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मोदी मानिया, राजनैतिक विरोध, एससी एसटी एक्ट व धन वसूली उद्योग का प्रताप झेलता क्षत्रिय परिवार शायद उत्तर प्रदेश में क्षत्रिय वंशज की सत्ता है?

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बदायूँ। ग्राम बरवाड़ा संतोष कुमार सिंह एक अकेला क्षत्रिय सवर्ण परिवार, दलित बाहुल्य गांव में सब कुछ ठीक था होली का पावन पर्व था, सब ओर खुशाली थी, और संतोष जी के घर दो पुलिसकर्मी आ पहुंचे, जब संतोष जी ने पूछा की क्या बात है? तो पता चला की नेम सिंह पुत्र शिवलाल ने उनके विरुद्ध दिनांक 12/ 04/ 2014 को डकैती का मुकदमा लिखा आया है, उसके वारंट आए हैं, यह सुनते ही परिवार में जैसे मातम सा छा गया।

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दलित बाहुल्य गांव में एकल क्षत्रिय घर प्रधान को हारे हुए प्रत्याशियो व पूर्व दलित प्रधान नें साजिश के तहत लगाये 6 एससी एसटी एक्ट के मुकदमें, 9 लाख की करी वसूली, परिवार का 20 लाख हुआ अब तक खर्च, भाजपा के अनन्य भक्त हैं ठाकुर साहब। 

नेम सिंह से जाकर पूछा गया तो उसने कहा की मैं तुम्हें जेल से बचा तो सकता हूं, बस मेरी बेटी की शादी है, और तुम 3 लाख रुपए का इंतजाम कर दो मैं सुलह कर लूंगा और तुम्हें बचा दूंगा, अगर रुपए नहीं दिए तो जेल जाओगे और गांव से भी जाओगे तभी संतोष जी के घर करण सिंह पुत्र महाराम फैसला करनें की बात करने आये और धमकी देकर बोले की फैसला कर लो और ₹3 लाख नेम सिंह को दे दो नहीं तो ठाकुरा गांव से भाग जाएगा।

परिवार अकेला था डरा हुआ भी था, संतोष जी ने उनकी बात मानना उचित समझा उन्होंने अपनी पत्नी के जो गहने थे वह बेंच दिए एक भैंस थी वह भी बेंच दी और कुछ रुपए कर्ज लेकर नेम सिंह को 3 लाख रुपए इकट्ठा करके दे दिए। अभी इस घटना को कुछ समय ही बीता था की संतोष जी पर दोबारा फिर एक और झूठा मुकदमा लिखाया गया और इस बार केवल संतोष जी ही नहीं बल्कि उनका बेटा जितेंद्र भी शामिल किया गया और यह मुकदमा था 376 और एससी एसटी जोकि दिनांक 21. 07. 2016 को संगीता पत्नी चंद्रभान ने लिखवाया था परिवार ने पुलिस से सहायता मांगी तो पुलिस ने कहा यह अनुसूचित जाती है इनके विरुद्ध हम कोई कार्यवाही नहीं कर सकते परिवार ने काफी प्रयास किया परंतु उनकी किसी ने नहीं सुनी बस एक ही बात थी की गांव से भाग जाओ या फिर चार लाख रुपए दे दो परिवार जोकि पिछले मुकदमे से अभी भी उबरा नहीं था दूसरी मार कहां से झेलता।

वहीं इस मुद्दे पर इसी गांव के काफी अनुसूचित जातिवर्ग के लोगों से जब हमारे प्रतिनिधि नें बात की तो सभी लोगों नें सम्पूर्ण प्रकरण को साजिश करार दिया।

गांव के कमल कुमार जो कि बीकाम किये हैं नें आखिरी सच प्रतिनिधि को बताया कि यह जितनें भी मुकदमें लिखवाये गये हैं सरासर गलत हैं व परिवार से पैसे लेकर सुलह किया जाना कहां तक नैतिक है।

