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अम्बेडकर की मूर्ति हटवानें गये एसडीएम व तहसीलदार को अम्बेडकरवादियों नें किया जलानें का प्रयास।

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“हमने समुदाय को मूर्ति हटाने के लिए समय देकर सक्रिय कार्रवाई की, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। इसलिए मैं, तहसीलदार, पुलिस और नगर पालिका समेत प्रशासन मौके पर इसे हटाने के लिए पहुंच गया। समुदाय ने उनकी महिलाओं को मूर्ति के सामने खड़ा कर दिया, हमने पूरे सम्मान के साथ उन्हें जगह से हटा दिया और मूर्ति को अलग जगह पर रखने के लिए उसे हटाना शुरू कर दिया। तब भीड़ ने हमारे आस-पास की चीजों को आग लगा दी और हम पर पत्थर और सूखे गोबर फेंका। स्थिति काफी गंभीर हो गई, क्योंकि महिलाओं ने चीखना-चिल्लाना शुरू कर दिया, वहीँ अन्य कुछ उपद्रवियों ने आस-पास की चीजों को आग लगा दी।”

एसडीएम केवी विवेक

जानकारी के अनुसार लहार के वार्ड क्रमांक 14 निवासी कृष्णा सीताराम राठौर ने एसडीएम से शिकायत की थी कि उनकी जमीन पर कुछ लोगों ने डा. भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा लगाकर अवैध कब्ज़ा कर लिया है। उसे हटाने की बात कहने पर लोग उनके साथ मारपीट पर उतारू हो जाते हैं, और जान से मारने की धमकी दे रहे है। शिकायत के बाद एसडीएम केवी विवेक तहसीलदार नवीन भारद्वाज तथा कई अन्य कर्मचारी व पुलिसकर्मियों के के साथ गुरुवार को प्रतिमा हटवाने पहुंचे थे। ग्रामीणों ने मूर्ति हटाने आए एसडीएम और तहसीलदार के साथ विवाद शुरू कर दिया। जिसके बाद पुलिस-प्रशासन की टीम पर कुछ बदमाशों ने गोबर व पत्थर फेंके। इसके बावजूद जब अधिकारी प्रतिमा के पास पहुंच गए तो प्रतिमा के आसपास की घास-फूस, झोपड़ियों व झाड़ियों में आग लगा दी गई। एसडीएम टीम के साथ फिर भी वहां डटे रहे।

इसके बाद एसडीएम ग्रामीणों को समझाया कि उनके विरोध के लिए और इस तरह की घटनाओं के लिए उन पर कार्रवाई की जा सकती है, जिसके बाद ग्रामीणों ने उनकी बात सुनी और समझाने के बाद विवाद बंद किया।


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“हमने पुलिस की मदद से स्थिति को नियंत्रित किया और मैंने लोगों को अपने भाषण के माध्यम से समझाया कि कैसे हमारे संविधान के अनुसार मूर्ति को अवैध रूप से खड़ा करना गलत है। इसे करने का कानूनी तरीका क्या है? मैंने उनसे यह भी कहा कि हम पर हमला कर उन्होंने क़ानून का उलंघन किया है, जिसके कारन उनपर एफआईआर दर्ज की जाएगी। इसके बाद वे घंटा-भर आपस में विचार विमर्श करते रहे तथा अंत में उन्होंने स्वयं मूर्ति को मौके से हटा दिया और उसे एक निर्विवाद भूमि पर रख दिया।”

एसडीएम केवी विवेक

फिलहाल गांव में तनाव की जो स्थिति निर्मित हुई थी उस पर काबू पा लिया गया है। प्रशासन के अनुसार ग्रामीणों ने अपनी गलती को मन तथा सरकारी जमीन पर स्थापित प्रतिमा को खुद हटाने के लिए आगे आये, और मूर्ति को मौके से हटा उसे एक निर्विवाद भूमि पर रख दिया।


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