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रेलवे में नई तकनीक को तेजी से समाहित करने की आवश्यकता है -अश्विनी वैष्णव, रेलमंत्री।

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परियोजना भारतीय रेल और रेलटेल द्वारा निर्भया कोष के तहत की जा रही है क्रियान्वित
कार्य जनवरी, 2023 तक पूरा होने की  सम्भावना है।

रेलवे में नई तकनीक को तेजी से समाहित करने की आवश्यकता है -अश्विनी वैष्णव, रेलमंत्री।

केंद्रीय सरकारी सार्वजनिक क्षेत्र के एक उपक्रम, “रेलटेल” को भारतीय रेल की एक परियोजना के क्रियान्वयन का कार्य सौंपा गया है, जिसमें रेलवे स्टेशनों पर वीडियो सर्विलांस सिस्टम (वीएसएस) (सीसीटीवी कैमरों का नेटवर्क) की स्थापना का कार्य आरंभ किया गया है।

इस कार्य के लिए एजेंसियों को नियुक्त करके एक बड़ा कदम उठाया गया है। यह परियोजना का पहला चरण है, जिसमें ए-1, बी एवं सी श्रेणी के 756 प्रमुख रेलवे स्टेशनों को शामिल किया जाएगा।

यह कार्य जनवरी, 2023 तक पूरा किया जाने की सम्भावना है। शेष स्टेशनों का कार्य फेज-2 के क्रियान्वयन के समय शामिल किया जाएगा।
यात्रियों की सुरक्षा रेल मंत्रालय के प्रमुख फोकस क्षेत्रों में से एक है। रेलवे स्टेशनों, जो यात्री परिवहन के प्रमुख केंद्र हैं, पर सुरक्षा बढ़ाने के लिए,  भारतीय रेलवे स्टेशनों पर इंटरनेट प्रोटोकॉल (आईपी) आधारित वीडियो निगरानी प्रणाली (वीएसएस) स्थापित करने की प्रक्रिया में है, जिसके अंतर्गत प्रतीक्षालय, आरक्षण काउंटर, पार्किंग क्षेत्र, मुख्य प्रवेश / निकास, प्लेटफार्म, फुट ओवर ब्रिज, बुकिंग कार्यालय आदि को शामिल किया जाएगा। रेल मंत्रालय ने निर्भया फंड के तहत भारतीय रेल के प्रमुख स्टेशनों पर वीडियो निगरानी प्रणाली के लिए कार्यों को मंजूरी दी है।



रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, “हमें रेलवे में नई तकनीक को तेजी से समाहित करने की आवश्यकता है, जैसे कि रोलिंग स्टॉक, निर्माण, सुरक्षा, साइबर सुरक्षा, या ऐसी स्तिथियों में जहां मानव इंटरफेस हो।”

रेलटेल की अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्रीमती अरुणा सिंह ने आश्वासन दिया कि कार्य निष्पादन एजेंसियों को नियुक्त कर देने के साथ, परियोजना के कार्यान्वयन में तेजी आएगी। इस प्रोजेक्ट में सबसे आधुनिक सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर का इस्तेमाल किया जाएगा।

यह वीएसएस सिस्टम आईपी बेस्ड होगा तथा इसमें सीसीटीवी कैमरों का एक नेटवर्क होगा। सीसीटीवी कैमरे ऑप्टिकल फाइबर केबल पर काम करेंगे और सीसीटीवी कैमरों की वीडियो फीडिंग न केवल स्थानीय आरपीएफ पोस्टों पर, बल्कि मंडल और जोनल स्तर पर सेंट्रलाइज सीसीटीवी कंट्रोल रूम में भी प्रदर्शित की जाएगी।
स्टेशनों पर लगे सीसीटीवी कैमरे और वीडियो फीड को उक्त 3 स्तरों पर मॉनिटर किया जाएगा, ताकि रेलवे परिसरों की संरक्षा और सुरक्षा में बढ़ोतरी सुनिश्चित हो सके। इस सिस्टम में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) इनेबल वीडियो एनालिटिक्स सॉफ्टवेयर और फेसियल रिकॉग्निशन सॉफ्टवेयर काम करता है जिससे जाने-पहचाने अपराधियों के स्टेशन परिसरों में आने पर, उनका पता लगाने तथा उसका अलर्ट जारी करने में मदद मिलेगी।

