धनारी पट्टी बालू शंकर प्राथमिक विद्यालय में 6 वर्षीय अबोध छात्रा का 18 घण्टे बंद होना शिक्षकों की लापरवाही, पूरे स्टाफ के खिलाफ होगी कार्रवाई।
धनारी चंदौसी (संभल)। शिक्षकों की लापरवाही व गैरजिम्मेदाराना रवैये के चलते एक छह साल की अबोध बच्ची रातभर स्कूल में बंद रही। 18 घंटे बाद नियमित स्कूल खुलने पर उसको निकाला गया।
इस दौरान बच्ची की नानी और परिजन तलाश करते रहे। स्कूल में पहुंची नानी को शिक्षकों ने यह कहकर टरका दिया कि स्कूल की छुट्टी होने पर सभी बच्चे घर जा चुके हैं।
अंशिका गांव प्राथमिक विद्यालय में कक्षा एक की छात्रा है। मंगलवार की सुबह आठ बजे वह रोजाना की तरह विद्यालय गई। दोपहर दो बजे छुट्टी समय वह कक्षा में सोती रह गई। नियमानुसार कक्ष में ताला लगाने से पहले देखा जाता कि कोई बच्चा या कोई सामान तो नहीं रह गया है, लेकिन ऐसा न करते हुए कमरे का ताला लगा दिया गया। बच्ची कमरे के अंदर ही बंद रह गई।
छुट्टी के बाद बच्ची के घर नहीं पहुंचने ढाई बजे उसकी नानी नीरू तलाश करने लिए सीधे स्कूल पहुंची। स्कूल में मौजूद सहायक अध्यापक ब्रजपाल व सत्यपाल सिंह कमरे खुलवाकर बच्ची को तलाश करने बजाय छुट्टी होने पर सभी बच्चे अपने- अपने घर जाने की बात कहकर टरका दिया।
इसके बाद छात्रा की नानी अपने परिजनों और अन्य परिचित ग्रामीणों के साथ अंशिका की तलाश में लगी रही अंशिका की तलाश में ही रात भी गुजरी। मगर बच्ची का की तलाश करते हुए गांव की गलियों से लेकर खेत– खलिहान को तलाशती रही। रातभर भी कहीं कोई पता नहीं लगा।
बुधवार की सुबह नीरू देवी फिर स्कूल पहुंची, जहां करीब साढ़े आठ बजे रसोइया जितेंद्र ने ताले खोले तो अंशिका कक्षा के कमरे में एक कोने में भूखी– प्यासी, डरी सहमी बैठी मिली। नानी को देख वह उनसे चिपक कर रोने लगी। जानकारी पाकर ग्रामीणों की भीड़ ने स्कूल में पहुंचकर शिक्षकों स्टाफ पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए आक्रोश जताया।
धनारी पट्टी बालू शंकर प्राथमिक विद्यालय के कक्ष में छात्रा का बंद होना शिक्षकों की लापरवाही है। पूरे स्टाफ के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा घटना की जांच कराई जा रही है।
पोप सिंह, एबीएसए, गुन्नौर।