बात वही थी की गांव से भाग जाओ या फिर रुपए दो संतोष जी की गांव में कुछ खेती है। इसीलिए वह गांव से भी नहीं जा सकते और कहीं दूसरी जगह ठिकाना भी नहीं है, की वहां रह सके और फिर उनकी बात मान ली परिवार ने जमीन बेची और ₹4 लाख संगीता पत्नी चंद्रभान को दे दिए सोचा था, की अब कोई मुकदमा ना लिखा जाए परंतु गांव वालों को जैसे कोई शौक हो गया हो ठाकुर से रुपए लेने का साल 2018 जब गांव के ही पप्पू पुत्र रामलाल की बेटी रीता रात्रि में करीबन 12:00 बजे नीलेश पुत्र धर्मपाल के घर नग्न अवस्था में पकड़ी गई और फिर से गांव में एक बार रुपए लेने की होड़ मच गई कुछ लोगों ने कहा की नीलेश तो अपनी जाति का है।

इसको क्यों फसाना अच्छा मौका है संतोष से रुपए लेने का और पप्पू ने वही किया उसने दिनांक 15- 06- 2918 को अपनी पुत्री रीता को गायब कर दिया और थाने में संतोष कुमार जी के बेटे जितेंद्र के विरुद्ध मुकदमा लिखवा दिया और मांग की या तो रुपए दो या फिर गांव से भाग जाओ गांव के ही करण सिंह पुत्र महाराम, रणवीर पुत्र नत्थू लाल, किशोरी लाल संतोष कुमार जी के पास आए और बोले बेटे को बचाना है तो नौ लाख रुपए का इंतजाम कर लो नहीं तो तुम्हारा बेटा 376 बी व एससी एसटी के केस में जेल चला जाएगा और उसकी जिंदगी तो बर्बाद ही हो जाएगी परिवार ने इस बार फिर मांग की की उन्हें न्याय दिलाया जाए परंतु किसी ने उनकी बात नहीं सुनी फिर परिवार ने अपने 7 बीघा खेत को बाला किशनपुर के त्रिवेणी पुत्र सिरदार सिंहनामक एक यादव को बेचकर पप्पू पुत्र रामलाल को दिए और उनके बेटे की जिंदगी बच सकी यह रुपए देने के बाद परिवार पर मानों जैसे मुसीबतों का आसमान ही टूट गया किसी दिन उनके घर खाना बनता तो किसी दिन पानी पीकर ही बच्चे सो जाते जिस समय यह केस जितेंद्र पर लिखवाया गया था उस समय उसकी आयु मात्र 16 वर्ष की थी परंतु फिर भी परिवार को आस थी कि अब कोई मुकदमा उन पर शायद ना लिखाया जाए।

इसी गांव के यादराम, प्रमोद कुमार, कुसुमा, उनकी बहू, धर्मवीर, फूलवती, चन्द्रवती, सूरजमूखी, दुर्गेश कुमार, जुगुलकिशोर, मुंशीलाल, अनिलकुमार, नरेशपाल, राजपाल, किशोरीलाल व सुरेन्द्रपाल जो कि अनुसूचित जाति वर्ग से हैं नें भी संतोष सिंह परिवार के  शोषण को गलत कहा है।

आखिरी सच परिवार नें जमीनी पड़ताल में यह पाया है कि बदायूँ जनपद बरवारा गांव शायद बदलाव की नवीन कहानी का सूत्राधार बनेगा?

