अर्चू के परिजनों द्वारा अर्चू का मानसिक बलात्कार, परिजन करना चाहते थे स्वयं अर्चू की हत्या, मर्मांतक दास्तां अर्चू की ही जुबानी, सभी नें इस्तेमाल किया डिस्पोजल समझकर।
मेरा नाम अर्चना मिश्रा है। मैं उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले थाना सुरेरी की रहने वाली हूं। मेरे साथ तीन महीने से बहुत ज्यादा गलत हो रहा है। मेरे साथ गलत करने वाले कोई और नहीं मेरे माता, पिता, चाचा, मामा व मौसा ही है। और प्रशासन इन लोगो का पूरा सहयोग कर रही है क्योंकि इन लोगो के पास पैसे और पॉवर है।
21 मार्च 2022 को मैं अपने कॉलेज ठाकुर मतिवार सिंह पीजी कॉलेज जमालपुर जौनपुर गई थी। मेरे कॉलेज का लास्ट डे था और मैं अपने फ्रेंड का बर्थडे सेलीब्रेट करने के लिए गई थी, क्योंकि मेरा बीएससी का लास्ट ईयर था। और उसके बाद कौन कहा पढ़ता है किसी को कुछ पता नहीं होता है। कॉलेज जाने के बाद मैने प्रीति दुबे जो मेरी छोटी मासी है उनको कॉल किया क्योंकि 4 दिन पहले और उससे पहले भी वो कॉल करके दूसरे लडको का नाम लेकर मुझे टॉर्चर करती थी, और ऐसा उनके पति सोनू दुबे जो की मेरे छोटे मौसा है, वो मुझे गलत निगाह से देखते थे।
मुझसे फोन पर बाते करने के लिए बोलते थे जब मैंने इसका विरोध किया तो वो भी मेरे मम्मी पापा से दूसरे लड़के का नाम जोड़कर उल्टा सीधा बताते थे। और फिर मेरे मम्मी पापा मेरी बात पर भरोसा न करके मुझे टॉर्चर करते थे। जब मम्मी पापा को मैने ये बात बताया कि सोनू दुबे के मन में क्या है, मेरे लिए और मुझसे गलत तरीके से बात करते है। तो उनलोगो का एक ही जवाब रहता था कि क्या हो गया जब बोल दिया तो और मेरे घर वाले मेरे लिए सब कुछ करते थे।
मैं 2 साल लगाकर बीमार थी मुझे अच्छे से अच्छे डॉक्टर को दिखाते थे। पर सोनू दुबे और प्रीती दुबे के बोलने के बाद कभी भी मेरी बातो पर भरोसा नही करते थे। बिना मुझसे पूछे की ये बात सही है की नही मुझे टॉर्चर करते थे। इन सब बातो से परेशान होकर मुझे ये लगा जब मेरे माता पिता ही मेरे ऊपर भरोसा नही करते है तो मेरे जीने का कोई मतलब नहीं है इसलिए मैने सुसाइड करने के लिए 21 मार्च 2022 को फैसला किया और अपने कॉलेज से निकल गई।
21 व 22 मार्च को मैं जौनपुर में ही थी मैने इस बीच सुसाइड करने के लिए कई बार सोचा पर मेरी हिम्मत नही हुआ। और मैं सुसाइड करने जा रही हु ये जानकारी मैं स्टेटस के द्वारा अपने मम्मी पापा और रिलेशन के कुछ लोगो को और अरविन्द मिश्रा जिनका घर मेरे घर के पास में ही है। और उनके वाइफ से मेरा अच्छा रिलेशन था, तो उनके स्टेटस पर ये बात शो कर रहा था। की मैं सुसाइड करने गई हु। और मैने अपने मम्मी पापा को सोनू और प्रीती का आडियो रिकोडिंग भी भेजा था की आप जिन लोगो पर भरोसा करते है वो मुझसे कैसे बात करते है।
