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अलीगढ़ एससी एसटी पीड़ित नें खोला शिकायतकर्ता परिवार के एससी एसटी एक्ट व्यवसाय की कलई।

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“नवंबर 2020 में मैंने जिस परिवार से ब्याज पर पैसे उधार लिए थे, उन्होंने ही पैसे के लेन-देन में ठगी कर मेरे घर को कब्ज़ाने का प्रयास किया। हमें मारने-पीटने तक का प्रयास किया गया। मैंने इसकी शिकायत पुलिस में की पर मेरी कोई सुनवाई नहीं हुई। मकान पर कब्ज़ा करने में सफल न होने पर फरवरी 2022 में विपक्षी द्वारा मेरे और मेरे परिवार पर छेड़खानी और मारपीट के साथ SC/ST एक्ट में केस दर्ज करवा दिया गया।

मनोज ने आगे बताया कि इस केस में शिकायतकर्ता और गवाह सभी एक ही परिवार के हैं। उनके अनुसार इस केस में उनकी माँ और उनके भाई को लगभग 20 दिन जेल काटनी पड़ी। बाकी परिवार मुकदमे से बचने के लिए अभी भी हाईकोर्ट में प्रयास कर रहा है।


शिकायतकर्ता मनोज पर दर्ज FIR की कॉपी


मनोज ने अपनी बात जारी रखते हुए जो बताया, वो हैरतअंगेज है। उनके अनुसार जब उन्होंने आरोप लगाने वाले परिवार के बारे में जाँच-पड़ताल की तो SC/ST एक्ट वाले और भी कई केस इस परिवार से जुड़े मिले। मनोज की मानें तो उन्हें अब तक लगभग 122 लोग ऐसे मिल चुके हैं, जो इस परिवार द्वारा SC/ST एक्ट में आरोपित बनाए गए हैं। पुलिस को दी गई अपनी शिकायत में मनोज ने ऐसे 9 मामलों का जिक्र किया है।

SC/ST एक्ट मामले में मुकदमे करने वाली महिला को लेकर मनोज ने बताया कि एक-एक मामले में दर्जन भर लोग आरोपित किए गए हैं। जिन परिवारों पर ऐसे मुकदमे दर्ज किए गए हैं, वो सभी अब इस परिवार (केस करने वाले) पर कार्रवाई चाहते हैं।

मनोज ने बताया कि आरोप लगाने वाली महिला बहुजन समाज पार्टी से जिला पंचायत का चुनाव भी लड़ चुकी है। साथ ही उनके परिवार के लोग भाजपा और पुलिस विभाग में भी हैं। इस वजह से पीड़ित लोग (जिन पर आरोप है, SC/ST एक्ट मामले में मुकदमे हैं।) बचते फिरते हैं। इनके घरों पर ताले लटक रहे हैं। इनका जो किराने का काम था, वो भी इस वजह से अब ठप्प हो गया है। इन्होंने यह भी बताया कि इनकी जान को भी खतरा है।

आखिरी सच से बात करते हुए मनोज ने कहा, “मैंने पुलिस में जो शिकायत दी है, उस पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। जिले के हर बड़े अधिकारी से मिला हूँ मैं। वहाँ मुझे सिर्फ जाँच करवाने का आश्वासन दिया जाता है। जिस महिला ने मेरे पर केस दर्ज करवाया है, वो अपने एक रिश्तेदार पर भी अपने साथ छेड़छाड़ का केस दर्ज करवा चुकी है।”


शिकायत की कॉपी


मनोज द्वारा दी गई शिकायत में लिखा गया है कि

“ये 2011 से ही कमजोर पक्ष के साफ-स्वच्छ छवि के लोगों को अपना शिकार बनाते हैं। इसके लिए उन पर मुकदमे दर्ज करा कर उन पर दबाव बनाते हैं। बाद में समझौते के नाम पर लाखों रुपए ऐंठे जाते हैं। यदि कोई व्यक्ति सवर्ण जाति का होता है तो उस पर एससी/एसटी एक्ट लगाकर राज्य सरकार से सहायता धनराशि प्राप्त करते हैं। इसके बाद में आरोपितों से समझौता करके लाखों रुपयों की अवैध ठगी की जाती है।”



मनोज ने खुद ही ऐसे तमाम लोगों से सम्पर्क बनाया, जो उनकी तरह ही कथित तौर पर इस परिवार द्वारा आरोपित बनाए गए हैं। उनका दावा है कि वो सभी इस मामले में फर्जी केस करवाने वालों पर कार्रवाई चाहते हैं।

पुलिस के मुताबिक शिकायतकर्ता अपने बचाव में लगा रहा आरोप

इन आरोपों पर अलीगढ़ के DSP श्वेताभ पांडेय ने 30 अप्रैल 2022 को अपनी रिपोर्ट एसएसपी को प्रेषित की। रिपोर्ट में कहा गया, “सब इंस्पेक्टर नरेंद्र कुमार ने इस मामले की जाँच की है। जाँच के दौरान पाया गया कि शिकायतकर्ता और उसके परिवार पर रेखा देवी ने SC/ ST एक्ट, 307 IPC व अन्य धाराओं में 20 फरवरी 2022 को केस दर्ज करवाया था। इसमें शिकायतकर्ता के परिवार के 2 सदस्य 12 मार्च 2022 को जेल भी भेजे गए थे। इसी केस में शिकायतकर्ता खुद भी वांछित है। उसने शिकायत अपने बचाव में दी है। अन्य आरोपों के संदर्भ में कोई ठोस सबूत नहीं मिला है।”


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