रूस यूक्रेन युद्ध, रूस पर प्रतिबंध, भारत न पक्ष में न विपक्ष में, 2 मार्च को जारी हुई दो एडवाइजरी।
रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग के बीच संयुक्त राष्ट्र महासभा में बुधवार को यूक्रेन पर रूस के हमले की कड़ी निंदा करने वाला प्रस्ताव पारित किया गया। इस प्रस्ताव पर 141 देशों ने समर्थन में वोट दिया, जबकि 5 देशों ने प्रस्ताव के खिलाफ अपना मतदान किया. यानी ये पांच देश रूस के समर्थन में रहे। इसके अलावा भारत सहित 35 देशों ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया।
इन देशों ने प्रस्ताव के विरोध में दिया वोट
संयुक्त राष्ट्र महासभा में निंदा प्रस्ताव के खिलाफ पांच देशों ने वोट किया। रूस के साथ खड़े इन देशों में बेलारूस, डेमोक्रेटिक पीपल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया (नॉर्थ कोरिया), ईस्ट अफ्रीका के देश एरितरेया, रूस और सीरियन अरब रिपब्लिक (सीरिया) शामिल रहे।
35 देश रहे अनुपस्थित
निंदा प्रस्ताव पर वोटिंग के दौरान संयुक्त राष्ट्र महासभा में 35 देश गैरमौजूद रहे। इनमें भारत, पाकिस्तान, चीन, श्रीलंका, दक्षिण अफ्रीका, बांग्लादेश, अल्जीरिया, एंगोलिया, बोलिविया, क्यूबा, इरान, इराक, नमिबिया, माली, निकारागुआ, वियतनाम, ज़िम्बाब्वे, मंगोलिया और किरगिस्तान समेत कई देश शामिल रहे।
भारत ने क्या कहा?
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि भारत तुरंत युद्धविराम का अंतरराष्ट्रीय समुदाय के आह्वान का समर्थन करता है। उन्होंने वोट के दौरान अनुपस्थित रहने पर जवाब देते हुए कहा कि सरकार के लिए भारतीयों को निकालना पहली प्राथमिकता है। बॉर्डर पार करने देने के लिए यूक्रेन के पड़ोसी देशों का शुक्रिया। भारत ने ये भी कहा कि मतभेदों को सिर्फ बातचीत और डिप्लोमेसी के ज़रिए ही खत्म किया जा सकता है।
वहीं रूस और यूक्रेन के बीच की जंग अब दिन पर दिन तेज और खतरनाक होते जा रही है। रूस की सेना ने अब खारकीव शहर पर हमला बोल दिया है। भारत ने बिगड़ते माहौल को देखते हुए एडवायजरी जारी कर खारकीव में फंसे सभी भारतीयों को बीती शाम 6 बजे तक शहर छोड़ने को कहा था। बता दें, यूक्रेन के कीव के बाद खारकीव दूसरा सबसे बड़ा शहर है।
आइये जानते हैं खारकीव के कुछ इतिहास के बारे में
खारकीव शहर की स्थापना 1654 में हुई थी। सन 1820 में यूक्रेनियन राष्ट्रीय आंदोलन का खारकीव केंद्र बना था। वहीं साल 1920 से लेकर 1934 में सोवियत रिपब्लिक ऑफ यूक्रेन की राजधानी बनाया गया था। ये शहर साल 1932 में यूक्रेन में आए महान अकाल का असर भी खारकीव पर देखने को मिला था। इस दौरान बड़ी संख्या में भूखमरी के चलते लोगों की मौत हुई थी। जानकारों के मुताबिक, ये एक मानव निर्मित आपदा थी जो सोवियत कृषि और पुनर्वितरण नितियों के चलते पैदा हुई थी।
खारकीव शहर ने दूसरे विश्व युद्ध के दौरान अहम भूमिका निभाई है। खारकीव सोवियत संघ और जर्मन सेना के बीच जंग का केंद्र बना था। साल 1941 के दिसंबर महीने से लेकर जनवरी 1952 तक इस शहर में नाजी जर्मनी ने हजारों यहूदियों को मौत के घाट उतारा था।
आइये जानतें हैं आखिर क्यों पुतिन के निशाने पर है खारकीव
दरअसल, खारकीव में रूस समर्थक लोगों की बड़ी संख्या मौजूद है। पहचान, बोली और रहन-सहन के मामले में खारकीव यूक्रेन का इकलौता शहर है जो रूस से मेल खाता है। खारकीव रूस की सीमा से ज्यादा दूर भी नहीं है। जानकार बताते हैं, रूस समर्थकों की बड़ी संख्या होने के चलते खारकीव को कब्जे में लेना आसान साबित होगा जिसके लिए रूस हमला कर रहा है। रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध से पूरी दुनिया तनाव में है। दोनों देशों के बीच करीब एक सप्ताह से जंग जारी है। सैकड़ों सैनिकों की मौत हो चुकी है। जगह-जगह धमाके हो रहे हैं। ऐसे में अब दोनों देश एक बार फिर से बातचीत की मेज पर बैठने वाले हैं। इससे पहले भी दोनों देश बातचीत कर चुके हैं, जिसमें कुछ मुद्दों पर चर्चा होने के बाद फिर से बैठक करने की सहमति बनी थी। अब आज फिर दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडल मुकाकात करने वाले हैं। यह बैठक बेलारूस में होगी।
वहीं रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के एक शीर्ष सहयोगी ने कहा है कि बृहस्पतिवार को होने वाली वार्ता के लिए यूक्रेन का प्रतिनिधिमंडल बेलारूस आ रहा है। रूसी प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई कर रहे व्लादिमीर मेडिंस्की ने बुधवार शाम को संवाददाताओं से कहा, ”जहां तक मेरी जानकारी है, यूक्रेनी प्रतिनिधिमंडल कीव से रवाना हो चुका है और रास्ते में है। हम कल (बृहस्पतिवार) वार्ता की उम्मीद कर रहे हैं।”
PM @narendramodi spoke on phone today with Russian President Vladimir Putin @KremlinRussia_E.