फिर मैंने सोचा की मारने से अच्छा है की कही दूसरी जगह जाकर जॉब करके मैं अपनी दूसरी जिंदगी शुरू करुँगी पर इन लोगों के पास दुबारा नहीं जाऊंगी। फिर मैंने जौनपुर से एक ट्रेन में बैठ गई मुझे ये भी नही पता की ये ट्रेन कहा जा रही है, उसके बाद मुझे कुछ भी याद नहीं है। अरविन्द मिश्रा जिनके पास दिल्ली के सहादारा स्टेशन से कॉल आया था की लड़की यह रेलवे ट्रैक पर घायल अवस्था में मिली है।
ये जानकर वो अपने बड़े भईया विनोद मिश्रा जो की मेरे सगे मौसा है, और अपनी वाइफ सिम्पल मिश्रा को बताकर अपने एक दोस्त भोले सिंह के साथ उनकी कार से मुझे दिल्ली लेने के लिए गए।मैं बहुत बुरी तरीके से घायल थी। मुझे दवा दिलवाने के बाद अरविंद मिश्रा और भोले सिंह ने मुझे कन्वेंस करने की कोशिश की जबकि मैं अपने घर कभी वापस नहीं आना चाहती थी। फिर अरविन्द ने मुझे कन्वेंस किया और मेरे पापा मेरे मौसा से बात करता जिसकी रिकॉर्डिंग मेरे पास मौजूद है। उसमे ये बोला गया और जिसके आधार पर मैं घर वापस आने के लिए तैयार हुई मेरे पापा ने मेरी कसम खाई की बेटा तुम घर आ जाओ जिसने तुम्हारे साथ गलत किया है।
मैं उसको जेल में डलवा दूँगा बस तुम घर आ जाओ। फिर मैं घर वापस आ रही थी। लखनऊ आगरा एक्सप्रेस हाइवे पर पहुंची थी। तो अरविंद की वाइफ सिम्पल मिश्रा का कॉल अरविंद के फोन पर आया और उन्होंने बोला की आप के भईया विनोद मिश्रा सभी रिश्तेदारों और सभी जगहों पर ये खबर फैला रहे है की अरविंद लड़की लेकर आगरा घूमने गए है, और भी कई तरह तरह की बाते बता रही थी। ये सब बाते सुनकर मैं कार को रुकवा कर उतार गई और घर जाने से मना कर दिया। रात का समय और सुनसान रास्ता था तो अरविंद भी कार से उतर गए की अकेले तुम कहा जाओगी। वहा फोन पर अरविंद और उनके भईया विनोद जो की हर जगह तरह तरह की बाते फैला रहे थे कहा सुनी हुई। और अरविन्द और उनके भईया विनोद की पहले से ही नही बनती थी। फिर भी कुछ समय के बाद अरविंद ने अपने वाइफ के कहने पर मुझे घर न लाकर वाराणसी ले कर आए क्योंकि खबर इतना ज्यादा विनोद फैला चुके थे।इसलिए अरविंद मुझे मेरे घर वालो को देना चाहते थे। पर खुद अपने घर नहीं आना चाहते थे, क्योंकि वो बहुत ज्यादा डिप्रेशन में थे। फिर वाराणसी में अरविंद ने मेरे पापा से मेरी बात कराई तो मेरे पापा ने बोला की विनोद जो भी बोल रहे है पर हम लोग तो कुछ नही बोल रहे है। अरविंद को कोई कुछ भी नही बोलेगा तुम घर आ जाओ बेटा मैं सोनू प्रीति और साथ में विनोद को भी कंप्लेन करके जेल में डलवा दुगा। इसकी रिकॉर्डिंग मेरे पास मौजूद है। फिर अरविंद ने मेरे चाचा अजय मिश्रा जो की अरविंद के बहुत करीबी थे उन दोनो के आपस में अच्छे रिश्ते थे। उनको कॉल करके मुझे लेने के लिए बुलाया।
मेरे चाचा भोले सिंह जो की मुझे दिल्ली से लेने गए थे। उनकी कार से मुझे वाराणसी लेने आए तीन लोग 2 लोग और भी मौजूद थे। वाराणसी से घर तक मेरे चाचा मुझे मरते हुए लेकर आए जबकि ये जानते हुए भी की मैं घायल हूँ, और मेरी मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी। मैं बहुत ज्यादा डिप्रेशन में थी कई दिनों से मैंने खाना भी नहीं खाया था। घर आने के बाद सबसे पहले मुझसे एक ही सवाल किया गया की अरविंद ने तुम्हारे साथ क्या किया। और मेरा सिर चेक किया गया और मुझे मारा गया फिर भी मैंने बार- बार एक ही बात बोल रही थी की अरविंद ने मेरे साथ कुछ नही किया है, बस मुझे लेके आए है, अगर मेरी बातो पर भरोसा नही है, तो मेरा मेडिकल करा लीजिए।
