नाबालिग के प्राइवेट पार्ट पर मारी लात कपड़े फाड़ किया नंग्न, दलितों परिजनों को घर में घुसकर मारा, 15 दबंगों का संयुक्त दबंगई, मुकदमा व सजायाफ्ता रहे हैं दबंग, 5 दिन बाद भी नही दर्ज हुई शिकायत।
प्रतापगढ़ (रमेश श्रीवास्तव)। जिले के मान्धाता थाने के शिवरा गाँव मे एक बार फिर दलितों के ऊपर हुआ अत्याचार व बर्बर्ता की हद हो गयी आज जबकि सरकार एससी एसटी जैसे अधिनियमों को लागू कर चुकी है, लेकिन वास्तविक पीड़ितों की जहां एक तरफ शिकायत पंजीकृत नही हो पाती है, तो दूसरी और झूठे एससी एसटी एक्ट के मुकदमें धड़ाके से लिखे जा रहें है।
उक्त लड़कियों एवं महिलाओं को जहाँ एक तरफ घर मे घुसकर मारा पीटा गया वहीं दूसरी तरफ दबंगो द्वारा अश्लील हरकत भी की गई। जब दलित महिलाओं ने अपने ऊपर हुए अत्याचार को थाना मान्धाता में जाकर सुनाया तो दबंगो के राजनीतिक दबाव के कारण पुलिस ने थाने से महिलाओं को डाटकर भगा दिया। पीड़ित महिलाओ ने जब प्रतापगढ़ के तेज तर्रार SP के पास अपना दुखड़ा लेकर गई तो उन्हें वहाँ भी न्याय नहीं मिला। अपने ऊपर हुए अत्याचार को दलित महिलाओं ने हिंदुस्तान लाइव न्यूज़, आखिरी सच एवं जीबी न्यूज़ के पत्रकार रमेश श्रीवास्तव के सामने सुनाया। तो श्री श्रीवास्तव की रिपोर्टिंग के आधार पर कुछ बड़े सवाल निकल के समाज व शासन पर निकलते हैं:-
क्या राजनीतिक दबाव के कारण दलित महिलाओं को नहीं मिल पायेगा न्याय?
क्या कोई भी अपराधी अपराध करके खुलेआम धमकी देते हुए घूम सकता है?
परिवार के मुखिया द्वारा पुलिस अधीक्षक को प्रेषित पत्र
पुलिस अधीक्षक प्रतापगढ़ को दिये पत्र के माध्यम से निवेदन किया है कि प्रार्थी रामनरेश सरोज पुत्र शिवचरन व परिजनों को विपक्षी राजेन्द्र प्रताप सिंह व दीपक सिंह आदि लोगो से पुरानी रंजिश होती चली आ रही थी।
मान्धाता थाने के शिवरा गाँव मे एक बार फिर दलितों के ऊपर हुआ अत्याचार व बर्बर्ता की हद हो गयी आज जबकि सरकार एससी एसटी जैसे अधिनियमों को लागू कर चुकी है, लेकिन वास्तविक@pratapgarhpol@Uppolicepic.twitter.com/Kic6jSwT0A
उसी रंजिश के बदले की भावना से राजेन्द्र प्रताप सिंह उर्फ लल्लन सिंह धीरेन्द्र सिंह सुतगण श्रीपाल सिंह व दीपक सिंह सुत राजेन्द्र प्रताप सिंह, हरीलाल सुत रामऔतार, रोहित कुमार सुत हरीलाल ललित कुमार सुत रामआधार, संतोष सिंह सुत जेत बहादुर सिंह, अवनीश सिंह सुत सुरेन्द्र प्रताप सिंह, सुमित सिंह सुत रज्जन, तूफान सिंह सुत ललित सरोज, दिलावार उर्फ बूल सुत सरवावत नि० मनेहू व अलमास सुत कल्लन उर्फ साहिद अंशुमान सुत भुल्लर शाहिद सुत फातिम अली, बच्चा उर्फ अरूण कुमार सिंह सुत राजकुमार सिंह, विजय सिंह सुत विन्यांचल सिंह आदि लोग मिलकर के लाठी डण्डा, फरसा, कुल्हाड़ी से लैश होकर प्रार्थी के पट्टे वाले तालाब भूमि पर आये जबरन चकमार्ग का निर्माण करने लगे।
