माननीय नरेन्द्र मोदी जी, थानाध्यक्ष लम्भुआ एसपी सुल्तानपुर व दोषियों पर कब लगेगा एससी एसटी एक्ट।
सुल्तानपुर पुलिस की कर्मण्यता की पराकाष्ठा की हद को दिखाती आखिरी सच परिवार की यह ग्राउण्ड जीरो रिपोर्ट, जिस आखिरी सच परिवार पर सामन्तवादी होनें का तमगा यथार्थ लिखनें के कारण तथाकथित दलित उत्प्रेरक व हितैसी लगाते चले आ रहें हैं, आज इस दलित परिवार की महिला का दर्द आखिर इन तथाकथित दलित मठाधीशों व तथाकथित दलित मीडिया को क्यों नही दिखा?
वैसे आखिरी सच परिवार किसी धर्म, जाति, भाषा व लिंग का समर्थन न करके केवल पीडि़तों की आवाज लगातार अपनीं बुनियाद 10 अप्रैल 2021 में पड़नें के बाद से लगातार बिना स्वार्थ व लाग लपेट के लगातार अपना दायित्व समझकर करता चला आ रहा है।
आखिर प्रदेश व देश की सत्ता पर बैठी तथाकथित दलित हितैषी सरकार जो बूलगढी़ में चार में से तीन निर्दोष ठाकुरों को जेल भेजवा देती है, वहीं बड़ागाँव वाराणसी के थानाध्यक्ष पर दलित के मुकदमें की देर से पंजीकरण पर एससी एसटी एक्ट लगा देती है, तो इस दलित परिवार पर लगातार गिरोहबद्ध बर्बरता किये जानें व लम्भुवा थानेंदार व सुल्तानपुर पुलिस पर दलित उत्पीड़न का मुकदमा कब लिखवायेगी यह दलित हितैषी सरकार।
पीड़िता द्वारा दिया गया पत्र
विनम्र निवेदन है कि सरिता पत्नी तेजबहादुर शाम धानापुर की अनुसूचित जाति (चमार) की महिला है। दिनांक 18/08/2021 को समय लगभग 7:30 बजे रात्रि को पार्थिनी के गाँवो के ही सत्यम सिंह सुत रंगबहादुर सिंह, अनुज सिंह सुत मुन्ना सिंह शिवम सुत रंगबहादुर सिंह व 6 अज्ञात लोगों द्वारा मारा पीटा गया था। जिस घटना के संबंध में प्रार्थनी में लम्भुआ थानें पर प्रार्थना पत्र दिया था। जिस पर उपरोक्त लोग इसी बात से क्षुब्ध होकर मेरे व मेरे परिवारवालों का पुलिस से मिलकर जबरदस्त उत्पीड़न व मार पीट की गई थी।

इसी घटना के क्रम में जब प्रार्थिनी ने सुलह नहीं की तो दिनांक 24/08/2021 समय लगभग 8:30 बजे के बीच सत्यम सिंह सुत रंगबहादुर सिंह, अनुज सिंह सुत मुन्ना सिंह शिवम सुत रंगबहादुर सिंह, आलोक सिंह सुत मुन्ना सिंह व 7-8 अज्ञात लोग लाठी डंडे के साथ प्रार्थिनी के घर आये और चमार धमार व माँ बहन की आदि की भद्दी गालियां देते हुए मारने लगे।
जब प्रार्थिनी अपनी जान बचाकर अपने घर में भागी तो उपरोक्त लोग सभी प्रार्थिनी के घर में घुस गये और प्रार्थिनी को मारने व प्रार्थिनी के साथ अश्लील हरकत करने लगे हल्ला गुहार सुनकर जब प्रार्थिनी के परिजन प्रार्थिनी को बचाने दौड़े तो विजय बहादुर, अनिता देवी, प्रार्थिनी की विकलाँग सास विमला देवी, अनिता देवी, प्रतिमा, प्रतिभा, सुनैना, आदि लोगों के साथ अश्लील हरकत करते हुए मारे पीटे और कहा की अगर दुबारा कही प्रार्थना पत्र दी तो तुम्हे व तुम्हरे परिवार वालों को जान से मार डालूँगा और घर में रखा सारा सामान भी तहस नहस कर डाले और दुकान में रखा 10000 रुपया भी जबरन उठा ले गये।
पुलिसिया उत्पीड़न से डरी सहमी प्रार्थिनी दुबारा थाने पर न जाकर अपनी व्यथा पुलिस अधीक्षक महोदय सुल्तानपुर से मिलकर बतानी चाही लेकिन मुलाकात न होने पर प्रार्थीनी ने अपना व अपने परिजनों का जिला चिकित्सालय सुल्तानपुर में जाकर अपनी व परिजनों की चोटो का मेडिकल मुआयना कराया और जरिये रजिस्ट्री पुलिस अधीक्षक महोदय सुल्तानपुर को प्रार्थना पत्र भी दिया तो पुलिस अधीक्षक महोदय सुल्तानपुर ने जाँच/ कार्यवाही हेतु थाना अध्यक्ष महोदय लम्भुआ को निर्देशित किया किन्तु लम्भुआ थाने की पुलिस यह धमकी दे रही है कि अगर तुम लोग इस घटना में सुलह नही करोगे तो तुम्हे व तुम्हरे परिवार वालो को फर्जी मुकदमे में फसाकर जेल भेज दूँगा। प्रार्थिनी को थाने से कोई न्याय बिना श्रीमान के निर्देश से मिलने की ऊमीद नहीं है।
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