नसीब वाले अरविंद मिश्रा जिनकी दूसरी शादी बीबी नें करवाई।
पर ये लोग मेरी बात नही माने और न ही मेरा मेडिकल करवाने के लिए तैयार हुए क्योंकि इन लोगों की प्लानिंग कुछ और ही था जिसमे अरविंद के भाई विनोद मिश्रा, प्रवीण मिश्रा और मेरे मामा आशुतोष चन्द त्रिपाठी भी इन लोगो के साथ प्लान में शामिल थे और मुझे दर्द की दवा बोलकर 2 नीद की मेडिसिन दिया गया जिससे मुझे इन लोग की बातो को मैं जान न सकूँ।
25 मार्च 2022 को मुझे अरविन्द के खिलाफ गवाही देने के लिए दवाब बनाया गया, और मुझे थाना सुरेरी ले गए जहां के थानाध्यक्ष राज नारायन चौरसिया थे। और थाने पर मेरे पापा अरुण मिश्रा,चाचा अजय मिश्रा और मामा आशुतोष चन्द त्रिपाठी जो की एक वकील के साथ लखनऊ से थाने पर आए थे। मेरे द्वारा दिए गए बयान जो की मेरे साथ घटित हुआ था। उस बयान के एप्लीकेशन को राज नारायन चौरसिया के द्वारा फार दिया गया। महिला कांस्टेबल को बुलाकर अपने मन मुताबिक बयान लिखवाया गया और उस पर जबरन मेरा सिग्नेचर लिया गया। की मैं अपने आप से परेशान होकर अपने कॉलेज से लखनऊ अपने मामा के पास गई थी। और 3 दिन के बाद वो मुझे मेरे घर लेकर आए है।
फिर मेरे मामा आशुतोष चन्द त्रिपाठी ने एसएचओ राज नारायन चौरसिया को एक लिफाफा दीया और बोला की ये 50 ले लीजिए और काम कर दीजिए बाकी मैं बाद में भेजवा दूँगा। फिर मुझे घर लाकर नीद की दवा दे दिया गया कि जो ये लोग करना चाहते है उस बारे में मुझे कुछ भी पता न चले। फिर मुझे 29 मार्च को यहां से कोलकाता ले जाया गया। उस दिन मुझे नीद की दवा नही दिया गया था। और विनोद मिश्रा, प्रवीण मिश्रा मिलने आए थे स्टेशन पर कोलकाता जाते समय और विनोद मिश्रा मेरे पापा से बोलते हुए सुना था की अर्चू को यहां से ले जाइए टाइम से दावा देते रहिएगा यहां मेरी बात हो गई है बाकी सब काम हो जायेगा।
बाकी जैसी भी बात होगा मैं आपको फोन पर बताता रहूँगा। उसके बाद मुझे ठीक से कुछ भी याद नहीं है। कोलकाता में 5, 6 दिन कैसे बीता मैं कहा पर थी मुझे कुछ भी याद नहीं। जब मुझे दवा देना बंद किए और फिर मुझे टॉर्चर करना शुरू किए की तुमने बहुत ज्यादा ही गलत किया है तो मुझे ये लगा की मैं घर छोड़ कर सुसाइड करने गई थी इन लोगो की इंसल्ट हुआ है। इसलिए मेरे साथ ऐसा बर्ताव कर रहें है। और नौकरों से भी बद्तर मेरे साथ व्यवहार किया जाता था। फिर भी मैं शांत होकर सब कुछ सह रही थी। फिर एक दिन मैंने अपने कानो से अपने पापा से बात करते हुए सुना वो किससे बात कर रहे थे मुझे ये नही पता पर पापा ये बोल रहे थे कि मिसिर। अरविंद का घर का नाम मिसिर है और पूरा समाज अरविंद को मिसिर नाम से ही बुलाता है। को सजा मिल कर ही रहेगा।