कैमरों, सर्वर, यूपीएस और स्विचों की मॉनिटरिंग के लिए नेटवर्क मेनेजमेंट सिस्टम (एनएमएस) की व्यवस्था भी की गई है, जिसे किसी भी प्राधिकृत अधिकारी द्वारा किसी भी वेब ब्राउजर के माध्यम से देखा जा सकता है।

चार प्रकार के आईपी कैमरे (डॉम टाइप, बुलेट टाइप, पैन टिल्ट जूम टाइप और अल्ट्रा एचडी-4के) स्थापित किए जा रहे हैं, ताकि रेलवे परिसरों के भीतर अधिकतम कवरेज सुनिश्चित हो सके। इससे रेल सुरक्षा बल अधिकारियों को बेहतर सुरक्षा सुनिश्चित करने में एक तरह की अतिरिक्त सहायता मिल सकेगी। सीसीटीवी कैमरों से मिलने वाली वीडियो फीड की रिकॉर्डिंग 30 दिनों के लिए स्टोर की जा सकेगी।
कार्यान्वित प्रणाली, परिस्थितियों/घटनाओं पर प्रभावी ढंग से निपटने के लिए उपकरण के रूप में कार्य करेगी एवं तेजी से निर्णय लेने में सहायता करेगी। यह प्रणाली, आरडीएसओ संस्करण 6.0 के अनुसार कुछ सॉफ्टवेयर आधारित अप्लिकेशन जैसे वीडियो एनालिटिक और फेस रिकॉग्निशन के साथ किसी भी घटना और घटनाओं से निपटने के लिए बेहतर तैयारी के लिए एक महान शिक्षा के रूप में कार्य करेगी।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) इनेबल्ड एनालिटिक्स सॉफ्टवेयर में एक निश्चित अलार्म और ऑपरेटर के अंत में पॉप-अप दृश्य के साथ निम्नलिखित विशेषताएं हैं।
1. घुसपैठ का पता लगाना (रेलवे संचालन क्षेत्रों में प्रवेश करने वाले लोग)
2. कैमरा छेड़छाड़
3. Loitering डिटेक्शन
4. मानव और वाहन का पता लगाना
5. विशेषता के आधार पर मनुष्यों की खोज
6. रंग खोज
7. नीचे गिरा हुआ व्यक्ति।
8. संयुक्त खोज (मानव/वाहन और रंग)।



एफआरएस

वीएसएस (सीसीटीवी) सिस्टम लाइव सीसीटीवी वीडियो फीड से चेहरे की छवियों को कैप्चर करेगा और ब्लैकलिस्ट मैच पाए जाने पर अलर्ट उत्पन्न करेगा। एफआरएस अलर्ट को वीडियो प्रबंधन प्रणाली/एनवीआर पर पुश किया जाना चाहिए। (वीडियो प्रबंधन प्रणाली/एनवीआर के साथ निर्बाध रूप से एकीकृत)।

वीएसएस सॉफ्टवेयर प्रस्तावित आईपी कैमरों के लिए अलार्म इनपुट मॉनिटरिंग और आउटपुट ऐक्टिवेशन का समर्थन करेगा। वीएसएस में मोबाइल फोन क्लाइंट की सुविधा है, ताकि किसी भी आपात स्थिति में अधिकृत उपयोगकर्ता पंजीकृत मोबाइल फोन से स्थानीय वीएसएस सर्वर पर वीडियो और स्नैपशॉट अपलोड कर सकें, जिसमें स्थान की पहचान शामिल होनी चाहिए।

केंद्रीकृत स्थान पर ऑपरेटर के पास स्टेशनों से इन अलार्म और प्लेबैक वीडियो को जरुरत पड़ने पर, देखने की क्षमता होगी। केंद्रीकृत स्थान पर ऑपरेटर, चयनित आरपीएफ/थाने और संबंधित सुरक्षा अधिकारी के पंजीकृत मोबाइल फोन पर अलार्म को पुश करने में सक्षम होगा।

