कन्नौज। कथित तौर पर दलित युवती के साथ दुष्कर्म, अपहरण और एससी एसटी एक्ट के आरोपों में 24 मार्च से जेल में बंद आरोपी ने रविवार रात 7 बजे जेल में बैरक के पीछे की दीवार पर पानी के पाइप पर अपने गमछे से फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली।
सर्वप्रथम किसने देखा?
रविवार की शाम करीब सवा सात बजे जेल के वार्डन सत्यपाल सिंह ने बैरक के पीछे उसे पानी की पाइप लाइन से फांसी पर लटका देखा। उन्होंने जानकारी तुरंत अफसरों को दी। वह बैरक के ऊपरी हिस्से में कैसे पहुंचा और फांसी लगाते हुए किसी की नजर कैसे नहीं पड़ी इन सवालों से जेल के अफसर बचते नजर आए।
क्या था मामला?
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मामला जिले के इंदरगढ़ थाना क्षेत्र के ग्राम भोरामऊ का है, जहां एक दलित युवती द्वारा अभिनव प्रताप सिंह उर्फ प्रखर के खिलाफ 24 मार्च को एससी एसटी एक्ट सहित दुष्कर्म की कोशिश, अपहरण, और आत्महत्या के लिए उकसाने की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया था।
जहां कोर्ट में युवती के बयान के बाद उसे जेल भेज दिया गया था, जबकि अभिनव लगातार खुद को निर्दोष बताता रहा।
मृतक के पिता ने लगाये आरोप
मृतक अभिनव सिंह के पिता शिवप्रताप सिंह बैस का कहना कि गांव की आपसी रंजिश में उनके बेटे के खिलाफ एक युवती ने एससी-एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज करा दिया था। जिसमें दुष्कर्म और आत्महत्या के लिए उकसाने की धाराएँ भी जोड़ दी गई थी, मृतक के पिता का कहना झूठे एससी एसटी एक्ट ने उनके घर का इकलौता चिराग भी बुझा दिया।
आगे उन्होंने बताया कि उनका बेटा इंटर की पढ़ाई कर रहा था, जिस दिन उसे जेल भेजा गया था उसी दिन उसका पहला पेपर भी था। उन्होंने कहा कई बार अधिकारियों से विनती की लेकिन उसके बाद भी उसे पेपर देने की अनुमति नहीं दी गई।
जिलाधिकारी ने दिए मजिस्ट्रेट जांच के निर्देश
घटना की जानकारी लगते ही जेल प्रशासन में अफरातफरी मच गई और जिलाधिकारी सहित पुलिस अधीक्षक भी जिला कारगार पहुंचे गए, वही जेल अधीक्षक बिष्णुकांत मिश्रा ने बताया कि डीएम ने घटना की मजिस्ट्रेट जांच के निर्देश दिए हैं।