देवघर स्थित त्रिकुट पहाड़ पर श्रद्धालुओं को लाने ले जाने के लिए लगाए गए उड़न खटोले की दो ट्रालियां आपस में टकरा गई, जिससे रोपवे में खराबी आ गई। दो ट्रालियों के आपस में टकराने से 48 श्रद्धालु 24 घंटे से भी ज्यादा समय से हवा में लटके रहे। तारों के जाल के कारण एनडीआरएफ और सेना के कमांडो 8 घंटे की मशक्कत के बाद भी रेस्क्यू कर यात्रियों को सकुशल बाहर नही निकाल पाए हैं। ऑपरेशन में अब दो हेलीकॉप्टर लगाए गए हैं, 12 बजे के बाद आज सोमवार को 30 लोगों को सकुशल बाहर निकाला गया। जबकि 16 लोग फँसे है व दो की हुई मौत।
झारखंड के देवघर स्थित त्रिकुट पहाड़ पर श्रद्धालुओं को लाने ले जाने के लिए लगाए गए रोपवे की दो ट्रालियां आपस में टकरा गई। रोपवे का सेप टूटने से ट्रालियों में यात्रा कर रहे दर्जनों लोग हवा में ही फंस गए। रविवार की शाम हुई इस घटना के बाद से 48 लोग 24 घंटे से भी ज्यादा समय से ट्राली में हवा में फंसे हुए हैं। रात भर भूखे प्यासे हवा में लटके हुए लोगों तक अब खाना और और पानी पहुंचाने की तैयारियां ड्रोन के माध्यम से की जा रही है। तारों के जाल के कारण एनडीआरएफ एवं सेना के कमांडो घंटों की मशक्कत के बाद ही रेस्क्यू नहीं कर पाए हैं। ऑपरेशन में दो हेलीकॉप्टर लगाए गए हैं। हालात ऐसे हैं कि रात भर लोग रोपवे की ट्राली में बैठे हवा में ही लटके रहे। उन्होंने एक दूसरे से बात करके अपने भीतर के डर को कम किया।
सोमवार को सेना की ओर से एक बार फिर से रेस्क्यू अभियान शुरू किया गया। वायु सेना का हेलीकॉप्टर रेस्क्यू के लिए मौके पर पहुंचा है, जिसमें कमांडर मौजूद रहे, जिसका परिणाम 12 बजे के बाद 30 लोगों को सकुशल निकाला जा सका, 16 फँसे हैं जबकि दो की मौत हो चुकी है।