लुटियंस के बंगला नंबर 12 की कहानी, पासवान ने एक-एक कर जुटाए 5 ट्रक सामान, यहीं से बनी वाजपेयी से मनमोहन सिंह तक की सरकार में रहे मलाईदार पदों पर पासवान। पूर्व केंद्रीय मंत्री और 6 बार सांसद रहे रामविलास पासवान के लुटियंस जोन में आवंटित 12 जनपथ बंगला खाली करवाया गया। बुधवार को इस बंगले से फर्नीचर और दूसरे घरेलू सामान ले जाते हुए कई ट्रक निकले। इस बंगले के साथ पासवान का नाम इसलिए भी जुड़ गया था क्योंकि पिछले करीब 32 साल से वो यहां रह रहे थे। उनके निधन के बाद चिराग पासवान ने इस बंगले को उनका स्मृति स्थल बनाने की मांग की थी, उन्होंने पासवान की प्रतिमा भी यहां स्थापित की थी। हालांकि, अब अधिकारी इसे खाली कराने में जुटे हुए हैं।
लोकसभा सांसद चिराग पासवान से उनके दिवंगत पिता रामविलास पासवान को आवंटित बंगले को खाली कर लिया गया है। इससे पहले उन्हें पिछले साल जारी किए गए निष्कासन आदेश को अमल में लाने के लिए सरकारी टीम यहां भेजी गई थी। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के तहत आने वाले संपदा निदेशालय की टीम के वहां पर पहुंची, जिसके तुरंत बाद लुटियंस दिल्ली में 12 जनपथ बंगले से फर्नीचर और घरेलू सामान ले जाने की प्रक्रिया शुरू हुई।
लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के आधिकारिक पते 12 जनपथ बंगले से सामान लदे पाँच ट्रक बाहर निकलते दिखाई थे। अधिकारियों ने कहा कि बंगला केंद्रीय मंत्रियों के लिए रखा गया है और सरकारी आवास में रहने वालों को इसे खाली करने के लिए कहा गया है।
पार्टी बैठकों के लिए हो रहा था बंगले का इस्तेमाल
इस बंगले का उपयोग पार्टी की संगठनात्मक बैठकों और अन्य संबंधित कार्यक्रमों के आयोजन के लिए नियमित रूप से किया जाता था। देश के प्रमुख दलित नेताओं में से एक राम विलास पासवान का अक्टूबर 2020 में 74 साल की उम्र में निधन हो गया था। वह केंद्र की कई सरकारों में 1989 से मंत्री रहे।
90 के दशक से पासवान के पास था 12 जनपथ बंगला
पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ऐसे नेता रहे जो 1990 के दशक से केंद्र में बनने वाली लगभग सभी सरकारों में मंत्री रहे। इस वजह से करीब 32 साल से उनके पास रहा 12 जनपथ पर आवंटित बंगला उन्ही के नाम पर अलॉट रहा। 8 अक्टूबर 2020 में केंद्रीय मंत्री रहते हुए रामविलास पासवान का निधन हो गया था, जिसके बाद यह बंगला केंद्रीय मंत्री अश्विणी वैष्णव को आवंटित कर दिया गया। इसी के बाद अब इसे खाली करने की प्रक्रिया शुरू हुई है।
लगातार दूसरे दिन भी चली बंगला खाली करने की प्रक्रिया
आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के तहत आने वाले संपदा निदेशालय की ओर से पिछले साल जुलाई में दिवंगत नेता रामविलास पासवान के बेटे चिराग को जारी किए गए एक निष्कासन आदेश के क्रियान्वयन के लिए एक टीम यहां भेजी गई थी। एक अधिकारी ने कहा कि 12 जनपथ का बंगला केंद्रीय मंत्रियों के लिए निर्धारित है और इस सरकारी आवास में रहने वालों को इसे खाली करने के लिए कहा गया। बंगले को खाली कराने की प्रक्रिया दूसरे दिन यानी गुरुवार को भी जारी रही।
रामविलास के निधन के बाद लोजपा दो धड़ों में बंटी
पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की मृत्यु के बाद चिराग पासवान और उनके चाचा पशुपति कुमार पारस के बीच मतभेदों के चलते लोजपा दो धड़ों विभाजित हो गई। दोनों लोजपा के नेतृत्व के लिए अड़े हुए हैं। अकेले चिराग पासवान ही अब लोजपा का हिस्सा हैं। इसके अलावा पिता के निधन के बाद बिहार विधानसभा चुनाव में भी उन्हें करारा झटका लगा था। इस चुनाव में वह भाजपा से अलग होकर लड़े थे और एक भी सीट पर जीत हासिल नहीं कर पाए थे।
चिराग पर लगेगा जुर्माना।
अधिकारी ने बताया कि नियमों के अनुसार तय समय से ज्यादा रहने का चार्ज भी चिराग पासवान से वसूला जाएगा क्योंकि पासवान परिवार सात दिसंबर, 2020 तक बंगले का इस्तेमाल कर सकता था, इसके बाद उन्हें खाली करना था। लेकिन उनके द्वारा ऐसा नहीं किया गया था।