मैं 5 मई को सूरज के साथ सूरज जो की मेरा छोटा भाई है, उसके साथ गांव आ रहा हू अर्चना का सदा पेपर पर फिर अरविंद को जेल में डलवाता हू फिर अर्चना का क्या करना है। फिर मैं देखूंगा क्योंकि 7 मई को मेरे बड़े दादा की बरसी थी। ये सब बाते सुनने के बाद मुझे ये नही समझ में आ रहा था की ये पापा क्या बोल रहे है। और अरविन्द ने मेरे साथ ऐसा क्या किया है। ये बात जानने के लिए मुझे अरविन्द से बात करना जरूरी थी पर मुझे ये नही पता था की अरविंद कहा है।और 1 मिनट के लिए भी फोन यूज करने की परमिशन नहीं था।
फ़िर भी मैंने किसी तरीके से टेलीग्राम पर मैसेज किया तो उधर से रिप्लाई आया की दीदी अब क्यों मैसेज कर रही है। सब कुछ तो मेरा बर्बाद कर दी। ये रिप्लाई देखकर मुझे ये नही समझ में आ रहा था की हो क्या रहा है। अरविंद ने मेरे साथ गलत किया है या मैंने अरविंद के साथ गलत किया है।सारी बाते जानने के लिए मुझे 10 दिन लगे सिंपल के द्वारा तब मुझे ये पता चला की अरविंद के ऊपर थाने से और गांव वाले ये बोल रहे है की मैने लिखित और मौखिक बयान दिया है की अरविन्द 3 लोगो के साथ मिलकर मेरा रेप किया है मेरा बच्चा गिरवाया है। मुझसे बहकाकर 3 लाख रुपए लिए है, और मुझे 2 लाख रुपए में बेच दिया और अरविन्द के साथ भोले सिंह का भी नाम रेप केस में जुड़ा गया था, जो की मुझे लेने अरविंद के साथ दिल्ली गए थे। और 2 लोगो का का नाम नहीं पता। और सिम्पल ने मुझसे ये भी। बोला की मैं आपके घर गई थी अरविंद की मम्मी के साथ की अपने कंप्लेन क्यों किया पर अपने मुझसे बात तक नहीं किया और वहाँ से जाने के लिए बोला।
मुझे ये बात भी नही याद की सिंपल मुझसे मिलने आई थी। उसके बाद सिंपल ने टेलीग्राम भी डिलीट कर दिया और जो दिन में 1, 2 मिनट बात होता था वो भी होना बंद हो गया। उसके बाद मैंने चोरी चोरी इन लोगों की बाते सुनना शुरू किया तो मुझे पता चला की अगर मैं कोलकाता में और दिन इन लोगों के साथ रहूंगी तो मुझे जान से मार दिया जाएगा और जो इल्जाम अरविंद के ऊपर लगा है।उसकी वजह से मैंने सुसाइड किया है, ऐसा आरोप प्रूफ कर दिया जाएगा, और इसकी वजह से मैं तो मर ही जाऊंगी साथ में तीन लोगो की जिंदगी बर्बाद हो जाएगा। अरविन्द का 3 साल का लड़का जन्म से ही हार्ट पेशेंट है ,अगर अरविन्द जेल चले गए तो उसका और सिम्पल का क्या होगा। और अब तो सिंपल से मेरा बात भी होना बंद हो गया था। तो मैं इन सब बातो की जानकारी भी नही दे सकती थी। अरविंद सिंपल के साथ गलत और न हो जो की पहले ही मेरी वजह से हो चुका था वो लोग किस हाल में और कहा थे मुझे ये तक नही पता था। ये सब बाते उन दोनो को बताने के लिए मेरा कोलकाता से निकलना जरूरी था।
