रायबरेली। थानाक्षेत्र सलोन के अंतर्गत उल्लिखित शिकायत क्रमांक 498, 508, 509 व 513 ये सभी एफाईआर एण्टी रोमियो कार्यक्रम की सफलता के लिये लिखे गये हैं। जब सलोन क्षेत्र में इतनें आशिक हैं, तो यह सभी इसी माह ही क्यों निकलकर सामनें आये है? क्या इससे पहले सलोन कोतवाली में कर्मी अयोग्य थे, य फिर यह सभी केस फर्जी हैं।
इन समस्त केसों को पंजीकृत करवानें वाली पुलिस विभाग की विशेष कर्मचारी हैं महिला उपनिरीक्षक पारूल राठी जो रायबरेली की कोतवाली सलोन में आयीं हैं। हाल फिलहाल आयी हैं, युवा जोश से परिपूरित राठी जी अपनी उर्जा को गलत दिशा में खर्च कर रहीं हैं, जो मानवता व समाज के लिये शर्मसार करनें वाली बात है।
उपरोक्त चारों शिकायतों की भाषा शैली एक ही है, जबकि 5 अलग- अलग लोगों की महिलाओं पर फब्ती कसनें की भाषा एक हो वह भी अपनी स्थानीय भाषा न होकर गैर जनपदीय भाषा तो समझ के परे है। “आओ जानेमन तुम्हें हसीन वादियों में लेकर चलता हूँ” यह वाक्य आप उपरोक्त। चारों शिकायतों में समान रूप से देख व पढ़ सकते हैं।
मैं आखिरी सच वेब मीडिया की ओर से पुलिस महानिरीक्षक महोदय उत्तर प्रदेश से अनुरोध करूँगा उपरोक्त वर्णित समस्त शिकायतों की जांच रामकृपाल सिंह (पूर्व उपनिरीक्षक) डीह सन् 2015 जैसे निष्ठावान व जिम्मेदारियों के कुशल निर्वाहक कर्मी से करवाकर दूध का दूध पानी का पानी करें।
आखिरी सच की अपनी मोटी- मोटी पड़ताल में उपरोक्त 5 कथित दोषियों में 4 तो एकदम गलत फँसाये गये हैं, जबकि पांचवा गलत है लेकिन रोमियो पंथी नही करता है। हां दैनिक पारिवारिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिये छोटी- मोटी दलाली कर लेता है।