पैनिक बटन

प्रत्येक प्लेटफॉर्म पर दो पैनिक बटन लगाए जाने हैं। संकट में किसी भी व्यक्ति द्वारा पैनिक बटन सक्रिय करने के बाद, ऑपरेटर वर्कस्टेशन पर संबंधित कैमरे के पॉप-अप के साथ वीएसएस पर एक अलार्म दिखाई देगा। यदि संबद्ध कैमरा पीटीजेड प्रकार का है, तो कैमरा मूव कर जाएगा और पैनिक बटन पर जूम करके संकटग्रस्त व्यक्ति को देख सकेगा।

स्टेशनों के सीसीटीवी कैमरों से वीडियो फीड की रिकॉर्डिंग को प्लेबैक, पोस्ट इवेंट विश्लेषण और जांच उद्देश्यों के लिए 30 दिनों के लिए निकटतम आरपीएफ थाने/पोस्ट में संग्रहीत किया जाएगा। अतिरिक्त 10% स्टोरेज (रेलवे की आवश्यकता के अनुसार) का उपयोग करके डेटा सेंटर (240TB स्टोरेज का उपयोग करके) और आरपीएफ थाना / पोस्ट पर लंबी अवधि के लिए महत्वपूर्ण वीडियो संग्रहीत किए जाने हैं।

आईटी संचालन के प्रभावी संचालन और प्रबंधन के लिए, वीएसएस उपकरण (कैमरा, स्विच, सर्वर/  वर्कस्टेशन, स्टोरेज, पीसी वर्कस्टेशन और यूपीएस आदि) की निगरानी के लिए एक इंडस्ट्री स्टैंडर्ड इंटरप्राइज मैनेजमेंट सिस्टम (ईएमएस) का प्रावधान किया गया है।
ईएमएस के कुछ महत्वपूर्ण पहलू इस प्रकार हैं-
1. केंद्रीकृत और एकीकृत डैशबोर्ड दृश्य
2. केंद्रीकृत और कस्टमाइजेबल सर्विस स्तर रिपोर्टिंग
3. सर्वर/वर्कस्टेशन परिवर्तन, प्रावधान और कंफिगरेशन
4. नेटवर्क स्वचालन
5. सेवा प्रबंधन (हेल्पडेस्क) और एसएलए प्रबंधन
6. केंद्रीकृत आईटी संपत्ति सूची खोज और ट्रैकिंग
7. सर्वर/वर्कस्टेशन मॉनिटरिंग
8. नेटवर्क दोष और प्रदर्शन प्रबंधन
9. पेनाल्टी की निगरानी और प्रबंधन

रेलटेल के बारे में

रेलटेल, रेल मंत्रालय के अधीन एक “मिनी रत्न” (श्रेणी- I) केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र का उद्यम है, जो देश के सबसे बड़े तटस्थ दूरसंचार अवसंरचना प्रदाताओं में से एक है। यह आईसीटी समाधान और सेवा प्रदाता है, जिसके पास देश के कई कस्बों, शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों को कॅवर करने वाला एक अखिल भारतीय ऑप्टिक फाइबर नेटवर्क है।

रेलटेल के पास ऑप्टिक फाइबर के 61000 से अधिक मार्ग किलोमीटर के एक सुदृढ़ विश्वसनीय नेटवर्क के साथ, रेलटेल के पास दो इलेक्टॉलिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) के पैनल वाले टियर-III डेटा सेंटर भी हैं।

अपने अखिल भारतीय उच्च क्षमता नेटवर्क के साथ, रेलटेल विभिन्न फ्रंटों पर एक नॉलेज सोसाइटी बनाने की दिशा में कार्य कर रहा है और इसे दूरसंचार क्षेत्र में भारत सरकार की विभिन्न मिशन-मोड परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिए चुना गया है।

रेलटेल एमपीएलएस- वीपीएन, टेलीप्रेजेंस, लीज्ड लाइन, टॉवर को- लोकेशन, डाटा सेंटर सेवाएं आदि जैसी सेवाओं का एक समूह उपलब्ध कराता है। रेलटेल देशभर के रेलवे स्टेशनों पर सार्वजनिक वाई-फाई उपलब्ध कराकर उन्हें डिजिटल हब में परिवर्तित करने के लिए जोनल रेलों के साथ भी कार्य कर रहा है। कुल 6100 स्टेशन रेलटेल के रेलवॉयर वाई-फाई के साथ लाइव हैं।


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