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यदि किसान भाई पर गलत तरीके से किया एट्रोसिटी एक्ट मुकदमा रद्द ना किया तो करेंगे देशव्यापी आंदोलन : आ.स.स.स.

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मोदी एक्ट 2018 ने ली देश में अनेकों सवर्णों की जान : गुप्ता

मोगा : मोगा निवासी एक किसान पर पड़ोसियों द्वारा लगाए एट्रोसिटी एक्ट का मामला गर्मा गया है। पीडत किसान पलविंदर सिंह के पक्ष में जहां भारतीय किसान यूनियन (टल्लेवाल) ने मोगा हाईवे जाम कर दिया, वहीं प्रदेशभर से एकत्रित हुई आरक्षण संघर्ष समन्वय समिति के कार्यकर्ताओं सहित किसानों ने मोगा के सिटी 1 थाने का घेराव कर धरना लगा दिया। गौरतलब हो कि लगभग 13 महीने पहले आईटीआई की बैक साइड रहते किसान पलविंदर सिंह ने अपने पड़ोसियों पर पत्नी के साथ कि गई छेड़छाड़ का मामला दर्ज करवाया था। जिसके 7 महीने बाद इसी केस में पुलिस द्वारा उल्टा पलविंदर सिंह व उसकी पत्नी पर ही जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल व मारपीट का मामला दर्ज कर दिया। जिसके बाद गुस्साए किसानों ने शहर के मेन चोंक स्थित थाना सिटी 1 का घेराव कर दिया। उधर आरक्षण संघर्ष समन्वय समिति की इकाइयां प्रदेश भर से धरना स्थल पर पहुंचने लगी। जिसमें समिति के राष्ट्रीय महासचिव साहिल गुप्ता, पंजाब प्रधान अश्विनी शर्मा, जिला प्रधान नानक चोपड़ा व शहरी प्रधान तरसेम जंड विशेष तौर पर उपस्थित हुए। धरने को संबोधित करते हुए साहिल गुप्ता ने कहा कि वे मोगा के व्यक्ति पलविंदर सिंह पर गलत तरीके से लगाए एट्रोसिटी एक्ट का विरोध करते हैं व इसकी जितनी निंदा की जाए कम है। साहिल गुप्ता ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2018 में आए सर्वोच्च न्यायालय के एक फैसले के विपरीत जाकर एक नया ही कानून बना डाला। जिसमें एट्रोसिटी एक्ट लगने से पहले होने वाली जांच का प्रावधान ही खत्म कर दिया। साहिल गुप्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि 2018 के बाद झूठे एट्रोसिटी एक्ट के कारण देशभर में अनेकों सवर्णो ने आत्महत्या कर ली। साहिल गुप्ता ने आरोप लगाते हुए कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सामान्य वर्ग से घृणा करते हैं, इसीलिए वे हमेशा सामान्य वर्ग की दुर्दशा ही करते आए हैं। साहिल गुप्ता ने 2018 में पारित हुए नए कानून एट्रोसिटी एक्ट को मोदी एक्ट करार दिया। उन्होंने अपने संबोधन में सवर्ण आयोग की भी बात रखी। गुप्ता ने कहा कि देश की आजादी के बाद देश तो आजाद हो गया, लेकिन सामान्य वर्ग के आरक्षण, एट्रोसिटी एक्ट व सरकारों से मिलने वाली जातीय सहूलियतों की बेड़ियां डाल दी गई। जिस कारण पंजाब सहित देश भर से सामान्य वर्ग के बच्चे विदेशों में जाने लगे। साहिल गुप्ता ने कहा कि इन परेशानियों का समाधान सिर्फ और सिर्फ सवर्ण आयोग है। इस मौके साहिल गुप्ता ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि पलविंदर सिंह पर लगाए झूठे एट्रोसिटी एक्ट को रद्द ना किया गया तो आरक्षण संघर्ष समन्वय समिति देशव्यापी आंदोलन करेगी। वहीं एसएसपी गुरमीत खुराना द्वारा मामले की जांच के लिए बनाई एसआईटी सदस्यों एसपीडी, डीएसपी सिटी दमन वीर सिंह ने जांच शुरू कर दी है। आई जी द्वारा 3 दिन का समय लेकर दिए उक्त मुकदमा रद्द करने के आश्वासन के बाद प्रदर्शनकारियों ने धरने को काफी हद तक समेट लिया। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि पूरा धरना तभी हटाया जाएगा, जब पलविंदर सिंह व उसकी पत्नी पर लगाए एट्रोसिटी एक्ट को रद्द नहीं किया जाता।

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