पट्टी। अपराधियों पर लगाम कसने के लिए पुलिस अधीक्षक सतपाल अंतिल जहां लगातार थानेदारों की नकेल तो कस रहे हैं। लेकिन थानों के पुलिस की निष्क्रियता का फायदा बेखौफ होकर अपराधी उठा रहे हैं। अवैध कारोबार करने वाले तस्कर अपना काम आसानी से कर के निकल ले रहे हैं।
ज्ञात हो दिलीपपुर थाना क्षेत्र में कुछ समय से जिस तरह से अवैध असलहा अवैध गांजा व स्मैक की धड़ल्ले से बिक्री हो रही है। पिछले कुछ महीने के अंदर जौनपुर से दिलीप पुर थाना क्षेत्र में अवैध असलहा की बिक्री दिनदहाड़े हो रही थी। सोशल मीडिया पर खबर वायरल होने के बाद भी दिलीपपुर पुलिस गश्त बढ़ाने के बजाय शांत हो गई है। आसपास के छोटे चौराहों सुनसान जगहों पर एक भी पुलिसकर्मी नजर नहीं आते है।
दिलीपपुर थाना होने के कारण बेलखरनाथ सई नदी का पुल जगदीश गढ़ चौराहा से शीतला गंज बाजार होते हुए रखहा की तरफ अपराधी बेखौफ होकर फरार हो जाते हैं। नदी के उस पार से लेकर इस पार तक अवैध कारोबार करने वाले अपराधी अपना अवैध कारोबार दिन पर दिन बढ़ा रहे हैं।
क्षेत्र कंधई थाना व दिलीप पुर थाना की सीमा एक दूसरे में सटा होने के कारण अपराधी अपना काम बेखौफ होकर कर रहे हैं। इस गंदे धंधे में 20 साल से लेकर 25 साल तक के युवा जरायम की दुनिया में कदम रख चुके हैं। शौक पूरा करने के लिए अवैध कारोबार करने वाले युवाओं को नशा खोर बना दिया गया है। दिलीपपुर पुलिस है कि सही बताने पर उसे गलत लगता है।
खबर लिख देने पर छटपटाहट होती है। सच तो यह है कि दिलीपपुर पुलिस दलालों के चंगुल में फँस गई है। आसपास के कुछ तथाकथित थाने के दलाल थाने के बाहर बैठकर दलाली करते हैं। ऐसे में सवाल यह उठता है, कि दिलीपपुर पुलिस गरीबों और पीड़ितों को न्याय कैसे दे पाएगी।
या फिर पीड़ित थाने का चक्कर ही काटेगा । बेलखरनाथ पुल इस समय अपराधियों के लिए पनाहगाह बन गया है। रानीगंज थाना क्षेत्र से होकर दिलिपपुर कधंई में घुसकर अपना कारोबार अवैध रूप से अपराधी कर रहे हैं। शायद जनपद प्रतापगढ़ की दिलीपपुर पुलिस किसी बडी घटना का इंतजार है।