राशन कार्ड न होंगे निरस्त और न होगी रिकवरी, तो फिर यह ड्रामा किसके आदेशों पर व क्यों? राष्ट्रवादी बनाम व्यापारवादी सरकार, 2024 सरकार बनें कैसे?।
उत्तर प्रदेश में राशन कार्ड के सेरेंडर करनें का काम हर जिलों में जहाँ युद्ध स्तर पर चल रहा है, जबकि पूर्व में इस आशय के कई पत्र भी विभिन्न जिलाधिकारी कार्यालयों द्वारा जहां जारी किये गये थे वहीं लगभग प्रदेश के हर जनपद में काफी संख्या में कार्ड निर्देशित कक्ष संख्याओं के माध्यम से लोगों नें सेरेंडर कर दिये हैं, आखिर सेरेंडर करनें की प्रक्रिया मे लोग बढ़ चढ़ कर हिस्सा क्यों न लेते।
सरकार बना रही बेवकूफ य अधिकारी हुए तानाशाह जनपद फतेहपुर का आदेश पत्र।
जबकि सरकार द्वारा सामग्रियों की कीमत बाजारू भाव से भी ज्यादा मतलब 24 रूपये किलो गेहूँ व 32 रूपये चावल की दर से वसूले जानें की बात कही गयी थी। आखिरी सच को छोड़कर सभी मीडिया प्रतिष्ठानों नें उक्त खबर को प्रमुखता से छापा था।
विभाग सदैव पात्र कार्डधारकों को नियमानुसार उनकी पात्रता के अनुरूप नवीन राशन कार्ड निर्गमित करता है।
एक अप्रैल, 2020 से अब तक प्रदेश में कुल 29.53 लाख नवीन राशनकार्ड विभाग द्वारा पात्र लाभार्थियों को जारी किए गए हैं।
— Government of UP (@UPGovt) May 22, 2022
लेकिन आखिरी सच केवल इस मुद्दे पर तथाकथित राष्ट्रवादी सरकार की क्षमता व दृढ़संकल्प का आंकलन कर रहा था जिसमें आखिरी सच नें पाया कि प्रदेश सरकार 2024 के लोकसभा के चुनाव को मद्देनजर रखते हुऐ अपनी कही बात से मुकर कर देहाती कहावत थूक के चाटनें का उपक्रम कर चुकी है। इस मुद्दे पर तथाकथित राष्ट्रवादी कम स्वार्थवादी सरकार का कथन।
जनपद सोनभद्र जिलाधिकारी का जनता के साथ तुगलकी फरमान
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम-2013 तथा प्रचलित शासनादेशों में अपात्र राशन कार्डधारकों से वसूली जैसी कोई व्यवस्था भी निर्धारित नहीं की गई है और रिकवरी के सम्बन्ध में शासन स्तर से अथवा खाद्य आयुक्त कार्यालय से कोई भी निर्देश निर्गत नहीं किए गए हैं।
एक जिलाधिकारी का यह तुगलकी फरमान किसके निर्देश पर