचि अपनी जिद पर अड़ी रही। इसकी वजह से 13 फरवरी को एक दोस्त के साथ मिलकर उसकी हत्या करके शव को नाले में फेंक दिया था।

किसी के माध्यम से करवाया गया है मर्डर

सूत्रों के अनुसार दोनों पति-पत्नी 15 दिन पहले रुचि के खिलाफ थाने में तहरीर देने गए थे। उनका कहना था कि रुचि उनको ब्लैकमेल कर रही है। वो लोग थाने के पास पहुंचे ही थे, कि उनके पास एक फोन आया और वो लोग बिना शिकायत किए वापस लौट आए। उसके बाद दोनों पति-पत्नी ने रुचि के मर्डर का प्लान बनाया। बताया जा रहा है कि तहसीलदार पद्मेश श्रीवास्तव ने पहले लखनऊ में किसी युवक का काम करवाया था। उसी से उसने रुचि का मर्डर करवाया है।

पुलिस ने दोनों से शुरू की पूछताछ

मामले में सीओ सिटी अभय पांडेय ने बताया कि लखनऊ पीजीआई थाने की पुलिस रविवार की सुबह 6 बजे प्रतापगढ़ गई थी। वहीं से दोनों को साथ लाया गया है। दोनों से पूछताछ की जा रही है। जल्द ही सच सबके सामने होगा। तहसीलदार की पत्नी को दोनों के अफेयर के बारे में पता था। कहा जा रहा है कि उसका महिला की मौत के पीछे हाथ हो सकता है। पद्मेश की दो बेटियां भी हैं।


यदि आप चाहते हैं कि आखिरी सच परिवार की कलम अविरल ऐसे ही चलती रहे कृपया हमारे संसाधनिक व मानवीय संम्पदा कडी़ को मजबूती देनें के लिये समस्त सनातनियों का मूर्तरूप हमें सशक्त करनें हेतु आर्थिक/ शारीरिक व मानसिक जैसे भी आपसे सम्भव हो सहयोग करें।aakhirisach@postbank

Share

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!