महेशगंज थानें में दिया भीमार्मी नियोजित शिकायती पत्र जिसमें अपहरण, बलात्कार व शादी के नाम पर झांसा का जिक्र, जबकि प्रेम प्रसंग में खुद से गयी थी अनुसूचित लड़की, दो मौर्या नामजद जबकि स्वजातीय प्रमुख नियोजक को किया बाहर, लड़की की मां को पता थी सारी कहानी।
शादी का झांसा देकर एक युवती का शारीरिक शोषण किए जाने का मामला प्रकाश में आया है। जो हमारी पड़ताल में फर्जी निकला। दरअसल घर से पानी लेने निकलीं दलित किशोरी को गांव का एक युवक लड़की का मुह दबाकर जोर ज़बर्दस्ती कर अपने एक अन्य साथी के साथ बाइक में बिठाकर अपने रिश्तेदारी में विभिन्न ठिकानों पर शुक्रवार से सोमवार तक लगातार शारीरिक शोषण करता रहा, व शादी नही करनें को तैयार है।
लड़की के चाचा का बयान?
रश्मि काल्पनिक नाम अनुसूचित जाति वर्ग से है, जिसे उसके गांव के अनूप कुमार पुत्र बड़े लाल मौर्य अपने दोस्त अंकित कुमार मौर्य पुत्र रामानंद उर्फ बच्चा मौर्य जो कि दिनांक 17 मई रात्रि 9 बजे जबकि वह घर से बाहर नल पर पानी लेने गयी थी, तभी पहले से घात लगाकर बैठे अनूप मौर्य व उसके साथी उसे जबर्दस्ती मुह दबाकर उठा ले गये थे, जिस बात को लड़की नें वापस आकर परिजनों को बताया था।
क्या कहना है लड़की का?
दिनांक 13 मई दिन शुक्रवार को रात्रि साढ़े नौ बजे से दस बजे के बीच जबकि मैं पानी लेने अपनें दरवाजे निकली जैसे ही मैंनें बाल्टी रखा अनूप मौर्या नें मुझे पीछे से पकड़कर मुह दबा कर प्राथमिक विद्यालय जोकि दो तीन घर छोड़कर बना है। वहां अंकित मौर्य पहले से गाड़ी लेकर खडा था, उसपर मुझे बैठाकर ले गये जहां पर मुझे शादी का झांसा देकर शारीरिक शोषण किया। जब किशोरी द्वारा शादी की बात कहने पर युवक ने दलित किशोरी को मार्कशीट लेने के बहाने घर आकर छोड़ दिया। किशोरी द्वारा अपनी आपबीती बताने पर किशोरी के घरवालों ने महेशगंज थाने में जाकर तहरीर दिया। वहीं पुलिस जांच के नाम पर गाय पनवाह रही है।
गांव के कुछ संभ्रांत लोगों की राय सम्पूर्ण केस में।
नाम न छापनें की शर्त पर गांव के ही लोगों ने जो बताया के द्वारा प्रदत्त जानकारी के अनुसार पूर्व अनुसूचित वर्ग के प्रधान दयाराम जी के लड़के के सहयोग से अनूप लड़की को गांव से बाहर ले जानें में सक्षम हुआ था। जबकि आर्थिक सहयोग तथाकथित तौर पर अंकित नें दिया था। वहीं अनूप व तथाकथित स्वघोषित अपहरण व बलात्कार पीड़िता लड़की जिसे परिजन अपहरण की हुई बता रही है, वहीं लड़की व लड़की की माता के मध्य हुई एक टेलिफोनिक बातचीत हाथ लगी जिसमें मां यह कह रही है कि उहके साथ जानें को मना किया था लेकिन तुम मानी नही घर आ जाओ हम तुम्हारी शादी उसी से करवा देंगे।वहीं लड़की के घर पहुंचनें पर लड़की की मां व कुछ भीमार्मी सदस्यों की मिलीभगत से एससी एसटी एक्ट का नियोजन किया गया।
वहीं आखिरी सच की इस पूरे प्रकरण में इकलौती रिपोर्ट जिसमें स्थानीय मीडिया के नियोजित प्रोपैगेंडा की बैंड बजा दी, जी हां लड़की के पास जो मोबाइल व नम्बर है, जिसे अनूप मौर्या नें खरीद कर रश्मि तथाकथित अपहरण व बलात्कार पीड़िता को खरीद कर घटना से लगभग दो माह पहले दिया था जिसमें आज भी सिम अनूप मौर्य की आईडी की निकलेगी। व आखिरी सच नैं जब अनूप मौर्या से रश्मी से बातचीत का काल विवरण मांगा तो काफी चौकानें वाले तथ्य सामनें आये आखिरी सच टीम के पास उक्त सभी साक्ष्य सुरक्षित हैं। उक्त फोन पर रश्मी की बातों का विवरण अप्रैल से मिला (जिसे आप उपरोक्त स्क्रीन शाट्स में देख सकतें हैं।) जबकि लड़की के बयान के आधार पर उसका जबरन अपहरण दिनांक 13 मई को रात्रि 9:30 के बाद हुआ था। वहीं लड़की के तथाकथित चाचा के अनुसार घटना 17 मई की है।
लड़के के परिजन विवाह करनें को तैयार पर लड़की पक्ष भीमार्मी नेताओं के कारण एससीएसटी एक्ट लगानें पर अड़ा।
वहीं लड़का पक्ष गांव के संभ्रांत व्यक्तियों के समक्ष लड़की को अपनी बहू बनानें को तैयार हैं वही लड़की पक्ष भीमार्मी के छुटभैया नेताओं के उलझानें व पैसा मिलनें का लालच दिये जानें के कारण अब मुकदमा पंजीकृत करवानें पर तुले हैं।
साजिश का शिकार हुआ मौर्य परिवार का होनहार।
इस रश्मि व अनूप के प्रेम प्रसंग की शुरूआत बब्बी गौतम पुत्र पूर्व प्रधान दयाराम गौतम के सहयोग से हुई थी लड़की व लड़के को साधन तक पहुंचानें में बब्बी गौतम की सहभागिता विशेष रही है। जबकि लड़की फक्ष द्वारा महेशगंज थानें में दिये गये शिकायती पत्र में बब्बी का कोई जिक्र नही है, आखिर क्यों? इस आखिर क्यों? का जवाब जब हमनें खोजनें का प्रयास किया तो जानकारी यह मिली कि थानें में शिकायती पत्र देनें से पूर्व लड़की समुदाय व समस्त एससी समुदाय द्वारा यह नियोजित करके किया गया जिसमें बब्बी के स्थान पर अंकित मौर्य को सहयोगी दिखाया गया था।