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जूनून और जस्बा एक पत्रकार को पत्रकारिता की ओर खींचता है, इन्हे पत्रकारिता की ओर ले जाता है, वह है इनकी जन्मपत्रिका- डाक्टर जायसवाल

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वो पत्रकार ही है जो अपने जान का जोखिम उठा कर सच्चाई को हमारे सामने लाते है। वो पत्रकार ही है जो दुर्गम रास्तो से जा कर युद्ध की, दंगो की, महामारी की, वारदातों की और विस्फोटो की खबर हम तक पहुंचाते है। जूनून और जस्बा एक पत्रकार को पत्रकारिता की ओर खींच कर ले जाता है। एक और चीज़ है जो इन्हे पत्रकारिता की ओर ले जाता है, वह है इनकी जन्मपत्रिका।

आपको बता दें कि, सेलिब्रिटी वास्तुशास्त्री डॉक्टर सुमित्रा बताती है कि, पत्रकारिता का स्वरुप निरन्तर बढ़ता जा रहा है, और यही कारण है कि, उसके महत्व में अत्यधिक वृद्धि हुई है। छोटी से छोटी जगहों पर भी पत्रकार, संवादाता, ब्यूरो चीफ, एडिटर प्रिन्ट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की प्रगति, विस्तार, प्रसार हेतु उत्तम और प्रबल संचार माध्यम खड़ा करने की कोशिस करते हैं।

डॉक्टर सुमित्रा जायसवाल कहती है कि, जहाँ एक तरफ निष्ठा, मेहनत और प्रयास है, वहीं दूसरी तरफ इसका संचालन करने वाले उपयुक्त प्रभावशाली, सार्वभौमिक, सार्वलौकिक संचालन करने वाले प्रबुद्ध पत्रकारों की भी आवश्यकता है। आज का पत्रकार केवल प्रकाशन तक ही सिमित नहीं रह गया है, बल्कि विद्युत संचालित उपकरणों के द्वारा विश्वव्यापी सभी देशों को, सभी वर्गों के व्यक्तियों को एक- दूसरे से जोड़ दिया है। आज चाहे चीन में जिनपिंग का हाउस अरेस्ट हो, या फिर अंकिता का हत्या कांड। सूचना संचार माध्यमों द्वारा अविलम्ब समस्त विश्व में प्रसारित विस्तारित हो जाती है।



एक सफल पत्रकार की जन्मपत्रिका के लक्षण

जन्मपत्रिका में १२ भाव है और हर एक का अपना कार्य छेत्र है तथा ग्रहो की उपस्थिति और दृस्टि से चमत्कार होते है। ऐसा ही एक भाव तृतीया है। पत्रकारिता में सफलता प्राप्त करने के लिए तृतीय भाव का शुभ ग्रहों के प्रभाव में होना अपेक्षित है।

क्यों है तृतीय भाव इतना महत्वपूर्ण

जैसा की मैंने सुरुवात में बताया जूनून, जस्बा और मेहनत एक पत्रकार की विसेसता है। ये तीनो गुण सशक्त तीसरे भाव से आते है।

तृतीय भाव किन चीजों का करक है

साहस, निर्भीकता, पराक्रम, धैर्य और विशेष कौशल का कारक है तृतीय भाव। यहाँ तक की संचार, विचारों की अभिव्यक्ति, सूचना, अनुवाद और लिखने की योग्यता, व्याख्या करने का कौशल अथवा वस्तुस्थिति को व्यक्त करने की क्षमता भी इसी भाव से आती है।

आज के नवीनीकरण और बिजली से चलने वाले उपकरण, इंटरनेट, वाईफाई संचार के लिए महत्वपूर्ण है, और इनके लिए द्वितीय भाव महत्वपूर्ण है।

एक सफल पत्रकार की जन्मपत्रिका में कौनसे संकेत मिलते है

बुध का शुभ ग्रहों के प्रभाव में होना, प्रबल होना तथा पापाक्रांत न होना भी अनिवार्य है। बुध प्रकाशन, लेखन, पत्रकारिता, संचार, भावों की अभिव्यक्ति, सूचना तथा प्रसारण आदि का कारक ग्रह है। इसलिए पत्रकारिता के लिए बुध का महत्व सर्वाधिक है। बुध जितना प्रबल और शुभ ग्रहों के प्रभाव में होगा, जातक उतना ही योग्य, सफल और समर्थ पत्रकार होगा। बृहस्पति और बुध ऐसे ग्रहों के तृतीय भाव में स्थित होने पर जातक लेखन कार्य में दक्ष होता है। मंगल और बुध पत्रकारिता में सफलता प्रदान करने के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण ग्रह है। हम जानते है कि, सहयोग के बिना कुछ भी संभव नहीं है।

ग्रहो की ऐसी कोई स्थिति है क्या जिसमें व्यक्ति निश्चित रूप से पत्रकार ही बनते है

यदि दशमेश बुध अथवा मंगल के नवांश तथा नक्षत्र में स्थित हो और बली हो, तो जातक पत्रकार ही बनते है।

एक सफल पत्रकार बनने के लिए इन तीन ग्रहो को साधे

मंगल, बुध और बृहस्पति को साधने से पत्रकार के जीवन में जो उछाल आएगा उसकी महज कल्पना ही की जा सकती है।

कैसे साधे ग्रहो को और अपना पंचम ऊंचा करें

हर ग्रह की जाप संख्या अलग है। जाप संख्या के अनुरूप ही जाप करने से उचित फल की प्राप्ति होगी।

मंगल मन्त्र:

ॐ अं अंगारकाय नमः।

जाप संख्या १०००० करनी है।

मंगलवार के दिन करे।

बुध मन्त्र

ॐ बुं बुधाय नमः

जाप संख्या ८००० बुधवार के दिन करे।

गुरु नाम मन्त्र

ॐ बृं बृहस्पतये नमः।

जाप संख्या १९००० गुरुवार के दिन करे।

एक दिन में अगर आप जाप को पूरा न कर सके तो अगले दिन भी कर के पूरा करे।

देश को समृद्ध और सशक्त पत्रकार मिले और अंतराष्ट्रीय स्तर पर हमारे पत्रकारों को सम्मान प्राप्त हो ऐसी मेरी शुभकामना है।

डॉक्टर सुमित्रा


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