चंडीगढ़, 25 मार्च (सुभाष चंद्र शर्मा)। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने राज्य में विधायकों की बैठक को लेकर बड़ा फैसला लिया है। भगवंत मान ने फैसले की जानकारी देते हुए बताया कि अब राज्य के विधायकों को सिर्फ एक बार ही पेंशन का फायदा मिलेगा, चाहे वह कितनी बार ही जीतकर आए हों। यह फैसला पूर्व विधायकों पर भी लागू होगा। पंजाब के नवनिर्वाचित सीएम ने साथ ही यह भी कहा है कि विधायकों के परिवार को दिए जाने वाले भत्तों में भी कटौती की जाएगी।
एक सप्ताह पहले पंजाब के सीएम की कुर्सी पर बैठने वाले भगवंत मान राज्य में एक के बाद एक बड़े फैसले ले रहे हैं। इसके पहले मंगलवार को भगवंत मान ने कहा था कि उनकी सरकार राज्य में सेवा दे रहे 35,000 अस्थायी कर्मचारियों को स्थाई नियुक्ति देगी। मान ने इसे ऐतिहासिक फैसला बताया था।
I request @PunjabGovtIndia &hon’ble speaker that whatever pension accrues to me as ex MLA may please be used for the interests of the people of Pb (Lok hitaan vaaste). It should in no case be sent to me. Formal request in writing being sent separately- Parkash S. Badal, Former CM pic.twitter.com/ZZKBpcmw39
25000 सरकारी नौकरी की घोषणा
इसके पहले शनिवार 19 मार्च को भगवंत मान ने सीएम बनने के बाद पहली कैबिनेट बैठक में 25,000 सरकारी नौकरियां देने का प्रस्ताव पारित किया था। इसके तहत 10,000 सरकारी नौकरियां राज्य में पुलिस विभाग में दी जाएंगी जबकि 15000 पद अन्य विभागों, परिषदों और निगमों में सृजित किए जाएंगे।
एंटी करप्शन हेल्पलाइन
वहीं 23 मार्च को भगत सिंह के शहीदी दिवस पर पंजाब सरकार ने एंटी करप्शन हेल्पलाइन नंबर जारी किया था। इस नंबर पर राज्य का कोई भी व्यक्ति रिश्वत मांगे जाने की शिकायत कर सकता है। भगवंत मान ने 9501200200 मोबाइल नंबर को जारी करते हुए कहा था कि ‘यह हमारा नंबर है। अगर आपको कोई रिश्वत मांगे तो उसे मना मत करना बल्कि उसकी रिकॉर्डिंग बनाकर हमारे इस नंबर पर भेज देना। फिर हम बताएंगे की भ्रष्टाचार की सजा क्या होती है। अब राज्य में भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।’ मुख्यमंत्री ने इस मुहिम में लोगों से समर्थन की मांग की थी।
वहीं पंजाब के पांच बार के सीएम और 11 बार के विधायक रहे प्रकाश सिंह बादल ने पूर्व विधायक के तौर पर मिलने वाली पेंशन लेने से इन्कार कर दिया है। बादल ने कहा कि यह राशि जनहित पर खर्च की जाए। यह बात बादल नें इसी मार्च में 17 तारीख को ट्वीट कर कही थी।
जबकि प्रकाश सिंह बादल पर 11 पेंशन लेने के आरोप लगते रहे हैं। इस पर सफाई देने के लिए बादल परिवार को बार-बार सामने आना पड़ता है। पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल भी पेंशन को लेकर कई बार सफाई दे चुके हैं। शिअद के वरिष्ठ नेता और सुखबीर बादल के पूर्व ओएसडी चरणजीत बराड़ ने तो पेंशन को लेकर आरटीआइ हासिल की थी। बराड़ ने बताया था कि लोक सूचना अधिकारी ने लिखित में बताया है कि बादल विधानसभा के सदस्य हैं, इसलिए उन्हें वेतन मिलता है न की पेंशन।पंजाब में इस बार चुनाव में अकाली दल का बुरी तरह से सफाया हुआ है। बादल लंबी हलके से चुनाव हार गए थे। उन्हें आम आदमी पार्टी के गुरमीत सिंह खुदियां ने हराया। हालांकि राज्य में मिली बुरी तरह से हार को लेकर शिअद मंथन में लगा है।