पुलिसिया उत्पीड़न के शिकार सुनील त्रिपाठी की याददाश्त चली गयी, आखिरी सच की रिपोर्ट के बाद प्रशासन नें मेडिकल करवाया आज, मां व पत्नी की मिलाई की बात नही रही याद, लखनऊ किया गया रिफर।
गोण्डा। सांसद पुत्र विधायक प्रतीकभूषण सिंह के आशीर्वाद के आकांक्षी कोतवाल कोतवाली नगर गोण्डा पंकज सिंह व समस्त स्टाप के उत्पीड़न का शिकार हुऐ सुनील त्रिपाठी जो कि स्वयं रिटायर्ड दरोगा के पुत्र हैं, को इतना बर्बरता पूर्वक पीटा गया, व बिना समुचित चिकित्सा जांच व चिकित्सा के जेल भेज दिया गया जेल भेजे जानें से लेकर दिनांक 29 मई तक कोई मेडिकल जांच नही करवायी गयी।
लेकिन जब आखिरी सच समाचार वेब पोर्टल नें एक विस्तृत रिपोर्ट जब इस मुद्दे पर “सुनील त्रिपाठी उर्फ तिवारी के बर्बर पुलिसिया उत्पीड़न का सच, अपनी ही बेटी के बलात्कारी की नियोजित साजिश व विधायक प्रतीक भूषण सिंह के राजनैतिक विरोध का प्रभाव भुगत रहा परिवार।” नामक मुख्य हेडिंग में प्रकाशित की तब जाकर तत्काल शाषन व प्रशासन के हाथ पैर फूल गये, वहीं पांच दिन से जेल में बंद तथाकथित व प्रशासन द्वारा स्वघोषित दोषी का मेडिकल न तो जेल भेजते समय करवाया गया और नही 29 मई तक करवाया गया।
विधायक के आशीर्वाद का आकांक्षी कोतवाल नगर
खैर आज जाकर पीड़ित का मेडिकल जिला अस्पताल गोण्डा में डाक्टर नूपुर पाल के द्वारा किया गया व चिकित्सा देनें के साथ ही केजीएमयू लखनऊ भेजे जानें के लिये जेल प्रशासन को निर्देशित किया। उस समय जिला अस्पताल में जब परिजनों नें जूस पीनें को दिया तो उक्त समय एक घूंट जूस पीनें के बाद शेष जूस सुनील नें अपनें पर उडेल लिया।
सुनील त्रिपाठी की पत्नी का बयान
वहीं एक दिन पूर्व जब पत्नी सुनील सिंह जेल में मिलाई करनें गयीं थी तो काफी समय बाद आये सुनील नें बहुत ही ऊटपटांग सवाल पत्नी से किये मसलन नाली बन गयी, सड़क सही हो गयी है, परेशान न हो मेरी बेल हो गयी है मैं अभी तुम्हारे साथ ही घर चलता हूं।
बेटी का बलात्कारी भगवानदास
क्या है घटना का सच…….?
जबकि आखिरी सच टीम की अपनीं पड़ताल में कुल घटना का कारण भगवानदास नामक हैवान व उसका पुत्र कपिल अग्रवाल है। जो विधायक व सांसद के समर्थक के साथ ही साथ चुनावी खर्च के लिये अनुदान प्रदाता भी हैं। भगवानदास नें अपनी पहली पत्नी को जलाकर मार दिया था व राजनैतिक पकड़ के चलते उसका बाल भी नही बांका हुआ था, जिसके बाद भगवानदास जो कि खुद चारित्रिक रूप से घटिया व्यक्ति है, नें दूसरी शादी रेनू नामक महिला से की लेकिन बेटी के जन्म लेते ही भगवानदास को पत्नी चरित्रहीन नजर आनें लगी व अपनी पुत्री को भी वह अपनी पुत्री नही मानता था। जिसका परिणाम यह हुआ कि 12 कमरों के माकान में पत्नी व पुत्री को 2 कमरे देकर अलग कर दिया कुछ दिन खर्चा खराबा देता रहा लेकिन कुछ समय बाद खर्च भी देना बंद कर दिया।
जिससे उकता कर व जब मां बेटियों के भूखों मरनें की नौबत आ गयी तो मां बेटी नें चाय की छोटी सी दुकान
अपनी ही सौतेली बहन का बलात्कारी कपिल
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