23 अप्रैल 2022 को मैं एक नॉर्मल कपड़े में और एक कपड़ा साथ में लेकर किसी भी तरीके से वहा से निकल गई। वो भी ऐसी जगह जहां मुझे कोई जानकारी नहीं थी मुझे वहा का कुछ नही पता था। मुझे सिंपल मिश्रा का नंबर याद था कुछ दूर जाने के बाद मैने एक अंकल से फोन माग कर सिंपल को कॉल किया और ये बताया की इन लोगो की प्लानिंग क्या है, और मैं यहां से निकल गईं हू। और यहां से सुरेरी थाने पर जाऊंगी और सबके बारे में पुलिस को बता दूँगी। तो सिंपल ने बोला दीदी आपको अभी भी नही समझ में आ रहा है। पुलिस मिली हुई है, आप थाने पर जायेगी तो मैटर और बिगड़ जायेगा ये और फंस जायेंगे आप सीधे हम लोगो के पास आ जाइए अब उन लोगो के हाथ मत लगीएगा। फिर मैने पूछा आप हो कहा तब सिंपल ने बताया दिल्ली में हूँ। आप आ जाओ मैं स्टेशन भेजकर आपको मँगा लूँगी। तो मैंने बोला मेरे पास पैसे नहीं है मैं कैसे आऊंगी और कुछ प्रॉब्लम हुआ तो आपसे बात कैसे करुगी। तो बोली आप टेंशन किसी दुकान वाले के पास जाओ मैं आपको इनसे बोलकर पैसे भेजवा रही हूँ।
फोन सिम ले लीजिए और बराबर बात करिएगा और अपना ध्यान रखिएगा। फिर मैने अरविंद के भेजे हुए पैसे से फोन और सिम लेकर स्टेशन गई और वहा से ट्रेन पकड़ लिया। 24 अप्रैल को मैं दिल्ली स्टेशन पर पहुंची जहां से रात को अरविंद मुझे 2 बजे लेकर रूम पर पहुंचे फिर अगले दिन 25 अप्रैल को हमलोग को ये पता चलता कि गांव से मेरे चाचा हम लोगो को जान से मारने के लिए आने वाले है। फिर सिंपल ने अपने पंकज भईया से बात करने के बाद अरविंद से मेरी शादी करा दी जिससे की अरविंद की और हम लोगो की जान बच सके और जो भी झूठा केस अरविंद के ऊपर लगा रहे है सब खत्म हो जाए। इसके लिखित और मौखिक सबुत मेरे पास है, की मेरी शादी अरविन्द से सिम्पल ने ही कराया है। फिर हम लोगो ने शादी की फोटो और हम तीनो लोगो की साथ में फोटो मेरे मम्मी पापा चाचा मामा और मौसा के फोन पर भेज दिया जिससे वो लोग कोई करवाही न करे।
अगले दिन 26 अप्रैल को सिम्पल ये बोलकर वहा अपने पंकज भईया के कहने पर वहा से अपने घर जा रही हूँ 10 दिन बाद आ जाऊंगी जबकि अरविंद और मैने सिंपल को इस बात के लिए बहुत मना किया फिर भी सिंपल नही मानी तो अरविंद सिंपल को दिल्ली स्टेशन छोड़ने गए। मैं दिल्ली में अरविंद के साथ सिंपल की बहन बनकर रहने लगी। वहा पर किसी को नहीं पता था की मेरी और अरविन्द की शादी हो गया है। सब कुछ ठीक चल रहा था। हम तीनो लोगो के बीच फिर एक दिन मैंने सुरेरी थाने पर वहा के एसएचओ राज नारायन चौरसिया को कॉल किया और ये पूछा की अपने अरविंद के ऊपर किस बेस परर झूठा केस किया है। जबकि मैने तो एऐसा कोई बयान नहीं दिया। और राज नारायन चौरसिया के अपनी और अरविन्द के शादी की जानकारी दी जबकि इस बात की जानकारी उनको पहले से ही थी। फिर अरविंद के ऊपर लगे आरोपों के बारे में उनसे पूछा और अपने घर वालो के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए बोला तो वो बात को घूमना शुरू किए और मुझे कन्वेंस करने लगे की किस गलत फैमी में जी रही हो अरविंद मिश्रा जी के ऊपर कोई केस नही है। ये तुमसे किसने बोला की केस है।