गाली गलौज व जाति सूचक शब्द कहे घर में घुसकर पीटा
पीड़ित के द्वारा विरोध करने पर सभी लोग मिलकर जाति सूचक शब्दो का प्रयोग करते हुए भद्दी भद्दी गाली गुप्ता जान- माल की धमकी देते हुए कहे कि पसेटा की जाति साले आज तुमको जान से मारकर खत्म कर देंगे। इतने में सभी लोग मिलकर के बेरहमी के साथ मारने पीटने लगे। हल्ला गुहार मचाता हुआ घर भागा तो सभी लोग खदेड़ कर घर में घुस कर मारने पीटने लगे। इतने में प्रार्थी के घर विटोला भकतिन शिंवागिनी उम्र 13 वर्ष व करिश्मा उम्र 17 वर्ष व ओम प्रकाश , प्रदीप कुमार गनेशदीन, दिनेश कुमार आदि लोग बीच- बचाव करने लगे तो उक्त सभी लोगो को भी घर में घुस कर बेरहमी के साथ मारने पीटने लगे।
नाबालिग बेटियों के प्राईवेट पार्ट पर मारी लात कपड़े फाड़ किया निर्वस्त्र
दो नाबालिग बेटियों के प्राइवेट पार्ट पर हाथ लगाते हुए छेड़ छाड़ करने लगे। बेइज्जत करने के नियत से जमीन में पटक दिये और कपड़ा फाड़कर नग्न कर दिये। भकतिन व विटोला व करिश्मा उर्फ राधिका को गला दबाकर हत्या करने की नियत से मारे पीटे जिससे बेहोश हो गयी। इतने में हल्ला गुहार सुनकर काफी लोग गांव के इकट्ठा हो गये, जिन्होने बीच बचाव किये तब जाकर जान बची।
14 की घटना में आजतक अभियोग पंजीकृत नही
घटना दिनांक 14.09.2022 समय लगभग सुबह 08:00 बजे की है, जब प्रार्थी के घर वाले घटना की सूचना देने थाने आने लगे तो सभी लोगों ने रास्ते में मारपीट करके मोटर साइकिल छीन लिये तथा उसे क्षतिग्रस्त कर दिये जिससे चार- पांच हजार रूपये का नुकसान हुआ। जब प्रार्थी द्वारा 112 नं0 डायल किया गया स्थानीय पुलिस आई 108 नं ० बुलाकर के चोटहिलों को पी० एच० सी० मांधाता में भर्ती कराया गया है। दवा इलाज चल रहा है। तब प्रार्थी थाने आकर घटना की सूचना दे रहा है।
अभियुक्त गणों पर पूर्व से ही मुकदमों की संख्या की कमी नही है।
अभियुक्तगणों के खिलाफ 70 मुकदमें है तथा राजेन्द्र सिंह, दीपक सिंह, संतोष सिंह धीरेन्द्र सिंह, थाना मानधाता के हिस्ट्री शीटर है, तथा अभियुक्त के खिलाफ पूर्व में गैंगेस्टर की कार्यवाही की जा चुकी है। संतोष सिंह, राजेन्द्र सिंह, दीपक सिंह, धीरेन्द्र सिंह आदि हत्या में आजीवन कारावास 20 साल 6 माह की सजा पा चुके हैं, तथा गंगेस्टर में भी अभियुक्तों को पांच- पांच साल की सजा व जुर्माना भी हुआ है, दोनों मामलों में सजाओं के विरुद्ध मा० उच्च न्यायालय में अपील विचाराधीन है।