कल बलिया बंद का समर्थन, पत्रकारो को पेपर लीक मामले में निर्दोष व दोषियों को जेल पहुंचानें तक के पत्रकार अधिकार की लडा़ई लड़ेगी.. आईसीआईजे की पड़ताल में राष्ट्रीय स्तर पर हैं बलिया के नकल माफियाओं के तार।
बलिया में पत्रकारों के उत्पीड़न के खिलाफ इंटरनेशनल काउंसिल फार इंवेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट के प्रमुख डाक्टर आनंद कुमार पाण्डेय के निर्देशन में व आरक्षण संघर्ष समन्वय समिति नें संयुक्त रूप से कल के बलिया बंद का समर्थन किया है, व देश स्तर पर पत्रकारों व सामाजिक कार्यकर्ताओं के उत्पीड़न पर गहरा रोष व्यक्त किया है।
#बलिया_पेपर_लीक_मामला जनपद के बर्खास्त जिलाधिकारी के तबादले की मांग को लेकर स्थानीय #जुझारू_पत्रकारों ने नये तरीके का #सूप_बजाओ जुलूस निकाला #दीवाली_की_अगलीभोर_में #दरिद्दर_खेदो @MANOJKU70095732 @DeepRaj1119 @muralid00686410 @RamaShankar_IND @sanjaypatijp @4k25JbZMlr4eUsF pic.twitter.com/zUKwttYva6
— लाला का लाल (@Jitendr14521097) April 15, 2022
जिससे पूरे देश व प्रदेश में जमीनी सामाजिक कार्यकर्ताओं यथा पत्रकार, सुलभकर्ता, सामाजिक संगठन जो कि वास्तविक मूल्यों में एक विशाल भ्रष्टाचारियों के तिलिस्म को तोड़नें व आमजन के अधिकारों मानवीय मूल्यों के संचयन में अपनी जान जोखिम में डालकर सत्याधारित घटनाओं का राजभाष करनें वाले जाँबाज सामाजिक, मानवीय व नैतिट मूल्यों के परिवर्धकों के साथ षड़यंत्र नियोजित साजिश किसी भी दशा में नितांत अपवादिक है। क्या लोकतंत्र के नाम पर तंत्रलोक का नंगा नाच बहुत ही दुखद व निंदनीय के साथ ही साथ लोकतांत्रिक मूल्यों के पतन का द्योतक है।
बलिया
➡यूपी बोर्ड के अंग्रेजी का पेपर लीक मामला
➡पुलिस ने जांच के बाद पत्रकारों को मिली राहत
➡पत्रकार दिग्विजय सिंह,मनोज गुप्ता को राहत
➡पत्रकारों से धारा 420, 467, 471को हटाया
➡IT एक्ट,परीक्षा अधिनियम की धारा की हो रही जांच#Ballia
— भारत समाचार (@bstvlive) April 15, 2022
क्या है पूरा मामला
23 मार्च को अखबारों में भी छपी खबर, पर कार्रवाई न होने से नकल माफिया के हौसले बढ़ गए और पेपर लीक करने में कामयाब हो गए। पांच दिन बाद प्रशासन ने दो स्टेटिक मजिस्ट्रेटों को लापरवाही के आरोप में निलंबित किया था।
स्टेटिक मजिस्ट्रेट की यह है जिम्मेदारी
स्टेटिक मजिस्ट्रेट की ही जिम्मेदारी थी कि वह अपनी देखरेख में प्रश्नपत्र के पैकेट खुलवाएंगे और परीक्षार्थियों में वितरण कराएंगे, लेकिन ज्यादातर केंद्रों पर यह केवल कागजों तक ही सीमित रह गया। पांच दिन बाद सोमवार को शासन की टीम ने भी परीक्षा केंद्रों की जांच शुरू की, तो सीयर ब्लॉक के दो केंद्रों में लापरवाही व अनियमितताएं सामने आईं।
इस पर स्टेटिक मजिस्ट्रेट रहे ग्राम विकास अधिकारी राम किशोर व अखिलेश कुमार को निलंबित कर दिया गया। हालांकि, प्रधानाचार्य व प्रबंधक पर पहले ही मुकदमा दर्ज किया जा चुका था। उधर, अंग्रेजी का पर्चा लीक होने की एसटीएफ ने जांच शुरू की है।
