बाराबंकी जेल में प्रतिदिन खरीदा गया लगभग 40 किलो नींबू, कैदियों का कहना नही मिला नींबू के रस की बेंद भी।
बाराबंकी। जिला जेल में नींबू खरीद का मामला अब तूल पकड़ने लगा है। तीन महीने में 36 क्विंटल नींबू बंदियों को पिलाने की खबर पर डीजी जेल आनंद कुमार ने पूरे मामले की जांच डीआईजी जेल को सौंप दी है। यही नहीं, अब यहां के अलावा सभी जेलों में नींबू खरीद के मामले खंगाले जाने लगे हैं। डीआईजी मुख्यालय संजीव त्रिपाठी को इस पूरे मामले की सच्चाई के लिए बाराबंकी भेजा गया है। डीआईजी की रिपोर्ट मिलने के बाद जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
गौरतलब है कि बृहस्पतिवार को मीडिया में बाराबंकी जेल में महंगे नींबू की खपत को लेकर खबर प्रकाशित की थी। बाराबंकी जेल में इस वर्ष शुरुआती तीन महीने में औसतन 40 किलो नींबू की खपत प्रतिदिन दिखाई गई, जब नींबू की कीमत आसमान छू रही थी। यानी हर दिन केवल नींबू पर आठ हजार रुपये खर्च किए गए। तीन महीनों में सात लाख रुपये से अधिक की केवल नींबू की खरीद की गई। जब नींबू की कीमत कम हुई तो जेल में इसकी खपत भी लगभग खत्म हो गई। अब इस पूरे मामले की जांच डीआईजी जेल मुख्यालय संजीव त्रिपाठी को सौंपी गई है।
जिला कारागार में नींबू खरीद में गड़बड़ी का मामला तो एक बानगी भर है। यहां तो हर तरफ अंधेरगर्दी व वसूली का खेल चल रहा है। कैंटीन में जहां दो से तीन गुना रेट पर बंदियों को सामान मिलता है, वहीं खाना भी मानक के अनुरूप नहीं दिया जाता है। इसी साल के जनवरी, फरवरी व मार्च में जेल से रिहा होने वाले कोठी, हैदरगढ़, सुबेहा व रामनगर इलाके के कुछ बंदियों ने बताया कि वे करीब एक-दो माह जेल में रहे और फरवरी के आखिरी सप्ताह में उनकी जमानत हुई।
सभी ने बताया कि उन्हें एक भी दिन नींबू नहीं दिया गया। रिहा होने वाले बंदियों ने यह भी बताया कि जेल के अंदर दो लंबरदार हैं जो बंदियों से वसूली का काम करते है। बताया जाता है कि ये लंबरदार जेल अफसरों के काफी खास हैं जिसके चलते इनसे किसी को बोलने की भी हिम्मत नहीं होती है। जेल के अंदर हाता व मोलहजा करवाने के नाम पर बंदियों का जमकर उत्पीड़न कर उनसे वसूली की जाती है। बताया कि इसके साथ ही एक बार टेलीफोन से बात कराने के नाम पर भी दो सौ रुपये तक की वसूली की जाती है। यही नहीं यदि कोई बंदी बीमार होता है तो उसका इलाज कराने में भी घोर लापरवाही बरती जाती है। ऐसे में अफसरों की जांच के बाद यहां तैनात कइयों की गर्दन भी नप सकती है।