सिंपल मिश्रा का इकरार नामा जिसमें पढ़कर जाना जा सकता है।
और उल्टा मेरे ऊपर ही आरोप लगाने लगे की मैं 2 बार अरविंद मिश्रा के साथ भागी हूँ। और फिर भाग कर शादी कर लिया तुम जहा हो वही रहो आनंद लो जब मर्जी से शादी की हो तो घर वालो को काहे दोष दे रही हो। और वो ऐसा इसलिए बोल रहे थे क्योंकि राज नारायन चौरसिया जी पूरे घटना में शामिल थे। फिर मेरी पूरी बात बिना सुने कॉल कट करना शुरू कर दिए फिर एक दिन मेरे ये बोलने पर की सर आप कर्यवाही करेगे या नहीं। आप नही कंप्लेन लिखेंगे तो मैं कही और कंप्लेन करुगी। फिर मुझसे सभी लोगो का नाम पूछे और बोले मैं नोट कर लिया हूँ कर्यवाही करता हूँ। और मेरा नंबर ब्लॉक लिस्ट में डाल दिया इन सब बातों की कॉल रिकॉर्डिंग मेरे पास मौजूद है। फिर मैने सीओ मडि़याहू को इस घटना की जानकारी दिया तो सीओ सर आश्वासन देते हुए बोले बेटा अपनी शिकायत लिख कर मेरे व्हटाप नंबर पर भेजो मैं करवाही करता हूँ। पर जब सीओ सर को मेरा नाम पता चला और किसके खिलाफ कंप्लेन कर रही हूँ, तो बोले यहां सबको परेशान करना बंद करो जहा हो वही रहो वही कंप्लेन करो। इनका रिकॉर्डिंग नही है मेरे पास और इनका चैट है क्योंकि सीओ सर पर भरोसा था इसलिए रिकॉर्डिंग नही किया।
मैने जहा भी कंप्लेन करना चाहा जिसको भी कॉल किया उसकी कॉल रिकॉर्डिंग और चैट बराबर मैं सिंपल को दे रही थी। और वो वो मेरा सपोर्ट कर रही थी। बहुत ज्यादा अच्छे से मुझसे और अरविंद से कॉल पर और व्हाटाप पर बार कर रही थी। और एक दिन सिंपल के पापा ने अरविंद को कॉल किया था मेरे बारे में जानने के लिए की मैं कैसी हू। कहाँ हूँ, ठीक हूँ की नही। बहुत ही अच्छे से बात किए। इन सब बातो का मेरे पास कॉल रिकॉर्डिन और चैट है। इन सब घटना की जानकारी मैने जन सुनवाई एप पर भी किया था पर कोई कार्यवाही नही हुआ। और अरविंद के ऊपर हमले होने लगे नाइट में ड्यूटी जाते समय। क्योंकि मेरे खानदान के लोग दिल्ली में भी रहते है। फिर भी कुछ न होने के कारण हम लोग शांत बैठ गए।
वो रूम छोड़ दिया जहा पहले रहते थे दूसरी जगह रहने लगे और वहा भी मैं अरविन्द की वाइफ सिम्पल को बहन ही बनकर रह रही थी। क्योंकि सिंपल वापस आने वाली थी। और कही सुनवाई न होने के कारण हम लोग कंप्लेन करना बंद कर दिए और आगे फ्यूचर के बारे में सोचने लगे। फिर 27 मई सुरेरी थाने से कॉल मेरे नंबर पर आता है उसमे ये बोला जाता है की SI हैदर अली सुरेरी थाने से बोल रहा हूँ। आपके खिलाफ तहरीर दिया गया है अरुण मिश्रा, रीता मिश्रा, आशुतोष चन्द त्रिपाठी, विनोद मिश्रा, अजय मिश्रा ने मिलकर तहरीर दिया है कि आप उन लोगो को मरने के लिए धमकी दे रही है। फिर मैने बोला सर मैं कैसे मारनें की धमकी दे रही हूँ वो लोग मुझे मारने की कोशिश कर रहे है। थाने पर सभी लोगो का नंबर मौजूद होने के बाद भी हैदर अली ने मुझसे अरुण मिश्रा का नंबर मांगा और कान्फ्रेंस कॉल बोलकर बात किया जिसकी रिकॉर्डिंग मेरे पास है। उसमे मेरे पापा ने बोला की हम लोगों को अरविंद और अर्चना जान से मारने की धमकी दे रहे है। जबकि मैने ऐसा कभी किया नहीं था फिर मुझे और जिन लोगों ने तहरीर दिया था उन सबको थाने पर आने के लिए बोला गया।
