उत्तर प्रदेश। औरैया जिले में एक लड़की का शव बिना कपड़ों के बरामद किया गया है। पुलिस के मुताबिक परिजनों ने बताया था कि मृतक लड़की सुबह शौच के लिए खेत में गई थी। दो घंटे बीत जाने पर भी जब लड़की नही आई तो परिजनों ने उसकी तलाश शुरु कर दी। इस दौरान उसका शव अर्धनग्न अवस्था में खेत में पाया गया। मौके पर पहुंची पुलिस ने आनन- फानन में शव को पोस्टमार्म के लिए भेज दिया।
वहीं कांग्रेस ने ट्वीट कर इस वारदात को लेकर योगी सरकार पर निशाना साधते हुए इसे जंगल राज करार दिया है।
यूपी के औरैया में एक 17 साल की लड़की का निर्वस्त्र शव खेत में मिला।
पुलिस पहुंची और शव को आनन-फानन में लेकर भागने लगी। बदहाल परिवार पीछे दौड़ रहा है।
महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले में 'यूपी नंबर 1' है।
यूपी के औरैया में एक 17 साल की लड़की का निर्वस्त्र शव खेत में मिला। पुलिस पहुंची और शव को आनन-फानन में लेकर भागने लगी। बदहाल परिवार पीछे दौड़ रहा है। महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले में ‘यूपी नंबर 1’ है।
क्या कोई पत्रकार या मीडिया संस्थान योगी राज को ‘जंगलराज’ कहने की हिम्मत जुटा पाएगा? शायद इसका जबाव नही में ही आएगा। कह भी मत देना। नही तो दशहरा और दीपावली जेल में बितानी पड़ेगी। आपको जानकारी देना चाहते हैं कि नोएडा पुलिस ने पत्रकार अजय गुप्ता पर केवल इसलिए मुकदमा दर्ज कर दिया क्योंकि अजय गुप्ता ने नोएडा में गांजा तस्कर की पुलिस से सांठगांठ होने का खुलासा करते हुए विडियो वायरल कर दी थी।
वहीं दूसरी ओर बांदा जिले के 7 पत्रकारों को नरैनी क्षेत्राधिकारी द्वारा खनन माफियाओं राजकरन कबीर एण्ड कम्पनी से साठ- गांठ कर जेल भेज दिया गया। बांदा के पत्रकारों की गलती सिर्फ इतनी थी कि उन्होंने नरैनी थाना क्षेत्र में हो रहे अवैध खनन की खबर कवरेज करने के बाद क्षेत्राधिकारी का वर्जन लेने के लिए उससे सम्पर्क किया था।
जिससे क्षेत्राधिकारी को पत्रकारों द्वारा अवैध खनन की कवरेज करने की जानकारी हो गई। जिस पर उसने खनन माफियाओं को बचाने और पुलिस की संलिप्तता पर पर्दा डालने के लिए पत्रकारों पर 3500 रुपए रंगदारी वसूलने का मुकदमा दर्ज करा दिया। ये 3500 रुपए पत्रकारों की अपनी जेब के थे। पत्रकारों के मोबाइल और कैमरों से कवर की गई खबरों को डिलीट कर दिया गया था। फिलहाल सातों पत्रकार जेल में हैं। ~ विनय श्रीवास्तव।