दिल्ली से 3020 किलोमीटर दूर अजरबैजान देश के बकु शहर का मन्दिर संस्कृत में वर्णित हैं मंत्र।
भारत की राजधानी दिल्ली से लगभग 3000 किलोमीटर एक देश है, जिसका नाम है अजरबैजान। यह देश पहले रूस का एक भाग हुआ करता था, लेकिन 1991 में रूस के टुकड़े टुकड़े हो गए, उसी में एक नया देश अजरबैजान बना।
आज के समय मे अजरबेजान 96% मुस्लिम आबादी वाला देश है। लेकिन अजरबैजान में एक ऐसा मंदिर है, जहां संस्कृत भाषा मे वैदिक मन्त्र लिखे हुए है। और इस मंदिर की खास बात यह है, की यहां पवित्र अग्नि चमत्कारी ढंग से अपने आप बिना किसी ईंधन के जलती ही रहती है, इसी तरह का एक रहस्यमयी “ज्वालादेवी मंदिर” भारत में भी है।
अगर भारत से अजरबैजान जाना हो, तो ईरान, इराक आदि कई देश पार करने होंगे। तुर्की आदि देश तक इसकी सीमाएं है। वहां पर एक ऐसे मंदिर का आज भी होना, जिसमे वैदिक मन्त्र लिखे हुए है … क्या यह इस बात का स्पष्ट प्रमाण नही है की सनातनियों की जमीन आज के भारत से बहुत आगे थी?
हमने इसे महाभारतकालीन मंदिर कहा है, हालांकि वर्तमान इतिहासकारो ने इसे 2-3 हजार साल पुराना बताया है, लेकिन यह सच नही हो सकता। क्योंकि एक और जहां तुर्की आदि के गुफाओं को 10,000 साल से भी अधिक पुराना बता दिया जाता है, लेकिन ठीक उसी तरह की भारतीय गुफाओं को मात्र 1300-2000 साल पुराना बताया जाता है। ऐसा एक जगह नही, प्रत्येक जगह ही है।
प्रत्येक सनातनी धरोहर की आयु कम करके ही बताई जाती है। “जल्द ही हम यूट्यूब पर तथा फेसबुक पर एक सीरीज शुरू कर रहे है, जिसमें महाभारत को विश्वव्यापी युद्ध के रूप में दिखाया जाएगा। उपरोक्त वर्णित चित्र अजरबैजान का आतिशगाह मंदिर है। जो कि बकु में स्थित है ।(कुमारी नेहा सिन्हा की कलम से)
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