बलिया
➡यूपी बोर्ड में 12वीं का अंग्रेजी पेपर लीक मामला
➡पत्रकारों ने कल बलिया बंद का किया है आह्वान
➡DM की कार्यशैली से पत्रकारों,व्यापारियों में नाराजगी
➡निर्दोष पत्रकारों की रिहाई के लिए करेंगे बलिया बंद।#Ballia
— भारत समाचार (@bstvlive) April 15, 2022
पत्रकारों की तत्काल रिहाई की मांग
प्रेस क्लब ऑफ इंडिया (पीसीआई) ने कहा है, पत्रकारों पर फर्जी मामले दर्ज किया जाना बंद हो और बलिया पर्चा लीक मामले में गिरफ्तार पत्रकार तत्काल रिहा किए जाएं। संस्था ने मामले की न्यायिक जांच की मांग करते हुए आरोप लगाया, पुलिस ने उन पत्रकारों को जानबूझकर आरोपी बनाया, जिन्होंने सच उजागर किया था। यह उत्पीड़न किसी भी रूप में बर्दाश्त नही किया जायेगा।
बेल्थरा रोड के केंद्र में भी मिली प्रश्नपत्र के पैकेट में छेड़छाड़
इस बीच मंगलवार को बेल्थरारोड स्थित मां लचिया मूरत उमा यादव उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य व केंद्र व्यवस्थापक अच्छे लाल यादव व प्रबंधक के खिलाफ भी डीआईओएस ने उभांव थाने में मुकदमा दर्ज कराया है।
बता दें कि 29 मार्च को यूपी बोर्ड की दो बजे से होने वाली इंटरमीडिएट की अंग्रेजी परीक्षा का प्रश्नपत्र परीक्षा से पहले ही लीक हो गया था। इसके चलते 24 जिलों में इंटरमीडिएट की अंग्रेजी की परीक्षा रद्द करा दी गई थी। इस संबंध में सीएम योगी आदित्यनाथ ने दोषियों पर NSA के तहत कार्रवाई के निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
इन पत्रकारों की आवाज़ को सुनिए। ये वो पत्रकार हैं जिन्होंने यूपी बोर्ड पेपर लीक को उजागर किया। बलिया ज़िले के DM ने इन पर ही मुक़दमा कर दिया। पेशी पर जा रहे इन पत्रकारों को सलाम और हिम्मत पहुँचे ✊ pic.twitter.com/516CMtdOcr
— Shyam Meera Singh (@ShyamMeeraSingh) April 12, 2022
इन 24 जिलों में रद्द हुई अंग्रेजी की परीक्षा
यूपी बोर्ड की दूसरी पाली में होने वाली इंटरमीडिएट की परीक्षा जिन जिलों में रद्द हुई हैं, उनमें आगरा, मैनपुरी, मथुरा, अलीगढ़, गाजियाबाद, बागपत, बदायूं, शाहजहांपुर, उन्नाव, सीतापुर, ललितपुर, महोबा, जालौन, चित्रकूट, अम्बेडकरनगर, प्रतापगढ़, गोंडा, गोरखपुरी, आजमगढ़, बलिया, वाराणसी, कानपुर देहात, शामली और एटा शामिल हैं। अब यह परीक्षा 13 अप्रैल को सुबह 8 बजे आयोजित किया गया है।
पुलिस नें किया बड़ा खुलासा
यूपी बोर्ड की इंटरमीडिएट की अंग्रेजी विषय का पेपर लीक होने के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। पेपर बलिया से ही आउट हुआ था। दो स्कूल के मैनेजर सहित एक अध्यापक और तीन कर्मचारियों ने मिलकर पेपर लीक किया था। इसके लिए उन्होंने टैंपर प्रूफ पैकेट को खोला था।
बोर्ड पेपर लीक प्रकरण: बलिया में संयुक्त पत्रकार मोर्चा ने 16 अप्रैल को बंद का आव्हान किया है। यदि आज आप साथ नहीं दिए तो हमेशा के लिए सत्य की आवाज दबा दी जाएगी। @yashbhadas लगातार आवाज उठा रहे है, आप भी विरोध दर्ज करवाएं।@ranvijaylive @RajeevRai @manojdhopchandi @mishra_shani pic.twitter.com/PHSAiZYf0P