Press Release ➡️ https://t.co/ZeE8BgI0ft
— Arindam Bagchi (@MEAIndia) March 2, 2022
उन्होंने कहा कि दोनों पक्ष पोलैंड की सीमा से सटे बेलारूसी क्षेत्र में वार्ता करने को लेकर सहमत हुए हैं। वहीं, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के कार्यालय ने एसोसिएटेड प्रेस को प्रतिनिधिमंडल के रवाना होने की पुष्टि की है। हालांकि, पहुंचने के समय की जानकारी नहीं दी। लेकिन, फिलहाल आज बैठक होनी तय है।
यूक्रेन में करीब 500 रूसी सैनिकों की मौत: मॉस्को
रूस के रक्षा मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि यूक्रेन में उसके 498 सैनिक मारे गए हैं और 1,597 अन्य घायल हो गए हैं। मेजर जनरल इगोर कोनाशेनकोव ने रूस को ‘‘बेशुमार नुकसान’’ होने की खबरों को बुधवार को ‘‘गलत सूचना’’ बताते हुए खारिज कर दिया। कोनाशेनकोव ने यह भी कहा कि यूक्रेन के 2,870 से अधिक सैनिक मारे गए हैं और करीब 3,700 घायल हो गए हैं जबकि 572 अन्य को बंदी बना लिया गया है।
यूक्रेन के खारकीव में रूस के तेज़ होते हमले के बीच बुधवार को एक घंटे के भीतर यूक्रेन में मौजूद भारतीय एंबेसी ने दो एडवाइज़री जारी की हैं। एडवाइज़री में एंबेसी ने भारतीयों से तुरंत खारकीव खाली करने को कहा है। अब विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने इस एडवाइजरी को लेकर तस्वीर साफ की है। उन्होंने बुधवार शाम किए गए प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि एडवाइजरी रूसी पक्ष से प्राप्त इनपुट के आधार पर जारी की गई है। हमने खुद से एडवाइजरी में जगह और समय तय नहीं किया है, ये इनपुट पर आधारित है।
2nd Advisory to Indian Students in Kharkiv
2 March 2022.@MEAIndia @PIB_India @DDNewslive @DDNational pic.twitter.com/yOgQ8m25xh— India in Ukraine (@IndiainUkraine) March 2, 2022
एंबेसी की ओर से खार्किव में जो भारतीय फंसे हैं, उन्हें तुरंत वहां से किसी दूसरी जगह चले जाने का एडवाइजरी जारी की गई है। इसके लिए खार्किव के पास की तीन जगह (पिसोचिन,बेज़लुडोव्का और बाबे) सुरक्षित जोन बताई गई हैं। नागरिकों को आज 6 बजे (यूक्रेनी समय) तक इन इलाकों में पहुंचने को कहा गया।
यूक्रेन से निकासी का काम जारी
अरिंदम बागची ने बताया है कि यूक्रेन छोड़ने वाले भारतीयों की संख्या में तेज़ी से वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा, “अनुमान है कि अभी तक लगभग 17,000 भारतीय नागरिक यूक्रेन की सीमाओं को छोड़ चुके हैं।” बागची ने बताया कि पिछले 24 घंटों के दौरान, 6 उड़ानें भारत पहुंची हैं, जिससे भारत में कुल उड़ानों की संख्या 15 हो गई है और इन उड़ानों से लौटने वाले भारतीयों की कुल संख्या 3,352 है।
Foreign Secretary is calling in Ambassadors of Russia and Ukraine to reiterate our demand for urgent safe passage for Indian nationals who are still in Kharkiv and cities in other conflict zones.
Similar action is also being undertaken by our Ambassadors in Russia and Ukraine.
— Arindam Bagchi (@MEAIndia) March 1, 2022
बागची ने कहा कि अगले 24 घंटों में 15 उड़ानें निर्धारित की गई हैं। इनमें से कुछ पहले से ही वर्तमान में रास्ते में हैं। उन्होंने कहा, “भारतीय वायु सेना का विमान C-17 बुखारेस्ट (रोमानिया) से ऑपरेशन गंगा में शामिल हो गया है, इस विमान की आज रात में दिल्ली लौटने की उम्मीद है। बुडापेस्ट (हंगरी), बुखारेस्ट (रोमानिया) और ज़ेसज़ोव (Rzeszow) (पोलैंड) से आज तीन और भारतीय वायु सेना की उड़ानें शुरू की जाएंगी।”
Advisory to Indians in Kyiv
All Indian nationals including students are advised to leave Kyiv urgently today. Preferably by available trains or through any other means available.
— India in Ukraine (@IndiainUkraine) March 1, 2022