अगले दिन मैंने इस बात की जानकारी लेने के लिए SI हैदर अली को कॉल किया तो पहले पहचानने से इंकार कर दिया और जो मुझे कल का केस बता रहे थे उसको इनकार करके मुझे 1 नया केस बताने लगे कि मैं 4या 5 लाख रुपए अरुण मिश्रा और सब गहने लेकर कोलकाता से भागी हूँ। ये भी तहरीर अरुण मिश्रा, आशुतोष चन्द त्रिपाठी, विनोद मिश्रा, अजय मिश्रा और रीता मिश्रा ने मिलकर दिया है। जब मैंने ये पूछा की सर ये बताईए 4लाख रुपए है या 5 लाख रुपए है, कैश है या मैं अपने अकाउंट में लेकर आई हू या फिर मैं अरुण मिश्रा का लेकर आई थी, या अन्य जिन लोगो ने तहरीर दिया है, उनका लेकर भागी हूँ। तब वो बात करने से बचने लगे और बोले तुम आओ थाने पर सबको बुलाता हूं, और फोन कट कर दिए। फिर ये रिकॉर्डिंग मैने सिंपल को भेजा और बोला की एक बार जाकर थाने पर पता कर लीजिए कोई कंप्लेन है भी की नही या जान से मारने के लिए बुला रहे है। क्योंकि न्यूज पर आया था SI हैदर अली रिश्वत लेते हुए पकड़े गए थे इस न्यूज का वीडियो है मेरे पास।
पर सिंपल ने इंकार कर दिया की आप दोनो लोग आइए फिर साथ में तीनो लोग चल करके कंप्लेन करेगे जो भी हम लोगों के साथ गलत हुआ है। फिर भी अरविंद ने बोला मैं अकेले आऊंगा अर्चना को नहीं लाऊंगा, तो सिम्पल बोली नही मेरी मम्मी ने बोला है बिना लड़की लिए मत आइएगा। फिर हम लोग 28 मई रात 8 बजे के बाद मैंने SI हैदर अली को कॉल करके बोला की सर मैं 31 मई तक आ जाऊंगी घर जिन लोगो ने मेरे खिलाफ तहरीर दिया है उनलोगो को भी बुला लीजिए। फिर हैदर अली ने मुझे कनवेंस करना शुरू किए की ये तुम्हारा और अरुण मिश्रा का मैटर है इसमें पुलिस क्या करेगी तो मैने बोला की तो फिर अपने मुझे क्यों कॉल करके बोला की अरुण मिश्रा ने मेरे खिलाफ तहरीर दिया फिर हैदर अली ने कॉल कट कर दिया इसकी रिकॉर्डिंग है मेरे पास।
हम लोगों की जान को खतरा था इसलिए ट्रेन का स्टेटस लगकर की हम लोग ट्रेन से आ रहे है और दिल्ली से बाई रोड बाइक से लखनऊ आ गए जबकि मेरी फिजिकली और मेंटली हालत ठीक नहीं था। हम लोग बाइक से आ रहे है इसकी जानकारी अरविन्द की पहली पत्नी सिंपल को थी। लखनऊ आ कर मैने सारी घटना की शिकायत लिख कर डीआईजी ऑफिस लखनऊ में दे दिया। उसके बाद मैंने सीएम आवास में भी 30 मई 2022 को ही प्रार्थना पत्र दिया जिसकी सुनवाई अभी तक नही हुआ है। और उसी दिन 1076 सीएम हेल्पलाइन पर कॉल करके मैंने शिकायत दर्ज कराया था। फिर डीआईजी आफिस से बोला गया आपकी जान को खतरा है इसलिए 1 दिन लखनऊ में रुकिए क्योंकि यहां से कंप्लेन जाने में और जौनपुर जिले में एसपी के पास कंप्लेन दर्ज होने में 1 से 2 दिन लगेगा। जो की अभी तक कोई करवाई नही हुआ है।