— Avanindr Kumar Singh (@AvanindrSingh) April 15, 2022
इस तरह पेपर को किया गया लीक
बलिया पुलिस ने खुलासा करते हुए बताया कि बेहद शातिर तरीके से टैंपर प्रूफ पैकेट पर लगी स्कूल और विषय के नाम की पर्ची को हटाया गया था। वहीं
, पेपर का फोटो खींचने के बाद वापस पैकेट में वही पेपर डाल दिया गया था। जब डीएम और एसपी ने जांच किया तो सारे पैकेट चिपके हुए मिले थे।
इस तरह मामले का हुआ खुलासा
मामले का खुलासा तब हुआ, जब एसटीएफ की टीम ने दोबारा जांच की। जांच के दौरान परीक्षा केंद्रों पर गया अंग्रेजी के पेपर का एक पैकेट खुला हुआ मिला। मामले में 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
डीआइओएस समेत 17 लोग गिरफ्तार
पेपर लीक मामले में बलिया के जिला विद्यालय निरीक्षक (DIOS) बृजेश कुमार मिश्र को निलंबित करने के बाद गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। बलिया पुलिस ने इस मामले में अब तक डीआइओएस और एक स्थानीय पत्रकार समेत 17 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। फिलहाल, गिरफ्तार डीआइओएस को रिमांड पर लेकर एसटीएफ पूछताछ कर रही है। एसटीएफ लगातार इस मामले की जांच कर रही है।
बलिया पेपर लीक मामले में पेपर लीक की खबर छापने वाले 3 खोजी पत्रकार को बलिया डीएम द्वारा जेल भेज दिया।
बलिया डीएम भूल गए कि पत्रकारिता की पढ़ाई में खोजी पत्रकारिता का अध्ययन कराया जाता है, जिसमें ख़बर को खोज कर उजागर किया जाता है। @samajwadiparty @MediaCellSP@yadavakhilesh pic.twitter.com/3tA4Bp2AYb
— Arvind Giri (@sparvindgiri) April 11, 2022
आईसीआईजे के वरिष्ठ उपाध्यक्ष उत्तर प्रदेश व आखिरी सच की सोंच की दृष्टि में बलिया के तार
वैसे बलिया का नाम हर स्तर पर राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय फलक पर सदा सिरमौर रहा है, हर राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय समस्या का निराकरण यदि बलिया के पास है तो पढ़ाई में असफलता का लगातार मुंह देखनें वालों के लिये भी उत्तर प्रदेश का जनपद बलिया सफलता की गारण्टी प्रदाता सिरमौर जनपद है।
https://twitter.com/Dranandking/status/1514949197338124288?t=yyVWHTntARFCuENAzZqWug&s=19
वहीं प्रतापगढ़ दूसरे नम्बर पर जबकि कन्नौज व मैनपुरी के साथ ही साथ हर जनपद में शिक्षा माफियाओं का विद्यालय शिक्षा का मंदिर न होकर रूपया बनानें के कारखानें बन रहें हैं।
जब आखिरी सच टीम नें बिहार बार्डर बकुलहा से पड़ताल शुरू की तो पाया कि हर गांव में शिक्षा के लिये माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश से डिग्री को गारण्टीड दिलानें के ठेकेदार कम से कम एक तो मिलेगा मिलेगा दो चार भी मिल जायें तो कोई बडी़ बात नही है।
कभी तो इन आंसुओं का हिसाब होगा#बलिया#पेपर_लीक
pic.twitter.com/kkARsManoo— Suraj Shukla (@suraj_livee) April 8, 2022
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