नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में जब शशि थरूर ने अपना नामांकन दाखिल किया तो साफ था कि G-23 कहे जाने वाले कांग्रेस के असंतुष्ट गुट के ज्यादातर नेताओं ने अपना पाला बदल दिया है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री मोहसिना किदवई, सैफुद्दीन सोज, केवल 4 सांसद और G-23 के एक प्रमुख नेता संदीप दीक्षित उन लोगों में शामिल हैं, जिन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए शशि थरूर की उम्मीदवारी के समर्थन में नामांकन फॉर्म पर हस्ताक्षर किए। शशि थरूर की उम्मीदवारी के समर्थन में नामांकन फॉर्म पर सांसद- कार्ति चिदंबरम, प्रद्युत बोरदोलोई, एमके राघवन और मोहम्मद जावेद ने हस्ताक्षर किए हैं।
संदीप दीक्षित और शशि थरूर उन 23 नेताओं के समूह में शामिल थे, जिन्होंने 2020 में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर बड़े पैमाने पर संगठनात्मक सुधार की मांग की थी। दिलचस्प बात यह है कि G-23 के अधिकांश नेताओं ने थरूर का समर्थन करने के बजाय मल्लिकार्जुन खड़गे का प्रस्तावक बनकर पार्टी में अपना वजन बढ़ाने की कोशिश की है।
जबकि थरूर G-23 गुट के एक प्रमुख सदस्य थे।
शशि थरूर ने अपनी उम्मीदवारी के 6 फॉर्म ट्विटर पर पोस्ट किए। हालांकि वह शुक्रवार को केवल पांच फॉर्म जमा कर सके, क्योंकि उन्हें छठा फॉर्म जमा करने में कुछ मिनट की देरी हुई। साथ ही यह भी पता नहीं चल पाया है कि उनके सभी पांच फॉर्म स्वीकार किए गए थे या नहीं।
क्योंकि कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के प्रमुख मधुसूदन मिस्त्री ने शनिवार को कहा था कि कुल 20 नामांकन फॉर्मों में से 4 को खारिज कर दिया गया। जबकि एक खारिज फॉर्म झारखंड के पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी का था। मिस्त्री ने यह बताने से इनकार कर दिया कि अन्य तीन फॉर्म किसने दाखिल किए थे, जिन्हें खारिज कर दिया गया था। मल्लिकार्जुन खड़गे ने 14 फॉर्म जमा किए थे। जबकि थरूर ने पांच और त्रिपाठी ने एक फॉर्म जमा किया था।