एक ब्राह्मण चौबे को उनकी नौकरी बिना पूर्व सूचना दिये उनके माइन प्रबंधक द्वारा व्यक्तिगत उनकी हाजिरी कालम में स्टाप लगाकर आर्डर बाय सी एम लिखकर इतिश्री कर ली गयी। जिसके क्रम में श्री गोविंद जी चौबे को उच्चाधिकारियों को पत्र लिखते हुए अपनें संगठनों को भी प्रति भेजनी पड़ी। जिसके क्रम में विभिन्न संगठनों नें श्री चौबे के उत्पीड़न के क्रम में मोर्चा खोलनें का ऐलान कर दिया है।
पत्र का अक्षरशः मजमून जैसा लिखा गया पत्र देखिये व दर्द का आंकलन कीजिए।
विषय : – झिरिया यू० जी० माइंन मैनेजर द्वारा मेरे कार्य पर रोक लगाने के संबंध में।
महाशय,
विदित हो कि मैं झिरिया यू० जी० माइन मे ओभर मैन के पद पर पदस्थ हूँ। मैं दिनाँक 25-09-2022 को अपना ड्यूटी करके घर आ गया पुनः दिनांक 26-09-2022 को मैं ड्यूटी गया तो, झिरिया मैनेजर द्वारा हाजिरी खाता फार्म सी में 26-09-2022 के कालम में stop और आगे Remark में Order by C.M. लिखकर मुझे काम करने से रोक दिया गया है।
मान्यवर, बिना कोई वजह चार्जशीट, वारनिंग लेटर दिए मुझे सजा दे दिये। क्या सर्विस रुल और स्टैंडिंग ऑर्डर में कोई धारा या कानून है, जो इन्हें ये अधिकार देता है, कि किसी को डियूटी पर रोक लगा सकते हैं, तो कौन सा मुझे बताया जाये। यदि नही तो अपने संवैधानिक अधिकार का अतिक्रमण और मानवीय मूल्यों को दर किनार कर मेरे आत्म सम्मान को चोट पहुॅचाने के कारण इनके ऊपर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाये।
प्रतिलिपि :
1. अध्यक्ष सहप्रबंध निदेशक, बिलासपुर।
2. महाप्रबंध, हसदेव क्षेत्र।
3. अध्यक्ष कोयला मजदूर पंचायत (HMS) हसदेव क्षेत्र।
4. महामंत्री कोयला मजदूर पंचायत (HMS) बिलासपुर।
5. अध्यक्ष आरक्षण संघर्ष समन्वय समिति, नई दिल्ली।
समर्थन दाता संगठनों के नाम
कोयला मजदूर पंचायत (HMS) समस्त ईकाइयां, आरक्षण संघर्ष समन्वय समिति, क्रान्ति मिशन, राष्ट्रीय सवर्ण परिषद, इण्टरनेशनल काउंसिल फार इंवेस्टिगेटिव जर्नलिज्ट एशोसियेशन, ग्रामीण पत्रकार ऐशोसियेशन, मीडिया वेलफेयर ऐशोसियेशन, गरीब पैंथर ऐशोसियेशन खुलकर सामनें आ चुके हैं। वहीं कई मान्यता प्राप्त व गैर मान्यता प्राप्त राजनैतिक दल भी इस मामले में खूलकर सामनें आ चुके हैं।
आखिरी सच की पड़ताल में मामले की शुरूआत 13 मई 2018 से षड़यंत्रान्तर्गत निकाला गया श्री चौबे को
यदि मुद्दे की बुनियाद को खोजा जायेगा तो विवाद की जड़ उपरोक्त तिथि से ही शुरूआत निकलेगी जबकि षड़यंत्र पर षड़यंत्र करते हुए ब्राह्मण व क्षत्रिय की संयुक्त प्रयास से उत्पादित दोगले प्रबंधक व उसके आकाओं के द्वारा गलत तरीके से चौबे साहब का लगातार उत्पीड़न किया गया।