आईसीआइजे व एमडब्ल्यूए ने पत्रकार अधिकारों के रक्षार्थ पत्रकार साथियों से मांगा सहयोग, सरकार के जिम्मेदारों से आभासी पत्राचारी मांग, शुरूआत आखिरी सच पर।
इंटरनेशनल काउंसिल फार इंवेस्टीगेटिव जर्नलिस्ट व मीडिया वेलफेयर एसोसिएशन के संयुक्त तत्वाधान में दिनांक 3 मई को एक बैठक मीडिया वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री कुलभूषण शुक्ला वह इंटरनेशनल काउंसिल फार इंवेस्टीगेटिव जर्नलिस्ट के वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष विनय श्रीवास्तव के साथ बनारस/ वाराणसी में पूर्व नियोजित कार्यक्रमानुसार प्रात: ७ बजे हुई थी। जिसमें पत्रकार साथियों पर हो रहे उत्पीड़न न सरकार नियोजित षड़यंत्र के क्रम में चर्चा परिचर्चा हुई जिसके क्रम में देश स्तर के समस्त पत्रकार साथियों के हितार्थ निम्नांकित बिन्दुओं को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय जिम्मेदारों तक समस्त पत्रकार साथी अपनें मेल से भेजें। जिससे पत्रकारिता स्वतंत्रता पूर्वक हो जो समाज का हित सुनिश्चित कर सकें। पत्रकारिता को राजनैतिक व प्रसाशनिक दबाव से मुक्त किया जाय।
1- पत्रकार स्वास्थ्य कार्ड (आयुष्मान कार्ड की तरह) एवं प्रत्येक मीडिया कर्मी का ई-श्रमिक कार्ड भी बनना चाहिए।
2-पत्रकार बंधुओं के परिवार के प्रत्येक सदस्य का बीमा होना चाहिए।
3-पत्रकार साथियों के लिए केन्द्र में उच्च सदन राज्य सभा एवं राज्य में विधान परिषद सीट होनी चाहिए जैसे अन्य बिशिष्ट क्षेत्रों के प्रतिनिधित्व के लिए है जो पत्रकार हित की आवाज सदन में उठा सकें।
4-आर्थिक रूप से कमजोर पत्रकार बंधुओं की बेटियों की शादी मे आर्थिक मदद के लिए प्रेस काउन्सिल और प्रेस एसोशियशन में कोष बने जिससे उनकी मदद हो सके।
5- सीनियर जर्नलिस्ट जिनकी उम्र 60 वर्ष पूर्ण हो चुकी हो उनको पेंशन दिया जाए इसके लिए सरकार पर दबाव बनाकर लागू कराया जाए।
6- 60 साल के अन्दर के सभी पत्रकार साथियों को कम से कम 11000/=प्रतिमाह मानदेय मिलना ही चाहिए।
7-पत्रकारों की नियमित पत्रकारिता के निर्धारण हेतु प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया की तर्ज पर प्रदेश स्तर पर एक संस्था का सृजन होना चाहिए जिसके द्वारा सभी अर्हताधारी पत्रकारों को निःशुल्क आई कार्ड जारी होना चाहिए।
8-पत्रकारों पर बिना जाँच, बिना कोर्ट के आदेश के ना तो मुकदमा हो ना ही गिरफ्तारी होनी चाहिए। सांसदों बिधायकों की तर्ज पर ही बदले एवं द्वेषपूर्ण भावना से दर्ज सभी फर्जी मुकदमे तत्काल सरकार द्वारा वापस लिए जायें।
10- जितनें भी मुकदमें पत्रकारों पर विद्वैशवश किते गये हैं, फर्जी मुकदमों के कर्ता वह नियोजक पर संवैधानिक कार्यवाही तत्काल सुनिश्चित की जाय, वह उनकी सम्पत्ति से उक्त पीड़ित पत्रकार को १/२ सम्पत्ति दिलाई जाय।
11- एससी- एसटी एक्ट की तरह पत्रकार अधिकार संरक्षण बिल सदन में पास कर सरकार को अधिनियम बनना चाहिए जिससे पत्रकारों को अपना कार्य सुगमता पूर्वक कर सकें वे उनका उत्पीड़न न हो।
12- पत्रकारों की सुरक्षा व्यवस्था को दृष्टिगत रखते हुए ठोस कदम उठाते हुए आवश्यक व्यवस्था बनाई जानी चाहिए।पत्रकारों के मान-सम्मान के दृष्टिगत प्रत्येक सरकारी कार्यालयों में आने पर सम्मानसहित उनके बैठने व उनके साथ सद्भावपूर्ण व्यवहार खास तौर पर पुलिस व प्रशासन द्वारा किया जाए।
13- पत्रकार बंधुओं के आकस्मिक दुर्घटना, किसी गंभीर बीमारी का शिकार होने अथवा आपातकालीन स्थिति में राज्य स्तरीय सहायता कोष हो जहां से भी क्लेम किया जा सके।
14- जिले एवं तहसील स्तर पर प्रत्येक मीडिया संस्थान से कम से कम पांच पत्रकार साथियों को राज्य सरकार द्वारा मान्यता दी जाए।
15- पत्रकारों को पासपोर्ट व नि:शुल्क बीजा दिलाया जाना सरकार की जिम्मेदारी हो।
तभी पत्रकार बंधु मान-सम्मान के साथ निष्पक्ष पत्रकारिता कर पायेंगे। यह पत्रक समस्त पत्रकार साथी निम्न जिम्मेदारों तक मेल जरूर करें। वो ट्वीटर पर मेंशन कर ट्वीट जरुर करें।