GA4

शव के अंतिम संस्कार लिये, हाई कोर्ट के निर्देश पर, गृह विभाग स्टैंडर्ड आपरेटिंग प्रोसीजर तैयार किया, उत्तर प्रदेश में शव रखकर प्रदर्शन होगा गैर संवैधानिक।

Spread the love

उत्तर प्रदेश। अब शव रखकर प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ सख्त नियम बनाए गए हैं। ऐसा करना अब दंडनीय अपराध माना जाएगा। हाथरस कांड में देर रात पीड़िता के शव का अंतिम संस्कार किए जाने के बाद हाई कोर्ट के निर्देश पर गृह विभाग ने एसओपी (स्टैंडर्ड आपरेटिंग प्रोसीजर) तैयार की है।

जानकारी के मुताबिक अब शव का सम्मान जनक तरीके से अंतिम संस्कार किए जाने के लिए यह एसओपी तैयार की गई है। अब शव को सड़क पर रखकर प्रदर्शन करना शव का अपमान माना जाएगा।

रात में अंतिम संस्कार की दशा में परिजनों की सहमति आवश्यक

एसओपी रात में किसी शव का अंतिम संस्कार करने के लिए परिजनों की अनुमति चाहिए होगी। इतना ही नहीं शुरू से लेकर आखिरी तक वीडियोग्राफी की जाएगी। शव का पोस्टमॉर्टम हाउस से लेकर अंतिम क्रिया होने तक प्रशासनिक अधिकारियों के बीच भेजे जाने वाले समस्त माध्यमों के संदेश एक साल तक सुरक्षित भी रखे जाएंगे।



पीएम हाउस से शव लेते समय देनी होगी सहमति

स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर के मुताबिक परिजन अब किसी भी संगठन या समूह के जरिए शव को रास्ते में नहीं रख सकते हैं, जैसे ही बॉडी परिजनों को सौंपी जाएगी उसके लिए लिखित रूप में सहमति ली जाएगी कि वह सीधा शव को पोस्टमॉर्टम हाउस से अपने घर लेकर जाकर रीति रिवाज करने के बाद अंतिम संस्कार के लिए ले जाएंगे।

अगर उन्होंने सव को कहीं रास्ते में रखकर भीड़ इकट्ठा कर जाम लगाया, कोई धरना प्रदर्शन किया तो ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

5 लोगों का समूह बनाकर किया जाएगा पंचनामा

एसओपी के अनुसार दाह-संस्कार परिजनों द्वारा ही किया जाएगा। शव लेने से मना करने पर, देरी या अन्य कारणों से शव के खराब होने की स्थिति में पहले तो परिवार को समझाने का प्रयास किया जाएगा और बात न मानने की स्थिति में पांच प्रतिष्ठित व्यक्तियों का समूह बनाया जाएगा। इसके बाद मृतक के समुदाय के व्यक्ति को शामिल किया जाएगा और पंच बनाकर पंचनामा तैयार किया जाएगा।


Share

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!