पर वह नहीं जानते थे की मुसीबतें अभी और हैं बरस 2021 जब रामदास पुत्र लेखराज ने संतोष कुमार के के घर के सामने नाली खोली और संतोष जी के घर के बाहर गंदगी इस तरह से फैल गई जैसे मानो वहां कोई दलदल हो संतोष कुमार के बच्चे भी उसमें फिसल फिसल कर गिरने लगे जिस जगह रामदास पुत्र लेखराज ने यह नाली खोली थी वह जगह संतोष कुमार की पैत्रक जगह थी रामदास की नाली देख कर उसकी बगल में रह रहे राजेंद्र पुत्र जंडैल ने भी संतोष जी के घर के बाहर अपनी नाली खोल दी जब संतोष जी ने नाली बंद करने को कहा तो राजेंद्र पुत्र जंडैल, रामदास पुत्र लेखराज, तेजेंद्र पुत्र रामदास, मीना पुत्री रामदास, कांति पत्नी रामदास, नवल देवी पत्नी राजेंद्र, अनेक पाल पुत्र राजेंद्र, सुजाता पुत्री राजेंद्र, संतोष कुमार के घर पर डंडे व लाठी लेकर पहुंच गए परिवार ने उनको देखकर अपने घर का दरवाजा बंद कर लिया और घर में अंदर छुप कर पुलिस को बुलाया जब पुलिस आई तो रामदास पुत्र लेखराज ने अपनी पुत्री मीना को चोट मार कर संतोष कुमार के बेटे जितेंद्र के विरुद्ध 376 बी का मुकदमा व एससी एसटी की रिपोर्ट भी लिखवा दी फिर से परिवार कंगाली की राह पर आ गया और यह मुकदमा अभी भी चल रहा है।

वर्ष 2021 में ही संतोष कुमार सिंह ग्राम वरवारा में पंचायत चुनाव जीत कर ग्राम वरवारा के ग्राम प्रधान बने संतोष कुमार के विरोध में खड़े हुए प्रत्याशी क्रमशः करण सिंह पुत्र महाराम, रणवीर पुत्र नत्थू लाल, सूरजपाल पुत्र धर्मपाल, मुकेश कुमार पुत्र शिवराज व मलखान को अपनी हार बर्दाश्त नहीं हुई उनका कहना था की अकेला ठाकुरा कैसे प्रधान बन सकता है। इसको अब चैन से नहीं जीने देंगे और फिर अपनी हार का बदला लेने के लिए संतोष कुमार सिंह के परिवार पर प्रति 6 माह बाद कोई ना कोई एससी एसटी का मुकदमा लिखवा देते हैं। और उनको गांव से भगाने की धमकी देते है। फैसले के रूप में रुपए की मांग करते हैं गरीबी हालत में भी परिवार ने अपनी जमीन गहने पशु बेचकर व कर्ज लेकर गांव वालों को कम से कम 20 लाख से अधिक रुपए दे दिए हैं। और बस यह उम्मीद है कि आगे कोई मुकदमा ना लिखवाया जाए परंतु ऐसा नहीं हुआ दिनांक 25 /5/ 2022 को रामदास पुत्र लेखराज, तेजेंद्र पुत्र रामदास, राजेंद्र पुत्र जंडैल नवलदे पत्नी राजेंद्र, सुजाता पुत्री राजेंद्र, सूरजपाल पुत्र धर्मपाल, मीना पुत्री रामदास, रणवीर पुत्र नत्थू लाल, संतोष कुमार जी के घर पर डंडे व लाठी लेकर आ पहुंचे बात बस यह थी की दिनांक 25 /05 /2022 को दो पुलिसकर्मी आकर नाली बंद कर गए और रामदास व उसके साथी इसका बदला संतोष व उनके परिवार से लेने आ पहुंचे इन लोगों ने संतोष कुमार सिंह के परिवार के साथ मारपीट की व जब मौके पर पुलिस आई तो रामदास पुत्र लेखराज ने अपनी पुत्री मीना के सर में चोट मारकर संतोष के बेटे जितेंद्र के खिलाफ 376 बी व एससी एसटी की रिपोर्ट लिखवा दी।

अब मांग हैं कि उन्हें रु 10 लाख दो नहीं तो जेल चले जाओ यह मुकदमा केवल और केवल राजनीतिक रंजिश के कारण लिखवाए जा रहे हैं। और संतोष कुमार के परिवार से लाखों रुपए लिए जा रहे हैं। परिवार न्याय की तलाश में इधर उधर भाग रहा है परंतु कोई भी उनकी सहायता नहीं कर रहा।


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