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नदी में तीन दोस्त डूबे, दो की मौत, कंधई थानाक्षेत्र के चलाकपुर कुर्मियान गांव का मामला।

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कंधई थानाक्षेत्र के चलाकपुर कुर्मियान गांव निवासी मोहम्मद रईस का बेटा स्वाले (17) अपने दोस्तों गुफरान (18 ) पुत्र मुस्तकीम व सलीम (19) पुत्र शब्बीर अहमद के साथ शनिवार सुबह करीब साढ़े दस बजे घर से करीब एक किलोमीटर दूर सई नदी के चलाकपुर घाट पर नहाने गया था। वहां नदी में नहाते समय स्वाले डूबने लगा। उसे डूबता देख उसके दोस्त गुफरान और सलीम उसे बचाने के लिए आगे बढ़े। स्वाले को दोनों ने कम पानी की तरफ धकेलकर बचा लिया लेकिन खुद वे दोनों गहरे पानी में जाकर डूबने लगे।

जानवर नहलाने आए कुछ लोगों ने जब दोनों को डूबते हुए देखा तो हल्ला गुहार मचाई। हल्ला गुहार सुनकर आसपास के लोग मौके पर पहुंच गए। अंतू पुलिस व फायर ब्रिगेड को सूचना दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस व फायर ब्रिगेड की टीम ने एक दर्जन स्थानीय गोताखोरों के साथ नदी में बचाव व राहत कार्य शुरू किया गया।



लगभग दो घंटे के बाद गुफरान का शव बाहर निकाला गया। उसके कुछ देर बाद गोताखोरों ने सलीम का शव भी नदी से बाहर निकाला। दोनों का शव देख कर परिजनों में कोहराम मच गया। पुलिस ने शव का पंचनामा कराकर को परिजनों को सौंप दिया।

जिंदगी के साथ मौत में भी निभाई दोस्ती

नदी में नहाने के दौरान एक दोस्त की आंखों के सामने उसके दो दोस्त मौत के मुंह में समा गए और वह कुछ नहीं कर पाया। यही कहकर तीसरा दोस्त बिलखता रहा। एक साथ दो दोस्तों की मौत की घटना ने स्थानीय लोगों को झकझोर कर रख दिया। परिजनों तथा आसपास के लोगों ने बताया कि तीनों में इतनी गहरी दोस्ती थी कि वे अक्सर साथ ही रहते थे।



गुफरान कंधई थाना क्षेत्र के जगदीशगढ़ निवासी मुस्तकीम का बेटा था। वह अपने ननिहाल में इब्राहिम सूबेदार के यहां रहकर एक मस्जिद में रमजान में तरावी पढ़ाता था। इसी तरह सलीम एक माह पूर्व सूरत से घर आया था। वह गुजरात के सूरत शहर में गैराज में काम सीख रहा था। स्वाले अभी पढ़ रहा है। घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर हजारों ग्रामीणों के साथ परिजन भी पहुंचे तथा चीख पुकार से पूरा क्षेत्र गमगीन हो गया। लोगों के बीच एक ही चर्चा थी कि तीनों दोस्त बचपन से मौत तक एक साथ रहे। उनमें कभी अलगाव नहीं हुआ। मौत के समय तीनों ने एक दूसरे के लिए जान की बाजी लगा दी।

तैरना नहीं जानते थे तीनों दोस्त

तीनों में दोस्ती इतनी गहरी थी कि जब स्वाले गहरे पानी में जाकर डूबने लगा तो गुफरान व सलीम बिना अपने प्राणों की चिंता किए बिना स्वाले को बचाने गहरे पानी में उतर गए। जबकि तीनों को ही तैरना नहीं आता था। लोगों का कहना है कि दोस्त की जान बचाने को अपनी जान की परवाह नहीं की। तीनों दोस्त रोज नदी में मवेशी नहलाने जाते थे। लेकिन शनिवार को मवेशी न ले जाकर तीनों खुद नहाने चले गए थे।


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