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नोएडा सात वर्षीय बच्ची की गोली मारकर हत्या, पीड़ित परिवार द्वारा नामितों को बचानें के लिये दबाव देकर एसाई नें अज्ञात के नाम दर्ज करवाई शिकायत, आखिर पुलिस क्यों बनी दोषियों की रक्षक।

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नोएडा में 28 अप्रैल को एक सात वर्षीय बच्ची की गोलीमार कर हत्या कर दी जाती है, जबकि 23 अप्रैल को कासगंज में उक्त लड़की के परिजनों के साथ भूसा रखें जानें को लेकर विवाद हुआ था जिसके क्रम में उक्त अकेले कुम्हार (प्रजापति) परिवार की महिला के साथ छेड़छाड़ व परिजनों के साथ मारपीट की गयी थी। जिसके क्रम में जब पीड़ित कुम्हार परिवार शिकायत लिखवानें थानें गया तो कई घण्टे थानें में बैठानें के बाद भी जब शिकायत नहीं लिखी गयी तो गांव के संभ्रांत व्यक्तियों के थानें पर प्रदर्शन करनें के बाद शिकायत लिखी तो गयी लेकिन घटना के सापेक्ष धारायें नहीं लिखी गई। जबकि परिवार को शिकायत वापस लेने के लिये दबाव बनाया गया, जब परिवार‌ शिकायत हटानें को तैयार नही हुआ तो उसे भरनें के लिये तैयार रहें की धमकी दी गयी। आप पढ़िये पीड़ित परिवार की कहानी उसी की जुबानी।

ग्राम व पोस्ट कुमरौआ थाना शोरों तहसील व ज़िला कासगंज उत्तर प्रदेश का रहने वाला हूं। मेरा नाम प्रेम पाल प्रजापति और मेरे पिता श्री रामप्रकाश प्रजापति है। परिवार भूमि हीन है, कोई खेत नहीं है, पर जमीन लेकर मेरे भाई लोग खेती करते है। भूसा के लिए जगह ना होने के कारण एक पंडित जी का खेत खाली पड़ा रहता है। उसमें मेरे भाई ने भूसैला बनाने के लिए गया, तभी यादवों में से कुछ लोग वहां पर गए, और उन लोगों को भगा दिया।


23 अप्रैल को शोरों कासगंज का एफाईआर जो धरना प्रदर्शन के बाद लिखी गरी।


फिर वह सब लोग घर पर आकर हमारे सारे परिवार वालों को मारा पीटा और मेरी भाभी से छेड़छाड़ करने की कोशिश की, उक्त लोगों के दबंग होने के कारण उन्होंने हमारा मुकदमा 23 अप्रैल को शोरों थानें में नहीं लिखा गया। और अंत में कुछ लोगों ने हमारा साथ दिया तब f.i.r. लिखी गई।

उन्होंने उस f.i.r. को वापस लेने के लिए हमारे घर वालों को धमकी दी, कि जिसको भी देखेंगे उसी को मारेंगे, और जहां भी देखेंगे वहीं पर मारेंगे हमने इतना गौर नहीं किया। कितना बड़ा हादसा हो जाएगा। मेरे भाई हर नारायण प्रजापति नोएडा की गढ़ी चौखंडी गॉड डूब क्षेत्र थाना फेस 3 सेक्टर 71 में रहते है। अचारी यादव पुत्र रामनेवास, रूपेन्द्र पुत्र अचारी, रामनेवास पुत्र मिठ्ठू सिंह, मनोज पुत्र रामनेवास व धर्मेंद्र पुत्र नत्थू समस्त यादव हैं।



27/04/2022 को मेरे भाई ड्यूटी से पहले आ गए थे, और भाभी थोड़ी लेट आई थी करीब 8:50 का टाइम था, तभी वहां पर एक धमाका हुआ धमाका होते ही बच्ची चिल्लाई जब बच्ची को देखा तो बच्ची के खून बह रहा था, खून देखने के बाद इन लोगों को कुछ समझ में नहीं आया। यह लोग बच्ची को लेकर डॉक्टर की दुकान पर ले गए। वहां डायरेक्ट मना कर दिया फिर s.r.s. नोएडा हॉस्पिटल ले गए, वहां खर्चा ज्यादा होने की वजह से सरकारी हॉस्पिटल नोएडा सेक्टर 30 लेकर गए जहां पर थोड़ी देर ट्रीटमेंट के बाद उन्होंने एम्स के ट्रामा सेन्टर के लिये रिफर कर दिया, यहां पर सीटी स्कैन से पता चला कि बच्ची को गोली लगी हुई है, जिसकी हमने पुलिस को सूचना दी और 29/04/2022 को बच्ची रोली को मृत घोषित कर दिया।


नामजद शिकायती पत्र जिसे थाना के दबाव में अज्ञात करवाया गया।


डॉक्टरों ने हमें समझाया क्या आपकी बेटी का गोली लगने की वजह से मृत्यु हो चुकी है। उसके कुछ अंग अभी भी काम कर रहे हैं। अगर आप चाहो तो आपकी बच्ची किसी और बच्चे को जीवन देकर किसी और बच्ची के शरीर में रहकर भी जीवित रह सकती है। क्योंकि आपकी बच्ची तो जीवित रही नहीं अगर आपकी बच्ची की वजह से किसी और बच्चे की जान बच जाए तो बहुत अच्छी बात है। फिर ऑर्गन डोनेट करवानें के बाद हमें f.i.r. लिखवाने गए जिसमें हमने गोली का जिक्र करनें को कहा तो पुलिस वालों ने कहा कि अभी पोस्टमार्टम से पहले हम गोली नहीं लिख सकते फिर उन्होंने पंचनामा बनाया उसके बाद पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद बॉडी हमें दे दी गई हम जब घर पर लेकर आए तो 30 मार्च 2022 को हमने अपनी बच्ची रोली का अंतिम संस्कार किया उसके बाद भी हम जब पुलिस चौकी सेक्टर 71 रिपोर्ट लिखवाने गए तो नामजद रिपोर्ट लिखने के लिए मना कर दिया गया। और हमसे धमकी भरे अंदाज में कहा गया, क्या आपने उन लोगों को देखा है, हमने कहा सर देखा नहीं लेकिन उन्हीं लोगों पर हमें शक है। लेकिन हमें नामजद रिपोर्ट लिखवाने के लिए मना कर दिया गया। रिपोर्ट लिखी थी तो अज्ञात में लिखी। हम उस रिपोर्ट को फाड़ कर फेंक कर आ गए उसके 1 दिन बाद रिपोर्ट लिखाने गए तो हमने नामजद रिपोर्ट लिखाई उसके बाद हमसे बोला गया कि कल आकर नकल ले जाना।


अज्ञात के नाम धमका कर लिखवाई गयी शिकायत।

 


अगले दिन हमें आने से पहले ही हमारे पास फोन आया चौकी सेक्टर 71 एसआई अरविंद कुमार का आप थाने आओ और थाने में हमसे दोबारा एक अज्ञात शिकायत फिर लिखवाई गरी और कहा गया कि इन दोनों रिपोर्टों पर जांच होगी। हमें पता नहीं था कि हमारे साथ भला हो जाएगा जब दूसरे दिन हम गए तो हमें केवल अज्ञात वाली रिपोर्ट का ही फोटोकॉपी मिला, पुलिस ना जाने क्यों उन लोगों का बचाव कर रही है। उन लोगों के नाम से बचा रही है उन्हें जबकि विपक्षी लोग भी हमारे गांव के ही रहने वाले हैं।


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