लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधान परिषद चुनाव 2022 में अपने प्रत्याशी की जीत से खुश रघुराज प्रताप सिंंह उर्फ राजा भइया ने दारुलशफा पहुंचकर यशवंत सिंह को बेटे की जीत की बधाई दी। राजा भइया की पार्टी जनसत्ता दल लोकतांत्रिक से अक्षय प्रताप सिंह उर्फ गोपाल जी प्रतापगढ़ से विधान परिषद चुनाव में जीत दर्ज की हैं।भारतीय जनता पार्टी ने यशवंत सिंह को छह साल के लिए पार्टी बाहर कर दिया है।यशवंत सिंह के बेटे विक्रांत सिंह रिशु आजमगढ़ से निर्दलीय जीत दर्ज की है, जबकि भारतीय जनता पार्टी के अरुण यादव दूसरे स्थान पर रहे।
अखिलेश यादव सरकार में मंत्री रहे, यशवंत सिंह नें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए अपनी एमएलसी की सीट छोड़ी थी। भाजपा में शामिल होने वाले यशवंत सिंह को भाजपा नें एमएलसी बनाया था। इस बार यशवंत सिंह ने अपने बेटे के लिए टिकट मांगा था। भाजपा से बात नहीं बनी तो यशवंत सिंह ने आजमगढ़ से बेटे विक्रांत को निर्दलीय मैदान में उतार दिया, और जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई। यशवंत सिंह लखनऊ में विधायक निवास दारुलशफा में रहते हैं। जहां पर उनसे मिलने राजा भइया मंगलवार रात पहुंचे थे। राजा भइया ने दारुलशफा पहुँचकर यशवंत सिंह को बधाई दी।
आपको बता दें कि विधान परिषद के चुनाव में भाजपा को बंपर जीत मिली है। 36 सीटों पर हुए चुनाव में भाजपा को 33 सीटें मिलीं हैं, जबकि 2 सीट पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है। एक सीट पर राजा भइया की पार्टी जनसत्ता दल ने जीत दर्ज की है। इसी के साथ राजा भइया का जलवा प्रतापगढ़ में बरकरार है।
राजा भइया ने अपनी पार्टी जनसत्ता दल से प्रतापगढ़ निर्वाचन क्षेत्र से अक्षय प्रताप सिंह को उम्मीदवार बनाया था। अक्षय प्रताप सिंह ने भाजपा के हरी प्रताप सिंह को भारी वोटों के अंतर से हराया। सूबे के सियासी गलियारों में चर्चा है कि यशवंत सिंह और उनके बेटे विक्रांत सिंह को राजा भइया अपनी पार्टी में शामिल होने का न्योता दे सकते हैं। बैरहाल इस संबंध में अभी कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है, लेकिन इस बात के कयास बड़े जोर-शोर से लग रहे हैं।