GA4

आखिरी सच की खबर का असर पाली थानें का दरिंदा एससी दरोगा हुआ प्रयागराज से गिरफ्तार, व पांचों अन्य दोषी भी गिरफ्तार।

Spread the love


आखिरी सच की खबर का असर पाली थानें का दरिंदा एससी दरोगा हुआ प्रयागराज से गिरफ्तार, व पांचों अन्य दोषी भी गिरफ्तार। जी हां 4 भी दिन बुधवार को सायं 3 बजकर 15 मिनट पर

१३ वर्षीय बलात्कार पीड़िता के साथ, बयान लेनें के नाम पर थानाध्यक्ष नें भी किया बलात्कार, बलात्कारियों की संख्या हुई छ:, ये है योगी का रामराज्य।

नामक हेड लाइन देकर छापा था, जिसके सापेक्ष उत्तर प्रदेश पुलिस के ट्वीटर हैण्डल से रात्रि 8 बजकर 20 मिनट पर ट्वीट कर समस्त 6 बलात्कार के दोषियों को गिरफ्तार किये जानें के आशय का ट्वीट किया।

कैसे हुई गिरफ्तारी?

ललितपुर जिले में गैंगरेप की शिकायत करने गयी एससी पीडि़ता से बलात्कार करने वाले थानाध्यक्ष को प्रयागराज से गिरफ्तार किया गया है। आरोपी तिलकधारी सरोज को उसके फोन की लोकेशन के आधार पर अरेस्ट किया गया है। ललितपुर में 22 अप्रैल को नाबालिग से दुष्कर्म किया गया था। जब वह अपने साथ हुई इस घटना की रिपोर्ट दर्ज कराने पाली थाना पहुंची तो थाना प्रभारी ने भी पीड़िता को अपनी हवस का शिकार बना लिया। जिसके बाद पीड़िता एसपी कार्यालय पहुंची और रो-रोकर अपने साथ हुए दुष्कर्म के बारे में बताया।

मामला देशभर में छाने के बाद अब पुलिस स्टेशन के सारे पुलिसकर्मियों को हटा दिया गया है। साथ ही आईपीएस लेवल के अफ़सर को जांच सौंपी गयी है।

क्या है पूरा मामला?

ललितपुर जिन पर महिलाओं और समाज के सुरक्षा का जिम्मा है, उसी पुलिसकर्मी ने वर्दी को कलंकित कर दिया। थानाध्यक्ष के आगे किशोरी चीख- चीखकर खुद को छोड़ने की गुहार लगाती रही गिड़गिड़ाती रही, लेकिन वहशी थानाध्यक्ष को बिल्कुल रहम नहीं आया वह मासूम की इज्जत नोचता रहा। रात में किशोरी को थाने में रोका गया, लेकिन किसी अफसर को कानों – कान खबर तक नहीं हो सकी। मामला खुलने के बाद तमाम सवाल खड़े हो रहे हैं।



वहीं पुलिस विभाग में थानाध्यक्ष की करतूत की निंदा हो रही है। पाली थाने में किशोरी के साथ दुष्कर्म की वारदात ने महकमे को शर्मसार कर दिया है। एसओ ने थाने में दरिंदगी की हद पार कर दी बताया जाता है कि किशोरी के 22 अप्रैल को गायब होने के बाद से उसकी मां रोज थानाध्यक्ष के पास पहुंचकर बेटी की सलामती की गुहार लगाती रही, लेकिन थानाध्यक्ष सब कुछ जानकर भी उसे टरकाता रहा। किशोरी के साथ सामूहिक दुष्कर्म करने वाले दरिंदों के साथ मिलकर थानाध्यक्ष ने थाने में ही किशोरी की इज्जत को तार- तार कर दिया।

किशोरी को रात में थाने में रोका गया, लेकिन इसकी सूचना किसी को नहीं मिली। न ही उसका कोई मेडिकल कराया गया। मंगलवार को जब किशोरी और उसकी मां के पुलिस अफसरों ने बयान दर्ज किए तो अपनी आपबीती बताते हुए उक्त किशोरी फफक कर रो पड़ी। उसने बताया कि वह उसके साथ हुई दरिंदगी के बारे में बताने और न्याय की उम्मीद से थाने पहुंची थी, लेकिन पुलिस अंकल ने ही उसके साथ गलत काम किया वह चिल्ला – चिल्लाकर खुद को छोड़ने की गुहार लगाती रही लेकिन वह नहीं माना।



लड़की की मौसी व मौसी का लड़का घटना की मुख्य वजह

वहीं इस मामले में किशोरी की मौसी और उसके लड़के ने रिश्ते को कलंकित कर दिया मौसी ने अपने बेटे को बचाने के लिए एक मासूम को पुलिसिया बर्बरता का शिकार बना दिया। सूत्र बताते हैं कि मौसी का लड़का ही किशोरी को लेकर भोपाल गया था, सामूहिक दुष्कर्म में उसकी भूमिका थी। जब उसे लगा कि किशोरी शिकायत करेगी, वह नहीं बचेंगे। इस पर उसने अपनी मां की मदद ली। सूत्र यह भी बताते हैं कि किशोरी की मौसी को थानाध्यक्ष ने बुलाया था और ले जाकर मुंह बंद कराने के लिए कहा।

मौसी ही किशोरी को लेकर थानाध्यक्ष के पास गई थी। इसके एक दो दिन बाद जब सब ठीक लगा तो उसे चाइल्ड लाइन के सुपुर्द किया गया। जहां काउंसलिंग के दौरान किशोरी ने आपबीती बयां कर दी। अब थानाध्यक्ष की करतूत की महकमे में निंदा हो रही है। वहीं मामले में पास्को एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हुआ है। मामले की जांच की जा रही है।

वहीं अनुसूचित जातियों के समस्त मठाधीशों व मीडिया के भांडों के मुंह में इस पीड़िता के लिए एक भी शब्द नहीं निकल रहा है, द शूद्रा, मूक नायक, भीम आर्मी, आजाद समाज पार्टी व अन्य सभी अनुसूचित जाति के उत्पीड़न का रंगी रोना रोनेन वालों के मुंह से एक भी शब्द इस बेटी के लिये नहीं निकल पाया है, वहीं आखिरी सच समाचार वेब पोर्टल को लड़की की मौसी की पकड़ व संबंध थानाध्यक्ष से होनें के भी तथ्य मिलें हैं लेकिन स्थानीय लोग दबी जुबान इस बात को कह रहें हैं। वहीं उक्त थानाध्यक्ष द्वारा भीम आर्मी व अन्य उनके वर्ग विशेष के संगठनों को मासिक सहयोग समय समय पर दिया जाता रहा है, जिसका परिणाम है, उक्त भांडों वें बेटी के दर्द में एक प्रतिशत भी सहयोग नहीं किया है।

सूत्र यह भी बताते हैं कि किशोरी की मौसी को थानाध्यक्ष ने बुलाया था और ले जाकर मुंह बंद कराने के लिए कहा। मौसी ही किशोरी को लेकर थानाध्यक्ष के पास गई थी। इसके एक दो दिन बाद जब सब ठीक लगा तो उसे चाइल्ड लाइन के सुपुर्द किया गया । जहां काउंसलिंग के दौरान किशोरी ने आपबीती बयां कर दी। अब थानाध्यक्ष की करतूत की महकमे में निंदा हो रही है। वहीं मामले में पास्को एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हुआ है। मामले की जांच की जा रही है।


Share

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!