31 मई 2022 रात 11 बजाकर 55 मिनट पर लखनऊ से बाई रोड सुरेरी थाने पर मैं और अरविन्द पहुंचे और वहाँ पूंछा की मेरे नाम से क्या कंप्लेन है मुझे दिल्ली से यहां बुलाया गया है। रिजिस्टर खोल कर देखा गया तो हम दोनो के खिलाफ एक भी कंप्लेन नही था। बस पुलिस द्वारा गुमराह किया गया था। और कॉल करने की बात को भी इंकार करने लगे जब हैदर अली के बारे में पूछा गया तो उनलोगो के द्वारा बताया गया वो छुट्टी पर गए है 1 हफ्ते में आ जाएंगे। हम लोगो ने बताया की छुट्टी पर नही जेल में है रिश्वत लेते हुए पकड़े गए है। तब उनलोगो ने सच्चाई बताना शुरू किया की जेल में है। जब मैंने शुरू- शुरू में थाने पर से बोला गया था की फोन से आपकी शिकायत नही लिखी जाएगी आप थाने पर आकर शिकायत दर्ज करवाए फिर करवाही की जायेगी।
सर मैं आ गई हूँ मेरा कंप्लेन लिखिए पहले ये शिकायत दर्ज करिए की मेरी और अरविन्द के जान को खतरा है। हम लोग घर जा रहे है, हम लोगो के साथ कुछ भी हो सकता है, क्योंकि मेरे चाचा ने अरविंद की मम्मी का कसम खाया था। की अगर वो लोग घाघरपुर में कदम रख दिए तो आपके सामने ही काट करके फेक दूँगा। इस बात की जानकारी अरविन्द की मम्मी ने कॉल पर अरविंद को दिया था। फिर भी सुरेरी थाने पर मेरी शिकायत नही दर्ज किया गया मुझे गुमराह करने लगे की जाओ सुबह आना और जब मैं नही मानी तो मुझे डराने धमकाने लगे तो मैं वीडियो बनाने लगी तो ये बोला गया अपने हाथ से एप्लीकेशन लिख कर दो तब शिकायत दर्ज होगा। लेकिन उसके बाद भी मेरी शिकायत नही दर्ज किया गया और सुरेरी थाना के एसएचओ और दीवान के द्वारा बहुत सारी आपत्तिजनक बाते बोला गया और ये भी बोले की महिला कांस्टेबल बुला कर तुमको रात भर यही बैठायेगे और जेल में डाल देते। इस सारे प्रक्रिया में 1 घंटे बीत चुका था पर मेरी शिकायत नही लिखा गया।
महिला कांस्टेबल आती उससे पहले मैं और अरविन्द किसी भी तरीके से थाने से निकल गए और घर न आकर क्योंकि जान को खतरा था इसलिए एसपी ऑफिस जौनपुर के लिए निकल गए। ये घटना 1 जून सुबह 1 से 3 बजे के बीच की है जिसकी जानकारी मैने लखनऊ से लेकर वाराणसी और जौनपुर के बहुत से बड़े बड़े अधिकारीयों को कॉल किया और थाना सुरेरी के बारे में बताया जिसकी रिकॉर्डिंग मेरे पास है। फिर भी कोई करवाही नही हुआ ।
मारता क्या न करता हम लोग जान हथेली पर लेकर हम लोग एसपी ऑफिस न जाकर सुबह 5 बजे अरविंद के घर अपने गांव घाघरपुर आ गए फिर पुलिस अरविंद के घर आई और जिस रूम में मैं और अरविन्द थे उसका दरवाजा पीट रही थी पर हम लोगो ने दरवाजा नही खोला। फिर अरविन्द के घर वालो ने मुझे उल्टा सीधा बोलना शुरू किया थाने पर जाकर सभी लोगो के जान का खतरा मुझसे और अरविंद से बताने लगे और घर का सारा सामान अरविंद के कब्जे में होने की बात करने लगे और उन लोगो की कंप्लेन दर्ज कर लिया गया। और मौके पर पुलिस शाम को 7 बजे से 8 बजे के बीच में अरविंद के घर पर आई और हम लोगो से कई सारे सवाल पूछने लगी जिसका वीडियो मेरे पास है।
1 जनवरी 2022 की सिंपल व अर्चना के बीच बातचीत।