युक्रेन रूस वार का ऐशिया के भारत में पड़ेगा बुरा प्रभाव वहीं इण्डोनेशिया को होगा फायदा, दोनों देशों के बीच वार्ता बेलारूस में तैयारियां पूरी।
रूस यूक्रेन में तेजी से हमले कर रहा है। अब तक ज्यादातर एयर अटैक किए गए। अब रूस की सेना सड़क के रास्ते भी यूक्रेन की राजधानी में दाखिल हो रही है। रूस ने न केवल सैन्य अड्डों पर हमला किया बल्कि कई बड़ी इमारतें भी हवाई हमले में ढह गईं। अब युद्ध के अगले चरण में यही आशंका है कि रूस यूक्रेन के अंदर बड़ी संख्या में भारी हथियार दाखिल करवा सकता है। हालांकि वर्तमना में रिपोर्ट्स यही बताती हैं कि रूस सीमित संख्या में ही टैंकों का इस्तेमाल कर रहा है। एक वीडियो सामने आया है जिसमें देखा जा सकता है कि रूस के टैंक कीव की तरफ बढ़ रहे हैं। एक और वीडियो सामने आया है जिसमें कि रास्ते से गुजरने वाला एक शख्स टैंक के साथ खड़े रूसी सैनिकों से बात करता है।
अब जाकर यूक्रेन रूस तैयार हुआ वार्ता के लिए रूस के अधिकारी बेलारूस पहुंच गए हैं। इसकी जानकारी क्रेमलिन ने दी है। आपको बता दें कि शनिवार को ही रूसी समाचार एजेंसी ने बताया था कि यूक्रेन रूस से वार्ता के लिए राजी हो गया है। अब देखना होगा कि दोनों के बीच वार्ता से क्या निकलता है। आपको बता दें कि ये वार्ता ऐसे समय में होने जा रही है जब यूक्रेन की राजधानी कीव में रूसी जवान नियत्रण पाने की कोशिश कर रहे हैं। कीव में जबरदस्त जंग चल रही है। इस बीच यूक्रेन की मदद के लिए यूरोप के दूसरे देशों ने भी सैन्य साजो सामान भेजा है।
क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा कि यूक्रेन के साथ बातचीत के लिए रूस का एक प्रतिनिधिमंडल बेलारूस पहुंचा है। उनके मुताबिक रूसी प्रतिनिधिमंडल में विदेश मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय और राष्ट्रपति प्रशासन सहित अन्य विभागों के प्रतिनिधि शामिल हैं। यूक्रेन के प्रतिनिधिमंडल के साथ ये वार्ता गोमेल में होगी। स्पूतनिक की खबर के मुताबिक बेलारूसी विदेश मंत्रालय ने बताया है कि मिन्स्क ने गोमेल में रूस और यूक्रेन के बीच वार्ता के लिए आवश्यक सभी चीजें तैयार कर ली है। इससे पहले राष्ट्रपति जेलेंस्की ने अपने वर्चुअल भाषण में कहा कि वो रूस के साथ बातचीत करने को तैयार है, लेकिन पड़ोसी देश बेलारूस में नहीं क्योंकि इसका इस्तेमाल आक्रमण के लिए लॉन्चपैड के रूप में किया जा रहा है। उन्होंने इसके लिए वारसा, बुडापेस्ट, इस्तांबुल, बाकू का सुझाव दिया था।
आपको बता दें कि शनिवार को ये खबर सामने आई थी कि यूक्रेन रूस से बातचीत के लिए राजी हो गया है, लेकिन वो ये बातचीत वर्सा में करना चाहता है, जबकि रूस इस वार्ता को बेलारूस के मिन्स्क में करना चाहता था। काफी असमंजस के बाद यूक्रेन भी इस वार्ता के लिए राजी हो गया है। बता दें कि रूस ने 24 फरवरी को यूक्रेन के खिलाफ सैन्य अभियान शुरू किया था। इसके बाद रूस की तरफ से यूक्रेन पर चौतरफा हमला किया गया है। इसमें यूक्रेन को भारी क्षति भी उठानी पड़ी है साथ ही रूस को भी नुकसान हुआ है। इस बीच अमेरिका समेत पश्चिमी देशों ने रूस पर कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए हैं।
यूक्रेन पर रूस के ताबड़तोड़ हमलों के बीच वैश्विक जानकारों के मुताबिक यूक्रेन संकट से भारत, थाइलैंड और फिलीपींस को सबसे अधिक नुकसान होगा। वहीं, इंडोनेशिया को इससे उलट यानी फायदा ही होगा। तेल आयातक होने के चलते भारत को तगड़ा नुकसान हो सकता है क्योंकि पूरी दुनिया में कच्चे तेल की कीमतों में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है।
एशिया में भारत को ज्यादा नुकसान का अनुमान
रूस-यूक्रेन संकट के चलते वैश्विक बाजार पर खतरा बरकरार है। दुनियाभर के शेयर बाजार बुरी तरह लड़खड़ाकर संभल रहे हैं। कुछ देशों की करेंसी वैल्यू पर असर पड़ा है। इस भू-राजनीतिक तनाव का और बुरा असर ग्लोबल मार्केट पर दिख सकता है। मशहूर फाइनेंशियल एंड रिसर्च कंपनी नोमुरा की रिपोर्ट के मुताबिक यूक्रेन संकट के चलते एशिया में सबसे बड़ा असर भारत पर हो सकता है। आइए जानते हैं कि नोमुरा ने इस अनुमान के पीछे क्या और कौन से तर्क दिये हैं।
रुलाएंगे कच्चे तेल के दाम?
क्रूड ऑयल की आसमान छूती कीमतों का असर भारत को सबसे अधिक प्रभावित कर सकता है। ब्रेंट क्रूड की कीमत करीब 3 फीसदी उछलकर 105 डॉलर प्रति बैरल पहुंच चुकी है। रिसर्च फर्म की रिपोर्ट के अनुसार, क्रूड ऑयल और खाद्य वस्तुओं की कीमतों में लगातार बढ़ोत्तरी एशिया की अर्थव्यवस्थाओं पर काफी बुरा असर डालेंगी। बढ़ती महंगाई, कमजोर चालू खाता, बढ़ता घाटा और आर्थिक ग्रोथ के प्रभावित रहने से मुश्किलें और बढ़ जाऐंगी।
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